July 16, 2025 11:27 pm

Mumbai News-करंट बना काल! बैडमिंटन खेलते हुए AC वायरिंग ने ली 10वीं के छात्र की जान, खौफनाक मौत CCTV में कैद!

Mumbai News-करंट बना काल! बैडमिंटन खेलते हुए AC वायरिंग ने ली 10वीं के छात्र की जान, खौफनाक मौत CCTV में कैद!

Mumbai,नायगांव:खेल-कूद की मस्ती उस शाम मातम में बदल गई, जब बैडमिंटन खेलते हुए एक मासूम छात्र की जान चली गई। मुंबई कें नायगांव के एक रिहायशी सोसाइटी में 15 वर्षीय छात्र आकाश संतोष साहू की मौत AC वायरिंग से करंट लगने के कारण हो गई। हादसा इतना अचानक और भयानक था कि किसी को समझने का मौका भी नहीं मिला। मासूम आकाश की मौत की तस्वीरें सोसाइटी के सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गईं — जो अब पूरे इलाके में सनसनी फैला रही हैं।

मस्ती से मौत तक: कुछ ही सेकंड में बदल गया नज़ारा!

शुक्रवार शाम करीब 7 बजे की बात है। आकाश और उसके चार दोस्त सोसाइटी के कंपाउंड में बैडमिंटन खेल रहे थे। खेल के बीच अचानक शटलकॉक पहली मंजिल पर बने एक फ्लैट की खिड़की में जा फंसी। आकाश बिना देर किए शटल निकालने के लिए खिड़की पर चढ़ा। यही चढ़ाई उसकी ज़िंदगी की आखिरी साबित हुई।

सीसीटीवी फुटेज में साफ देखा गया कि जैसे ही वह खिड़की से शटल निकालने के लिए झुका, उसे अचानक करंट का जोरदार झटका लगा। उसका शरीर झनझना उठा, और वह खिड़की से चिपककर वहीं बेहोश होकर गिर पड़ा। यह दृश्य इतना भयावह था कि देखने वाले सिहर उठे।

साथी बच्चों की चीख-पुकार और बेबस कोशिशें!

आकाश के साथ खेल रहे दोस्तों ने जब उसे गिरते देखा, तो वे तुरंत उसके पास भागे। उनमें से एक ने उसे पकड़कर हटाने की कोशिश की, लेकिन उसे भी करंट का झटका लगा और वह दूर जा गिरा। बाकी दोस्त भी दौड़े, किसी ने पानी की बोतल लाकर उसके चेहरे पर पानी डाला, किसी ने उसे हिलाया, लेकिन आकाश की आंखें नहीं खुलीं।

बच्चों ने आनन-फानन में परिवार को बुलाया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। आकाश को पास के अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़!

मात्र 15 साल की उम्र में बेटे को यूं खो देना किसी भी माता-पिता के लिए सबसे बड़ा दुःस्वप्न होता है। आकाश के माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल है। वे बार-बार बस यही कह रहे हैं कि “हमारा बच्चा सिर्फ शटल लेने गया था, उसे क्या पता था कि मौत वहां छिपी बैठी है।”

सवालों के घेरे में सोसाइटी की लापरवाही!

सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि खिड़की में ऐसा कौन-सा करंट था जो किसी को छूते ही उसकी जान ले सकता है? प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि उस खिड़की में AC वायरिंग से करंट आ रहा था — लेकिन यह वायरिंग खुली क्यों थी? किसकी जिम्मेदारी थी यह देखना कि कहीं भी करंट लीक न हो? क्या सोसाइटी में सुरक्षा मानकों का पालन किया गया था?

पुलिस और बिजली विभाग की जांच शुरू!

पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज जब्त कर लिया है और जांच शुरू कर दी है। बिजली विभाग की टीम भी मौके पर पहुंची है और तकनीकी जांच में जुटी है कि किस तरह से खिड़की में इतना तेज़ करंट दौड़ रहा था। सोसाइटी प्रबंधन से भी पूछताछ की जा रही है।

पड़ोसियों में आक्रोश और डर का माहौल!

घटना के बाद पूरे कॉम्प्लेक्स में मातम और गुस्से का माहौल है। एक पड़ोसी ने कहा, “बच्चे खेलते हैं, मस्ती करते हैं। लेकिन क्या हम उन्हें ऐसे मरने के लिए छोड़ देंगे? यह सीधा-सीधा लापरवाही का मामला है।”
बच्चों के माता-पिता अब सवाल पूछ रहे हैं कि क्या सोसाइटी में बच्चों के खेलने की कोई सुरक्षित जगह नहीं है? और क्या हर खिड़की, हर तार में मौत ही छुपी बैठी है?

CCTV बना गवाह, लेकिन रोक नहीं सका हादसा!

यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि सीसीटीवी सिर्फ रिकॉर्ड करता है, सुरक्षा नहीं देता। अगर सोसाइटी प्रबंधन ने समय पर AC वायरिंग की जांच कर ली होती, तो शायद आकाश आज जिंदा होता। एक होनहार छात्र, एक मासूम दोस्त, एक प्यारा बेटा — सब कुछ एक झटके में खत्म हो गया।

निष्कर्ष: खेल के मैदान से श्मशान तक की दूरी सिर्फ एक करंट जितनी!

यह हादसा सिर्फ एक परिवार की नहीं, पूरी व्यवस्था की विफलता है। जो बच्चे खेलते हुए मुस्कराते हैं, वे कभी भी ऐसी किसी लापरवाही की भेंट चढ़ सकते हैं। अब देखना है कि पुलिस की जांच किसे जिम्मेदार ठहराती है और क्या कोई दोषी सज़ा तक पहुंचता है, या आकाश की मौत भी सिर्फ एक “दुर्घटना” बनकर रह जाएगी।

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