CG Crime News”सफेद कोट पर काला धब्बा: रायपुर मेडिकल कॉलेज में छात्रा से यौन शोषण, डॉक्टर एचओडी पद से हटाया गया
Raipur/छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर स्थित एक प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेज में शनिवार को उस समय हड़कंप मच गया, जब एक छात्रा ने एक वरिष्ठ डॉक्टर पर यौन उत्पीड़न का गंभीर आरोप लगाया। यह मामला सिर्फ कॉलेज ही नहीं, पूरे चिकित्सा समुदाय के लिए एक झकझोर देने वाली घटना बन गया है। आरोप है कि आरोपी डॉक्टर, जो संबंधित विभाग के एचओडी (विभागाध्यक्ष) भी थे, ने छात्रा के साथ अश्लील हरकतें कीं।
पुलिस ने इस मामले में तत्परता दिखाते हुए शनिवार को आरोपी डॉक्टर को पूछताछ के लिए बुलाया। घटना की शिकायत पीड़िता द्वारा शुक्रवार रात पुलिस थाने में दर्ज कराई गई थी, जिसके आधार पर भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 74 (महिला की लज्जा भंग करने के उद्देश्य से हमला या आपराधिक बल) और धारा 75 (यौन उत्पीड़न) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।
घटना के पीछे की काली सच्चाई!
सूत्रों के अनुसार, यह शोषण 2 से 10 जनवरी 2025 के बीच हुआ। पीड़िता, जो कॉलेज में स्नातक शिक्षा प्राप्त कर रही है, ने पहले कॉलेज प्रशासन से शिकायत की थी। उसने आरोप लगाया कि ने उसे अलग-अलग मौकों पर व्यक्तिगत मुलाकात के बहाने बुलाया और फिर उसके साथ अश्लील हरकतें कीं।
कॉलेज प्रशासन के अनुसार, उन्हें जनवरी में ही पीड़िता की ओर से शिकायत प्राप्त हुई थी। इसके बाद आंतरिक शिकायत समिति — जिसे विशाखा समिति के नाम से भी जाना जाता है — ने जांच आरंभ की और आरोपी डॉक्टर के खिलाफ प्रारंभिक रूप से मामला प्रमाणित पाया। प्रशासन ने अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए डॉक्टर को तत्काल प्रभाव से एचओडी के पद से हटा दिया।
कॉलेज प्रशासन की प्रारंभिक प्रक्रिया!
कॉलेज के डीन ने बयान दिया कि, “छात्रा ने हमें पुलिस में शिकायत करने की जानकारी नहीं दी। हमने आंतरिक जांच पूरी कर सरकार को रिपोर्ट भेज दी थी। मीडिया से हमें पता चला कि छात्रा ने अब पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई है।”
सरकार तक पहुँची रिपोर्ट, अब पुलिस की बारी
कॉलेज प्रशासन की ओर से की गई जांच रिपोर्ट पहले ही शासन को भेजी जा चुकी है। इसमें डॉक्टर के व्यवहार को ‘गंभीर और अनुचित’ करार दिया गया है। कॉलेज प्रशासन ने कहा कि वे इस पूरे मामले में पारदर्शिता बरत रहे हैं और सरकार के निर्देशों के अनुसार आगे की कार्रवाई करेंगे।
इस घटना ने सरकारी व्यवस्था में भी खलबली मचा दी है। महिला सुरक्षा को लेकर बनाए गए नियमों और विशाखा दिशानिर्देशों के बावजूद यदि मेडिकल जैसी संवेदनशील संस्था में ऐसे मामले सामने आते हैं, तो यह गहरी चिंता का विषय बन जाता है।
पुलिस ने शुरू की गहन जांच, कई पहलुओं पर पड़ताल:- रायपुर पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एक विशेष टीम गठित की है, जो पीड़िता और आरोपी डॉक्टर — दोनों के बयान दर्ज कर रही है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, “हम जांच में कोई कमी नहीं रखेंगे। कॉलेज प्रशासन, छात्रा के सहपाठी, और संभावित गवाहों से भी पूछताछ की जाएगी। इस मामले में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसे कानून के कठघरे में लाया जाएगा।”
मेडिकल छात्रों में आक्रोश, शिक्षकों में चिंता!
इस घटना ने कॉलेज परिसर को झकझोर कर रख दिया है। छात्र-छात्राओं में भय और आक्रोश व्याप्त है। एक छात्रा ने कहा, “अगर डॉक्टर जैसे लोग ही सुरक्षित माहौल नहीं दे सकते, तो हम किस पर भरोसा करें?” वहीं, कॉलेज के कुछ अन्य स्टाफ सदस्यों ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि यह घटना पूरे चिकित्सा समुदाय की प्रतिष्ठा को धूमिल कर रही है।
महिला संगठनों की मांग – ‘सख्त कार्रवाई, उदाहरण बनाओ’!
राज्य के महिला संगठनों ने इस मामले को लेकर सरकार से त्वरित और कड़ी कार्रवाई की मांग की है। छत्तीसगढ़ महिला मंच की अध्यक्ष सीमा पांडे ने कहा, “यह सिर्फ एक छात्रा की लड़ाई नहीं है, यह हर उस लड़की की आवाज़ है जो अपनी पढ़ाई या नौकरी के दौरान ऐसे उत्पीड़न से गुजरती है। आरोपी को सिर्फ नौकरी से हटाना काफी नहीं, उसे जेल में डाला जाना चाहिए।”
न्याय की राह पर छात्रा, अब समाज की जिम्मेदारी
छात्रा ने साहस दिखाते हुए न केवल प्रशासन से शिकायत की, बल्कि अब कानून का दरवाज़ा खटखटाया है। यह कदम उन हजारों महिलाओं के लिए प्रेरणा है, जो शोषण सहकर भी चुप रह जाती हैं।
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अब जब पुलिस जांच शुरू हो चुकी है, पूरा प्रदेश इस बात पर नजर रखे हुए है कि क्या आरोपी को उसकी करतूत की सजा मिलेगी। इस घटना ने एक बार फिर यह याद दिलाया है कि महिला सुरक्षा केवल कागज़ों में नहीं, जमीन पर दिखनी चाहिए।
• सवाल बड़ा है — क्या अब भी सफेद कोट के पीछे छिपे काले सचों को उजागर करने का साहस हममें है?
• छात्रा ने पहल की है, अब न्याय व्यवस्था, समाज और प्रशासन की अग्नि परीक्षा शुरू हो चुकी है।