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July 23, 2025 11:18 am

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CG breaking”प्रेम की राह में कुचले गए अरमान! बेलसोंडा में रेती लोड ट्रक ने छीन ली दो ज़िंदगियाँ – गुल्लू और अच्छीरिडीह के प्रेमी युगल की दर्दनाक मौत, सिस्टम पर फिर सवालों की बौछार!”

CG breaking”प्रेम की राह में कुचले गए अरमान! बेलसोंडा में रेती लोड ट्रक ने छीन ली दो ज़िंदगियाँ – गुल्लू और अच्छरीडीह के प्रेमी युगल की दर्दनाक मौत, सिस्टम पर फिर सवालों की बौछार!”

Mahasamund/छत्तीसगढ़ की महासमुन्द जिला में धरती एक बार फिर दहली है। बेलसोंडा के पास हुए एक दर्दनाक हादसे ने दो परिवारों की खुशियों को चीर दिया, और पूरे जिले में मातम की लहर दौड़ा दी। प्रेम की डोर में बंधे दो मासूम दिल – पिनेश जांगड़े (17 वर्ष 9 माह) और शाहिबा टंडन (18 वर्ष) – इस बेरहम दुनिया से समय से पहले विदा हो गए। इनकी मौत का कारण बना वही ‘रेती लोड ट्रक’ जिसे रोकने के लिए प्रशासन हर बार आश्वासन देता है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर सिर्फ मौन पसरा रहता है।

मौत की तारीख बन गई 7 जून, 2025 – एक काली दोपहर:- महासमुन्द जिला के बेलसोंडा के पास नेशनल हाईवे पर दोपहर को एक तेज़ रफ्तार रेती लोड ट्रक ने मोटर साईकिल सवार दोनों प्रेमियों को रौंद दिया। मौके पर ही दोनों की मौत हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, ट्रक अनियंत्रित था और तेज़ गति से बेलगाम दौड़ रहा था। मोटर साईकिल पर बैठे पिनेश और शाहिबा को संभलने का मौका तक नहीं मिला।

पिनेश जांगड़े, गुल्लू (थाना आरंग, जिला रायपुर) निवासी थे और शाहिबा टंडन, ग्राम अच्छरीडीह (थाना तुमगांव, जिला महासमुन्द) की रहने वाली थी। दोनों की उम्र महज 17-18 वर्ष के बीच थी। कहा जा रहा है कि दोनों काफी समय से एक-दूसरे के प्रेम में थे और इस दिन मिलने निकले थे। लेकिन नियति ने इनकी आखिरी मुलाकात को ‘अंतिम विदाई’ बना डाला।

हादसे के बाद मचा हड़कंप – लोगों का फूटा गुस्सा

महासमुन्द में हादसे की खबर फैलते ही बेलसोंडा और आसपास के इलाकों में अफरातफरी मच गई। राहगीरों ने ट्रक को घेर लिया, और देखते ही देखते सैकड़ों लोग घटनास्थल पर जुट गए। मृतकों की पहचान होते ही दोनों गांवों में कोहराम मच गया। लड़की के घर पर मातम का आलम है, माँ बेसुध है और पिता की आंखों से थमते नहीं आंसू। वहीं लड़के के घर भी शोक की चादर तनी हुई है।

गुस्साए लोगों ने ट्रैफिक पुलिस और माइनिंग विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाज़ी की। उनका कहना था कि जिले में दिन-दहाड़े अवैध रूप से दौड़ते इन ओवरलोडेड रेती ट्रकों पर कोई रोक क्यों नहीं है?

दूसरी मौत… दूसरा इशारा?

गौर करने वाली बात ये है कि यह रेती लोड ट्रक से हुई दूसरी दर्दनाक मौत है जो इस जिले में मात्र कुछ दिनों के अंतराल पर सामने आई है। इसके पहले भी एक अन्य युवक की मौत इसी तरह ट्रक से कुचल कर हो चुकी है। सवाल यह उठता है कि आखिर इन ट्रकों की बेलगाम रफ्तार और माइनिंग माफिया की मनमानी पर प्रशासन चुप क्यों है?

कहाँ है ट्रैफिक नियंत्रण? कहाँ है माइनिंग विभाग?
यह हादसा सिर्फ एक सड़क दुर्घटना नहीं, यह पूरे सिस्टम की विफलता की चीखती तस्वीर है।

• क्या ट्रैफिक पुलिस का काम केवल चालान काटना है?

• क्या माइनिंग विभाग की आंखें सिर्फ रॉयल्टी की रकम पर हैं?

• क्या रेती का व्यापार अब जान से बड़ा हो गया है?

महासमुन्द स्थानीय नागरिकों का कहना है कि बेलसोंडा और आसपास के क्षेत्रों में बिना समय-सीमा, बिना निरीक्षण, ओवरलोड ट्रकों की भरमार है। इन्हें न रोका जाता है, न जांचा जाता है। इन्हीं ट्रकों के कारण आए दिन हादसे होते हैं और आम जनता को अपनी जान गंवानी पड़ती है।

प्रशासन की लीपापोती शुरू – कार्रवाई की औपचारिकता:- 

जैसे ही हादसे की सूचना प्रशासन तक पहुँची, स्थानीय पुलिस ने मौके पर पहुंच कर ट्रक को जब्त किया और ड्राइवर को हिरासत में लिया। थाना तुमगांव में केस दर्ज कर लिया गया है। शवों को पोस्टमार्टम के लिए महासमुंद जिला अस्पताल भेजा गया।

गाड़ी मालिक और माइनिंग माफिया हैं जो इन मासूम जिंदगियों की मौत का सौदा कर रहे हैं। क्या प्रशासन इसमें सक्ती करता है या फिर मौतों का सौदा करता है?

प्रेम कहानी जो अधूरी रह गई…

पिनेश और शाहिबा का रिश्ता नया नहीं था। दोनों सोशल मीडिया और गांव के मेल-मुलाकातों से एक-दूसरे के करीब आए थे। परिवारों को भले ही उनकी प्रेमकथा की पूरी जानकारी न रही हो, लेकिन उनके दोस्तों के अनुसार दोनों शादी का सपना देख रहे थे।

https://jantakitakat.com/2025/06/07/cg-breakingछत्तीसगढ़-में-शराब-घो/

कौन जानता था कि एक दिन की मुलाकात हमेशा के लिए विदाई बन जाएगी। सड़क पर पड़े उनके शव, टूटी मोटर साइकिल और छितरे हुए गुलाब के फूल – इनकी प्रेम कहानी की त्रासद परिणति को चीख-चीख कर बयां कर रहे थे।

जनता की माँग – दोषियों को मिले सजा, ट्रक संचालन पर लगे रोक:- 
घटना के बाद जनप्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने आवाज बुलंद की है। मांग की जा रही है कि:

• बेलसोंडा क्षेत्र में रेती ट्रकों के संचालन पर तत्काल रोक लगाई जाए।

• ट्रक मालिकों और माइनिंग विभाग के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाए।

• मृतकों के परिजनों को तत्काल मुआवजा राशि वो व्यवस्था की जाएं!

• हर ग्राम पंचायत में रेती ट्रकों के लिए रूट तय किए जाएं और समय सीमा लागू हो।

क्या इन मौतों से जागेगा सिस्टम?
पिनेश और शाहिबा की मौत न सिर्फ एक प्रेम कहानी का अंत है, बल्कि पूरे जिले की प्रशासनिक लापरवाही का काला आईना है। सवाल अब सिर्फ इतना है कि:

• क्या अब भी प्रशासन चेतेगा?

• या अगली लाश का इंतजार होगा?

बेलसोंडा की सड़कों पर अब भी गूंजती है वो चीख – जो कहती है कि “हम तो चले गए, मगर क्या अगला नंबर किसी और मासूम का है?”

“प्रेम की चिता पर सिस्टम की खामोशी… और मौत बनती जा रही है रेती का कारोबार!”

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