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September 10, 2025 6:15 pm

तुमगांव पुलिस की कार्रवाई पर उठा भूचाल – “जिस्मफरोशी के खिलाफ आवाज उठाने वाले को ही सलाखों के पीछे धकेल दिया गया”

तुमगांव पुलिस की कार्रवाई पर उठा भूचाल – “जिस्मफरोशी के खिलाफ आवाज उठाने वाले को ही सलाखों के पीछे धकेल दिया गया”

Mahasamund/ शनिवार सुबह जैसे ही तुमगांव  नगर पंचायत अध्यक्ष बलरामकांत साहू की गिरफ्तारी की खबर नगर में फैली, पूरा माहौल मानो विस्फोटक हो गया। पुलिस का दावा है कि यह गिरफ्तारी छेड़छाड़ और धमकी के गंभीर आरोपों पर हुई है, लेकिन ग्रामीणों और समर्थकों का कहना है कि असली वजह कुछ और है – और वह है तुमगांव में खुलेआम फल-फूल रहे जिस्मफरोशी के कारोबार के खिलाफ आवाज उठाना।

गिरफ्तारी की नाटकीय कहानी!
सुबह तड़के पुलिस ने बलरामकांत साहू के घर पहुंचकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी होते ही पूरे नगर पंचायत क्षेत्र में खलबली मच गई।देखते ही देखते गुस्साई भीड़ थाने के सामने जमा हो गई, दुकानों के शटर धड़ाधड़ बंद होने लगे और मुख्य मार्ग पर चक्का जाम कर दिया गया।

“बलरामकांत साहू को रिहा करो” के नारों से पूरा इलाका गूंज उठा।

लोगों का आरोप था कि पुलिस ने यह कार्रवाई जनता की आवाज दबाने के लिए की है।

गिरफ्तारी से 24 घंटे पहले की कहानी!

सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या यह सब एक संयोग था या सुनियोजित साजिश?क्योंकि सिर्फ एक दिन पहले ही बलरामकांत साहू ने पुलिस को ज्ञापन सौंपा था, जिसमें उन्होंने साफ लिखा था कि नगर क्षेत्र में देह व्यापार तेजी से फैल रहा है।उन्होंने चेतावनी दी थी कि अगर पुलिस कार्रवाई नहीं करेगी तो वे स्वयं आंदोलन करेंगे।और ठीक अगले ही दिन उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

पुलिस का तर्क बनाम जनता का सवाल!

पुलिस का कहना है कि बीती रात कुछ महिलाओं ने थाने में शिकायत दर्ज कराई थी।
• उनका आरोप है कि बलरामकांत साहू ने उनसे छेड़छाड़ की और पेट्रोल डालकर घर जला देने की धमकी दी।
• इन्हीं आरोपों पर पुलिस ने साहू को गिरफ्तार कर धारा 351(3), 296, 74 और 75(2) के तहत मामला दर्ज किया।

लेकिन जनता का कहना है कि –
अगर बलरामकांत साहू सच में दोषी थे तो अचानक इतने गंभीर आरोप ठीक उसी दिन क्यों लगे जब उन्होंने जिस्मफरोशी बंद कराने की मांग की?
• क्या यह “पेट्रोल की धमकी” पर कार्रवाई है या “जिस्मफरोशी की दुकानें बंद कराने की धमकी” पर?
• क्या पुलिस कानून का पालन कर रही है या फिर अवैध धंधे करने वालों की ढाल बन गई है?

तुमगांव – काला धंधे का गढ़!

यह कोई पहला मौका नहीं है जब तुमगांव चर्चा में आया हो।
•वर्षों से यह इलाका देह व्यापार का गढ़ माना जाता रहा है।
•कई बार यहां पीटा एक्ट के तहत कार्रवाई हुई, घर तोड़े गए, लेकिन कुछ ही दिनों बाद कारोबार फिर से शुरू हो जाता है।

स्थानीय लोग कहते हैं कि यह धंधा इतना मजबूत नेटवर्क बन चुका है कि पुलिस की कार्रवाई भी इसके आगे बौनी साबित हो जाती है।

“जो विरोध करता है, वही फंस जाता है,” ग्रामीणों ने कहा।

गांव की जनता की बगावत!
बलरामकांत साहू की गिरफ्तारी ने गांव को उबाल दिया है।महिलाएं तक सड़कों पर उतर आईं। उनका कहना था कि –“जिस इंसान ने हमारी बेटियों और बहनों की सुरक्षा के लिए आवाज उठाई, उसी को अपराधी बना दिया गया।”

बाजार में किसी ने सब्जी नहीं बेची, दुकानों के शटर गिरे रहे और गांव में मातम जैसा माहौल छा गया।
युवाओं ने ट्रैक्टर-ट्रॉली खड़ी कर सड़कों को जाम कर दिया।

धाराएं और सज़ा – जनता का अविश्वास!
बलरामकांत साहू पर दर्ज धाराओं का जिक्र करते हुए पुलिस ने उन्हें बड़ा अपराधी बताने की कोशिश की –

•धारा 351(3) – छेड़छाड़ (3 साल तक की कैद या जुर्माना)

•धारा 296 – आपराधिक धमकी (2 साल तक की कैद या जुर्माना)

•धारा 74 – सामान्य मारपीट (1 साल तक की कैद या 10,000 जुर्माना)

•धारा 75(2) – खतरनाक हथियार/आग से चोट (7 साल तक की कैद + जुर्माना)

लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि यह सब फर्जी आरोप हैं, ताकि बलरामकांत साहू को दबाया जा सके।

बड़े सवाल जो पुलिस से पूछे जाने चाहिए!

जिस व्यक्ति ने जिस्मफरोशी के खिलाफ मोर्चा खोला, उसी पर छेड़छाड़ का आरोप क्यों लगा?

•क्या यह मात्र संयोग है या फिर सुनियोजित साजिश?

•पुलिस की कार्रवाई सच में शिकायत पर हुई या फिर “काले कारोबार” को बचाने के लिए?

•अगर जिस्मफरोशी के खिलाफ कार्रवाई करनी है तो आखिर अब तक यह धंधा क्यों फल-फूल रहा है?

 जनता की अदालत बनाम पुलिस की कार्रवाई!
तुमगांव की जनता अब यह मानने को तैयार नहीं कि पुलिस सिर्फ कानून के लिए काम कर रही है।
गांव में यह चर्चा जोरों पर है कि –“यह गिरफ्तारी पुलिस की नहीं, बल्कि जिस्मफरोशी के कारोबारियों की जीत है।”

अब देखना यह होगा कि अदालत में सच्चाई क्या सामने आती है।
क्या बलरामकांत साहू सच में दोषी साबित होंगे?
या फिर यह मामला छत्तीसगढ़ की राजनीति और अवैध धंधों की मिलीभगत का एक और काला अध्याय बनकर रह जाएगा?

इस मामले में पुलिस का क्या कहना :

“पुलिस का कहना है कि, बीती रात कुछ महिलाओं ने थाने पहुंचकर बलरामकांत साहू पर छेड़छाड़ और पेट्रोल डालकर घर जला देने की धमकी देने की शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत के आधार पर पुलिस ने साहू को गिरफ्तार कर लिया।”

सबसे बड़ा सवाल यही है –
क्या पुलिस अवैध धंधों को खत्म करने आई है,
या फिर विरोध करने वालों को खत्म करने?

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