CG News”रजतपट की धरती पर नया सूर्योदय: नवा रायपुर में उभरेगा ‘चित्रोत्पला फिल्म सिटी’ का स्वप्नलोक!”
नवा रायपुर, छत्तीसगढ़ — छत्तीसगढ़ की धरती एक बार फिर इतिहास रचने जा रही है। इस बार न खेतों की हरियाली में, न खदानों की गहराइयों में — बल्कि सिनेमा की चमक-दमक और संस्कृति की गूंज में। माना-तूता क्षेत्र की 70 एकड़ की विशाल धरती पर जल्द ही आकार लेने जा रही है “चित्रोत्पला फिल्म सिटी”, जो न केवल राज्य का बल्कि देश का भी गौरव बनने को तैयार है।
फिल्में, यूँ तो मनोरंजन का माध्यम मानी जाती हैं, परंतु यह केवल दृश्य-श्रव्य कला का संग्रह नहीं होती। यह होती हैं—समाज का दर्पण, पीढ़ियों की संवेदनाओं की अभिव्यक्ति, और संस्कृति की जीवंत गाथा। और जब सरकार खुद इस दृष्टिकोण से प्रेरित हो, तो फिर इतिहास बनने से कोई नहीं रोक सकता।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने घोषणा करते हुए कहा,
“फिल्में समाज का प्रतिबिंब होती हैं। यह वही माध्यम है, जो हमारी परंपरा, विरासत और संघर्षों को अंतरराष्ट्रीय मंचों तक ले जाती हैं। हमारी सरकार इस चित्रोत्पला फिल्म सिटी के निर्माण से न केवल युवा प्रतिभाओं को मंच देगी, बल्कि छत्तीसगढ़ की लोककला, नृत्य, संगीत और भाषाई विविधता को भी वैश्विक पहचान दिलाएगी।”
फिल्म सिटी नहीं, युवाव का सपना होगा साकार!
70 एकड़ में फैली यह फिल्म सिटी केवल भवनों और स्टूडियो का ढांचा नहीं होगी, बल्कि यह एक जीवंत गांव की तरह होगी — जहाँ सेट होंगे राजमहलों से लेकर आदिवासी बस्तियों तक, जहाँ कृत्रिम झीलें होंगी, साउंड प्रूफ स्टूडियो होंगे, ओपन एयर थियेटर होंगे, तकनीकी प्रशिक्षण केंद्र होंगे और वह सब कुछ जो किसी इंटरनेशनल फिल्म सिटी में होना चाहिए।
इस फिल्म सिटी में आधुनिकतम तकनीक से युक्त VFX लैब, डबिंग स्टूडियो, एनीमेशन हब, पोस्ट-प्रोडक्शन यूनिट्स, तथा कलाकारों के रहने के लिए भव्य रिहाइशी परिसर भी बनाए जाएंगे। यानी कलाकार आएं, रुकें, शूट करें और दुनिया को छत्तीसगढ़ की कहानी सुनाएं।
लोककला से ग्लोबल मंच तक का सफर!
चित्रोत्पला फिल्म सिटी केवल बॉलीवुड या दक्षिण भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के लिए नहीं, बल्कि यह छत्तीसगढ़ की उस लोककला के लिए भी होगी जो अभी तक मंच की तलाश में थी। पंडवानी, राऊत नाचा, करमा, ददरिया जैसे पारंपरिक नृत्य और गायन विधाओं को अब बड़े पर्दे पर उकेरा जाएगा।
सरकार की योजना है कि इस फिल्म सिटी में “छत्तीसगढ़ फिल्म इंस्टीट्यूट” की भी स्थापना की जाएगी, जहाँ अभिनय, निर्देशन, पटकथा लेखन, संपादन, छायांकन जैसी विधाओं में युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा।
रोजगार और विकास के नए द्वार!
इस फिल्म सिटी के निर्माण से हजारों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। निर्माण कार्य से लेकर तकनीकी स्टाफ, आर्ट डायरेक्टर्स, प्रॉप्स मेकर, मेकअप आर्टिस्ट, और स्थानीय कलाकार — सभी के लिए यह परियोजना एक वरदान साबित होगी। वहीं होटल, रेस्टोरेंट, ट्रैवल, ट्रांसपोर्ट जैसी सहायक सेवाओं में भी नई जान आएगी।
देश और दुनिया के फिल्मकारों की पहली पसंद बनेगा नवा रायपुर!
प्राकृतिक सुंदरता, शांत वातावरण, कम लागत, और अब एक विश्वस्तरीय फिल्म सिटी — यह सब मिलकर नवा रायपुर को देश और दुनिया के फिल्मकारों की नई पसंद बना देगा। खासकर वे निर्माता-निर्देशक जो मेट्रो शहरों की महंगी शूटिंग से परेशान हैं, उन्हें अब मध्यभारत में एक सशक्त विकल्प मिलेगा।
संस्कृति का नवजागरण!
यह फिल्म सिटी महज़ ईंट और सीमेंट का ढांचा नहीं है, यह एक आंदोलन है —छत्तीसगढ़ की आत्मा को पुनः जगाने का आंदोलन। यह उस दौर की वापसी है जब कला को केवल मंच नहीं, आदर मिलता था। जब एक कलाकार के बोल में समाज की गूंज होती थी, और जब कैमरे के सामने केवल चेहरा नहीं, भावना बोलती थी।
नवा रायपुर में “चित्रोत्पला फिल्म सिटी” का निर्माण केवल विकास नहीं, एक सांस्कृतिक क्रांति है। यह वो लहर है जो युवाओं को नई दिशा देगी, कलाकारों को नया आसमान देगी, और छत्तीसगढ़ को नई पहचान देगी।
अब वक्त है कि हम सब इस सपने में भागीदार बनें। क्योंकि ये सिर्फ एक फिल्म सिटी नहीं है — ये है छत्तीसगढ़ का नया चेहरा, चमकता हुआ, दमकता हुआ और दुनिया से कहता हुआ —
“छत्तीसगढ़ अब रजतपट पर बोलेगा… और पूरी दुनिया सुनेगी!”