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July 22, 2025 5:29 pm

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दहशत के सन्नाटे में चीखती इंसानियत: पुरी में 15 वर्षीय छात्रा को जिंदा जलाया, मौत से जूझ रही मासूम!”

“दहशत के सन्नाटे में चीखती इंसानियत: पुरी में 15 वर्षीय छात्रा को जिंदा जलाया, मौत से जूझ रही मासूम!”

Puri,odisha /पुरी की सड़कों पर इंसानियत हुई शर्मसार, जलते शरीर की चीखों ने कंपा दी रूह —ओडिशा में हैवानियत की इंतहा शनिवार सुबह पुरी ज़िले के बायाबर गांव में एक ऐसा दिल दहला देने वाला कांड हुआ जिसने पूरे ओडिशा को झकझोर कर रख दिया। एक 15 वर्षीय नाबालिग छात्रा को तीन अज्ञात युवकों ने रास्ते में रोककर पेट्रोल छिड़क कर जिंदा आग के हवाले कर दिया। अब वह जिंदगी और मौत की जंग एम्स भुवनेश्वर के आईसीयू में लड़ रही है।

घटना शनिवार सुबह 9:00करीब बजे नीमापाड़ा तहसील के अंतर्गत आने वाले शांत और छोटे से गांव बायाबर में हुई, जहां छात्रा अपने दोस्त को किताबें लौटाने निकली थी। लेकिन किसे पता था कि उस मासूम की किताबों की जगह, वह दर्द की एक ऐसी कहानी अपने साथ लेकर लौटेगी, जिसे सुनकर पत्थर भी पिघल जाएं।

स्थानीय सूत्रों के अनुसार, जब वह भार्गवी नदी मार्ग पर सुनसान रास्ते से गुजर रही थी, तभी बाइक सवार तीन युवक अचानक उसके सामने आ गए। उन्हें रोकने का प्रयास करने वाली छात्रा को उन्होंने जबरन खींचा और पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी। उसके चीत्कार सुनकर पास के खेतों में काम कर रहे ग्रामीण दौड़े और किसी तरह आग बुझाई। तब तक उसका शरीर बुरी तरह झुलस चुका था।

वहां से उसे आनन-फानन में भुवनेश्वर के एम्स अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों की एक विशेष टीम उसका इलाज कर रही है। छात्रा के दोनों हाथ, पीठ और चेहरा बुरी तरह जल चुके हैं। फिलहाल वह बर्न यूनिट के आईसीयू में भर्ती है और स्थिति अत्यंत गंभीर बनी हुई है।

एम्स भुवनेश्वर के बर्न यूनिट प्रमुख डॉक्टरों ने बताया, “छात्रा के शरीर का 70% हिस्सा झुलस चुका है। ट्रॉमा केयर के बाद उन्हें तुरंत वेंटिलेटर पर रखा गया है। हम उनकी हालत को स्थिर करने की हरसंभव कोशिश कर रहे हैं।”

इस क्रूर कांड के बाद ओडिशा पुलिस हरकत में आ गई है। पुरी के एसपी पिनाक मिश्रा स्वयं घटनास्थल पर पहुंचे। फॉरेंसिक टीम, साइंटिफिक एक्सपर्ट्स और डॉग स्क्वाड के साथ उन्होंने घटनास्थल की बारीकी से जांच की। पुलिस को कुछ अहम सुराग भी हाथ लगे हैं, जिनके आधार पर जल्द गिरफ्तारी की उम्मीद जताई जा रही है।

एसपी मिश्रा ने बताया, “यह एक बेहद संवेदनशील और अमानवीय अपराध है। घटनास्थल से जो साक्ष्य मिले हैं, वे जांच को तेजी से आगे बढ़ाएंगे। हमारी प्राथमिकता छात्रा की हालत स्थिर होते ही उसका बयान लेना है, जिससे हम अपराधियों की पहचान कर सकें।”

छात्रा की मां, जो अपनी बेटी के साथ अस्पताल में मौजूद हैं, का कहना है कि उनकी बेटी एक होनहार और शांत स्वभाव की लड़की थी। उन्होंने किसी से दुश्मनी नहीं की थी। उन्होंने रोते हुए कहा, “मेरी बेटी ने किसी का क्या बिगाड़ा था? उसे क्यों इस तरह जलाया गया? उसे इंसाफ मिलना चाहिए।”

बलंगा थाने में दर्ज एफआईआर के अनुसार, अज्ञात युवकों पर हत्या के प्रयास, एसिड अटैक और पॉक्सो एक्ट की धाराएं लगाई गई हैं। जांच के लिए चार विशेष टीमें बनाई गई हैं। पुलिस आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है और गांव में घर-घर जाकर पूछताछ कर रही है।

ओडिशा के पुलिस महानिदेशक वाईबी खुरानिआ ने मामले पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “यह घटना रूह कंपा देने वाली है। इसमें शामिल दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस हर स्तर पर कार्रवाई कर रही है और जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।”

इस वीभत्स कांड ने ओडिशा की जनता के साथ-साथ पूरे देश को आक्रोशित कर दिया है। सोशल मीडिया पर ‘#JusticeForOdishaGirl’ ट्रेंड कर रहा है। राज्य महिला आयोग ने भी मामले का संज्ञान लिया है और पुरी प्रशासन से रिपोर्ट तलब की है।

पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और कई अन्य नेताओं ने भी घटना पर दुख जताया है और दोषियों को जल्द से जल्द सज़ा देने की मांग की है।

अब सवाल यह है:

• क्या वह बच्ची दोबारा मुस्कुरा पाएगी?
• क्या दोषी इतने ताक़तवर हैं कि कानून की पकड़ से बाहर हैं?
• या इस बार कानून, न्याय और इंसानियत साथ मिलकर उस मासूम की चीखों का जवाब देंगे?

उम्मीद है कि ओडिशा पुलिस की तेज़ कार्रवाई और समाज का दबाव, इस बार किसी “निर्भया” को फिर से भुलाने नहीं देगा। यह सिर्फ एक बच्ची की लड़ाई नहीं, बल्कि पूरे समाज की चेतना और न्याय के अस्तित्व की अग्नि परीक्षा है।

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