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October 16, 2025 2:41 pm

सड़क बनी मौत का मैदान: महासमुंद जनपद उपाध्यक्ष के पति जितेंद्र चंद्राकर की दर्दनाक मौत, NH-353 पर सफारी ने रौंदा – आरोपी अमन अग्रवाल गिरफ्तार, पुरानी रंजिश से जोड़ा जा रहा मामला!

सड़क बनी मौत का मैदान: महासमुंद जनपद उपाध्यक्ष के पति जितेंद्र चंद्राकर की दर्दनाक मौत, NH-353 पर सफारी ने रौंदा – आरोपी अमन अग्रवाल गिरफ्तार, पुरानी रंजिश से जोड़ा जा रहा मामला!

Mahasamund/कल रात्रि महासमुंद जिले में उस वक्त सनसनी फैल गई जब जनपद पंचायत महासमुंद की उपाध्यक्ष हुलसी चंद्राकर के पति जितेंद्र चंद्राकर की एक भीषण सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। यह हादसा NH-353 के साराडीह मोड़ के पास हुआ, जहाँ उनकी स्कूटी को एक तेज़ रफ्तार सफारी गाड़ी ने रौंद दिया। चश्मदीदों के अनुसार, टक्कर इतनी भयानक थी कि जितेंद्र चंद्राकर को बचाने का कोई मौका ही नहीं मिला।

सूत्रों के मुताबिक, सफारी वाहन का मालिक और चालक अमन अग्रवाल बताया जा रहा है, जो घटना के समय खुद गाड़ी चला रहा था। हादसे के बाद क्षेत्र में आक्रोश और सन्नाटा दोनों देखने को मिला — एक तरफ जनपद उपाध्यक्ष के घर मातम पसरा था तो दूसरी ओर गांव बेलसोडा और आसपास के ग्रामीणों में ग़ुस्से की लहर दौड़ गई।

पुराना विवाद बना मौत की वजह?
मामले ने तब नाटकीय मोड़ ले लिया जब स्थानीय सूत्रों ने बताया कि अमन अग्रवाल और जितेंद्र चंद्राकर के बीच पुराना जमीन का आपसी विवाद चल रहा था। ग्रामीणों का कहना है कि दोनों के बीच कुछ महीने पहले तीखी बहस और झगड़ा भी हुआ था। इसी कारण यह हादसा सिर्फ़ एक्सीडेंट नहीं बल्कि साजिश भी हो सकती है — ऐसा दावा कई ग्रामीण कर रहे हैं।

इस पूरे घटनाक्रम ने राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मचा दी है क्योंकि मृतक जितेंद्र चंद्राकर न केवल जनपद उपाध्यक्ष के पति थे, बल्कि भारतीय जनता पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता और नेता भी माने जाते थे। पार्टी के स्थानीय नेताओं ने इसे “संदिग्ध हादसा” बताते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है।

पुलिस ने लिया संज्ञान, आरोपी ने दी आत्मसमर्पण!
घटना के बाद महासमुंद पुलिस तुरंत हरकत में आई। सूचना मिलते ही सिटी कोतवाली पुलिस और ट्रैफिक टीम मौके पर पहुँची और घायल जितेंद्र चंद्राकर को तत्काल जिला अस्पताल पहुँचाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

वहीं, आरोपी अमन अग्रवाल ने खुद सिटी कोतवाली थाने पहुँचकर आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस ने उसकी सफारी गाड़ी ज़ब्त कर ली है और मामले की गंभीरता से जांच शुरू कर दी है। थाना प्रभारी ने बताया कि “प्राथमिक जांच में यह सड़क हादसा प्रतीत हो रहा है, लेकिन मृतक के परिजनों द्वारा लगाए गए आरोपों को भी ध्यान में रखकर सभी पहलुओं पर जांच की जा रही है।”

मातम में डूबा बेलसोडा गांव!
घटना की खबर जैसे ही! बेलसोडा गांव पहुँची, पूरा गांव शोक में डूब गया। घर के बाहर भीड़ उमड़ पड़ी, हर किसी की आँखों में आंसू थे। हुलसी चंद्राकर की स्थिति नाजुक बताई जा रही है, वे घटना के बाद से लगातार बेहोश हो रही हैं।

गांववालों ने गुस्से में थाना का घेराव भी किया और न्याय की मांग करते हुए हंगामा किया। कुछ देर तक स्थिति तनावपूर्ण रही, लेकिन पुलिस प्रशासन ने समझाइश देकर भीड़ को शांत कराया।और मौके में रात्रि को सिटी कोतवाली में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रतिभा पांडे पहुंची।

भाजपा के स्थानीय नेताओं ने कहा कि “जितेंद्र चंद्राकर पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता थे, उनकी मृत्यु मात्र हादसा नहीं लगती, पुलिस को सभी कोणों से जांच करनी चाहिए।”

राजनीति और न्याय की दो राहें!
अब यह मामला केवल सड़क हादसे तक सीमित नहीं रहा, बल्कि महासमुंद जिले की राजनीति और प्रशासनिक जिम्मेदारी पर भी सवाल खड़े कर रहा है।सूत्रों की माने तो जनपद उपाध्यक्ष हुलसी चंद्राकर के समर्थकों का कहना है कि “अगर न्याय नहीं मिला तो वे चक्का जाम और धरना प्रदर्शन करेंगे।”

पुलिस ने शांति की अपील करते हुए कहा है कि दोषियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा।

महासमुंद का यह हादसा सिर्फ़ एक परिवार का शोक नहीं, बल्कि पूरे जिले के दिल पर गहरी चोट है।
अब सबकी नज़रें पुलिस जांच पर हैं — क्या यह सड़क दुर्घटना थी या किसी पुरानी दुश्मनी की भयावह परिणति, इसका जवाब आने वाले कुछ दिनों में सामने आ जाएगा।

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