धमतरी/छत्तीसगढ़ -श्रद्धा की धरती पर अपराध की जो कहानी सामने आई, उसने पूरे जिले को स्तब्ध कर दिया। कुरूद क्षेत्र समेत जिले के सात प्रमुख मंदिरों में बीते एक महीने में जो सुनियोजित तरीके से चोरी की वारदातें हुई थीं, उनका नाटकीय खुलासा पुलिस ने कर दिया है। चौंकाने वाली बात यह है कि इन धार्मिक स्थलों को निशाना बनाने वाला कोई और नहीं बल्कि एक सुनियोजित गिरोह का सरगना जाहिर उर्फ समीर खान था, जिसने आस्था और विश्वास के प्रतीकों को अपनी हवस का शिकार बनाया।
धमतरी पुलिस की त्रिस्तरीय जांच, मास्टरमाइंड गिरफ्तार!
धमतरी पुलिस की सतर्कता, साइबर सेल की तकनीकी दक्षता और मुखबिर तंत्र की कुशल रणनीति ने इस मामले को बेनकाब कर दिया। पुलिस अधीक्षक सूरज सिंह परिहार के मार्गदर्शन में कुरूद थाना, कोतवाली थाना, साइबर टीम और गुप्तचर विभाग ने मिलकर गिरोह का पर्दाफाश किया। सीसीटीवी फुटेज, कॉल डिटेल एनालिसिस और लोकेशन ट्रैकिंग के माध्यम से चोरों की पहचान की गई और उन्हें घेराबंदी कर गिरफ्तार कर लिया गया।
आस्था के प्रतीक बने निशाना: चुन-चुनकर मंदिरों में वारदात!
धमतरी जिले में जिन मंदिरों को इस गिरोह ने निशाना बनाया उनमें चंडी मंदिर कुरूद, नागेश्वर मंदिर, रत्नेश्वरी मंदिर, श्रीराम मंदिर, छत्तीसगढ़ महतारी मंदिर, शिव मंदिर और काली मंदिर जैसे श्रद्धा के केंद्र शामिल हैं। इन मंदिरों से कुल 7 लाख रुपए से अधिक की चोरी की गई।
चोरी गए सामान में शामिल हैं:
• सोने का मुकुट
• सोने का लॉकेट
• चांदी की चरण पादुका
• नकद राशि
• 320 से अधिक दानपेटी के सिक्के
• एक स्कूटी टीवी और फ्रिज तक
इन वस्तुओं की बरामदगी के बाद न केवल पुलिस की कार्यकुशलता का परिचय मिला, बल्कि श्रद्धालुओं की आस्था भी दोबारा मजबूत हुई।
चार आरोपी गिरफ्तार: मास्टरमाइंड समेत पूरा गिरोह सलाखों के पीछे!
पुलिस ने इस पूरे गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है:-
• जाहिर उर्फ समीर खान – मुख्य मास्टरमाइंड, योजनाकार और निष्पादक,
• अफरोज़ खान – जाहिर की पत्नी, साजिश में बराबर की भागीदार,
• मोहम्मद मुनाफ खत्री – चोरी में शामिल,
• ताहिरा बानो – चोरी के सामान को छुपाने और ठिकाने लगाने में भूमिका,
गिरफ्तार किए गए सभी आरोपी मूलतः- महासमुंद जिले के बसना क्षेत्र के निवासी हैं, लेकिन वर्तमान में धमतरी में किराए के मकान में रहकर ये वारदातों को अंजाम दे रहे थे। गिरोह बड़े ही चतुराई से पहले मंदिरों की रेकी करता, फिर रात में सुनसान समय पर चोरी को अंजाम देता।
सीसीटीवी और तकनीकी साक्ष्य बने हथियार:-
धमतरी पुलिस को सबसे बड़ी कामयाबी तब मिली जब चंडी मंदिर से मिली सीसीटीवी फुटेज में एक संदिग्ध स्कूटी और व्यक्ति को बार-बार देखा गया। इसके बाद तकनीकी सर्वे के जरिए लोकेशन ट्रैकिंग की गई और मोबाइल टॉवर से मिली लोकेशन के आधार पर टीम ने अलग-अलग जगहों पर दबिश दी।
साइबर सेल की टीम ने मोबाइल डिवाइसेज़ और कॉल रिकॉर्ड्स की जांच कर गिरोह की गतिविधियों को ट्रेस किया। इसके बाद जैसे-जैसे कड़ियां जुड़ती गईं, मास्टरमाइंड समेत सभी आरोपी पुलिस के शिकंजे में आ गए।
पुलिस टीम को मिलेगा इनाम:-धमतरी जिले के एसपी सूरज सिंह परिहार ने इस सफल ऑपरेशन के लिए अपनी पूरी टीम की पीठ थपथपाई और नकद इनाम देने की घोषणा की।
“यह सिर्फ एक आपराधिक मामला नहीं, बल्कि आस्था के साथ खिलवाड़ था। हमारी टीम ने जिस संयम, समर्पण और समझदारी से काम किया, वह प्रशंसनीय है। हम धर्मस्थलों की सुरक्षा को लेकर और सतर्क रहेंगे।”
जनता में आक्रोश, श्रद्धालुओं में राहत:-
इस पूरे मामले ने धमतरी जिले के लोगों को झकझोर दिया है। श्रद्धालुओं में गहरा आक्रोश है कि किस प्रकार मंदिरों जैसे पवित्र स्थलों को निशाना बनाया गया। हालांकि पुलिस की कार्रवाई के बाद लोगों में राहत की भावना है और मंदिर समितियों ने पुलिस को धन्यवाद दिया है।पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि क्या इस गिरोह के तार अन्य जिलों या राज्यों से भी जुड़े हैं। क्या और भी मंदिर इनके निशाने पर थे? इसके लिए आगे पूछताछ की जा रही है। साथ ही, चोरी के माल को कहां खपाया जा रहा था, इसकी भी गहनता से जांच चल रही है।
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धमतरी की पुलिस ने एक बेहद संवेदनशील और जटिल मामले को सुलझाकर न सिर्फ अपनी कार्यकुशलता का परिचय दिया, बल्कि जनता के मन में भरोसा भी कायम किया है। इस कार्रवाई ने साबित कर दिया कि आस्था के खिलाफ कोई साजिश ज्यादा देर तक टिक नहीं सकती।