बिग ब्रेकिंग महासमुंद:“कोडार डैम में समा गई एक ज़िंदगी… छत्तीसगढ़ बीज भंडार के मालिक विजय चंद्राकर की डूबने से मौत — स्कूटी बनी मौत की गवाह!”
Mahasamund/महासमुंद जिले से एक दर्दनाक और दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। कोडार डैम के शांत पानी में आज उस वक्त सनसनी फैल गई जब ग्रामीणों ने लंबे समय से खड़ी एक स्कूटी को देखकर शक जाहिर किया। स्कूटी किसी और की नहीं बल्कि शहर के जाने-माने छत्तीसगढ़ बीज भंडार के मालिक विजय चंद्राकर (65 वर्ष) की थी। कुछ ही देर में शांत डैम के पानी में छिपा एक बड़ा राज सामने आया — विजय चंद्राकर की लाश पानी में डूबी मिली। पूरे इलाके में मातम छा गया है।
स्कूटी बनी मौत की पहली गवाही!
गुरुवार की दोपहर कोडार गांव के कुछ ग्रामीणों की नज़र डैम किनारे खड़ी एक स्कूटी पर पड़ी। स्कूटी को वहां खड़ा काफी समय हो चुका था, लेकिन आसपास कोई व्यक्ति नहीं दिखा। ग्रामीणों को अजीब शक हुआ और उन्होंने नज़दीक जाकर स्कूटी का नंबर देखा। धीरे-धीरे आस-पास के लोग इकट्ठा होने लगे। पहचान में आया कि यह स्कूटी विजय चंद्राकर नामक व्यक्ति की है, जो पुरानी सिविल लाइन, महासमुंद का निवासी था।
जांच शुरू, फैली सनसनी!
ग्रामीणों ने तुरंत इस बात की सूचना तुमगांव थाना पुलिस को दी। कुछ ही मिनटों में पुलिस टीम मौके पर पहुंची। डैम किनारे छानबीन शुरू हुई और ग्रामीणों की मदद से डैम में खोज अभियान चलाया गया। देखते ही देखते कोडार डैम का सन्नाटा गहरे सिसकियों में बदल गया — पानी के भीतर से विजय चंद्राकर का शव बरामद कर लिया गया।
आसपास के इलाके में मातम!
जैसे ही यह खबर पुरानी सिविल लाइन स्थित विजय चंद्राकर के घर पहुंची, पूरे मोहल्ले में चीख-पुकार मच गई। परिवार के लोगों का रो-रोकर बुरा हाल है। लोग विश्वास नहीं कर पा रहे कि जो व्यक्ति सुबह तक सामान्य रूप से घर से निकला था, अब वापस शव के रूप में लौटा है। मृतक विजय चंद्राकर का स्थानीय व्यापारिक जगत में नाम था। उनका छत्तीसगढ़ बीज भंडार किसानों के बीच काफी प्रसिद्ध था। किसान समुदाय में भी इस हादसे की खबर सुनते ही शोक की लहर दौड़ गई।
पुलिस की जांच जारी!
तुमगांव पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया है। प्रारंभिक जांच में डूबने से मौत की पुष्टि हुई है। हालांकि पुलिस सभी पहलुओं की जांच कर रही है — क्या यह हादसा था या किसी अन्य वजह से यह दर्दनाक घटना घटी, इसका खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद होगा।
एक व्यापारी, एक इंसान, एक पिता की चुप्पी…
65 वर्षीय विजय चंद्राकर न केवल एक सफल व्यापारी थे, बल्कि स्थानीय समाज में उनकी पहचान एक सज्जन और मददगार व्यक्ति के रूप में थी। कोडार डैम में उनकी अचानक हुई मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। लोग चर्चा कर रहे हैं कि आखिर वो वहां अकेले क्यों पहुंचे? स्कूटी किनारे ही क्यों खड़ी रही? क्या वो वहां नहाने गए थे या किसी मानसिक दबाव में यह कदम उठाया गया?
ग्रामीणों की मानवीय संवेदना बनी मिसाल!
घटना स्थल पर मौजूद ग्रामीणों ने बताया कि अगर उन्होंने स्कूटी को अनदेखा कर दिया होता तो संभव है शव बरामद करने में देर हो जाती। लेकिन उनकी सजगता ने इस पूरे मामले को तुरंत सामने ला दिया। पुलिस ने ग्रामीणों की मदद और सूझबूझ की सराहना की है।
कोडार डैम फिर बना हादसे का गवाह!
यह पहली बार नहीं है जब कोडार डैम में इस तरह की घटना हुई हो। इससे पहले भी यहां कई लोग डूबकर अपनी जान गंवा चुके हैं। डैम की गहराई और किनारों पर सुरक्षा प्रबंधों की कमी के कारण हर साल एक से अधिक दुर्घटनाएं होती रहती हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से यहां सुरक्षा व्यवस्था और गश्त बढ़ाने की मांग की है ताकि भविष्य में इस तरह की दर्दनाक घटनाएं न हों।
परिवार और व्यापार जगत में शोक की लहर!
विजय चंद्राकर की मौत की खबर मिलते ही स्थानीय व्यापार मंडल के लोग शोक की स्थिति बन गई है और उनके परिवार और पहचान के लोग कोडार गांव पहुंचने लगे।
आखिरी शब्द…
कोडार डैम की लहरें आज भी शांत हैं, लेकिन उनमें समाई एक ज़िंदगी ने पूरे महासमुंद को हिला दिया है। विजय चंद्राकर का यूं अचानक जाना न सिर्फ उनके परिवार के लिए बल्कि पूरे जिले के लिए एक बड़ा सदमा है। अब सभी की निगाहें पुलिस जांच और पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर टिकी हैं, जिससे इस हादसे के पीछे की सच्चाई सामने आ सके।
“कोडार डैम की नीरवता में एक आवाज़ हमेशा के लिए खो गई… स्कूटी खामोश खड़ी रही, और एक परिवार की दुनिया उजड़ गई।”