सुकमा के जंगल में घंटों चली गोलियों की गूंज, 5 लाख की ईनामी महिला नक्सली बूस्की नुप्पो ढेर – सुरक्षाबलों की ऐतिहासिक जीत!
Sukma/छत्तीसगढ़ का बस्तर संभाग एक बार फिर सुरक्षाबलों की बहादुरी का गवाह बना। गुरुवार सुबह सुकमा जिले के घने जंगलों में हुई मुठभेड़ ने नक्सल मोर्चे पर बड़ा अध्याय रच दिया। कुख्यात और मलांगीर एरिया कमेटी (ACM) की सक्रिय महिला माओवादी बूस्की नुप्पो (35) ढेर हो गई। उस पर राज्य सरकार ने 5 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। बूस्की की मौत न केवल सुरक्षा बलों के लिए सफलता है, बल्कि बस्तर के लिए राहत की खबर भी है, क्योंकि लंबे समय से यह महिला माओवादी क्षेत्र में दहशत का पर्याय बन चुकी थी।
जंगलों में सुबह से शुरू हुआ ऑपरेशन!
18 सितंबर की भोर में गुफड़ी और पेरमापारा के बीच घने जंगल और पहाड़ी इलाकों से नक्सलियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी पुलिस को मिली। सूचना मिलते ही जिला रिजर्व गार्ड (DRG) की टुकड़ी तेजी से रवाना हुई। जैसे ही जवान जंगल में दाखिल हुए, दोनों ओर से गोलियों की बौछार शुरू हो गई। करीब दो घंटे तक गोलियों की गूंज जंगल में गूंजती रही।
मुठभेड़ थमी तो मैदान में बिखरी धूल और गंधक की गंध के बीच जवानों ने तलाशी शुरू की। वहीं उन्हें मिली बूस्की नुप्पो की लाश और उसके पास पड़े हथियारों ने इस ऑपरेशन की सफलता पर मुहर लगा दी।
नक्सली महिला का खौफनाक अतीत!
बूस्की नुप्पो, निवासी रेवाली (थाना अरनपुर, दंतेवाड़ा) पिछले एक दशक से सक्रिय थी। पुलिस रिकॉर्ड बताता है कि उसके खिलाफ कुल 9 गंभीर मामले दर्ज थे।
•थाना अरनपुर के 7 मामले,
•थाना कुंआकोंडा का 1 मामला,
•थाना गादीरास का 1 मामला,
इन मामलों में पुलिस और सुरक्षाबलों पर हमला, विस्फोटक सामग्री रखने, सरकारी संपत्ति को उड़ाने और ग्रामीणों को हिंसा के लिए उकसाने जैसे अपराध शामिल हैं। बूस्की ग्रामीणों में भय का दूसरा नाम बन चुकी थी।
हथियारों का बड़ा जखीरा बरामद!
मुठभेड़ स्थल से जो सामग्री बरामद हुई, उसने नक्सलियों की अगली साजिश को उजागर कर दिया। पुलिस ने कब्जे में लिया:
•315 बोर रायफल – 01 नग,
•कारतूस – 05 नग,
•वायरलेस सेट – 01 नग,
•डेटोनेटर – 08 नग,
•कोर्डेक्स वायर – लगभग 10 मीटर,
•जिलेटिन रॉड – 04 नग,
•बारूद और विस्फोटक रेडियो बंडा,
•नक्सली साहित्य व दैनिक उपयोग की वस्तुएं,
यह सब स्पष्ट करता है कि नक्सली किसी बड़ी घटना की योजना बना रहे थे, लेकिन सुरक्षाबलों की सतर्कता ने उनकी पूरी चाल को नाकाम कर दिया।
पुलिस और आईजी की कड़ी चेतावनी!
सुकमा पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण ने कहा –
“यह ऑपरेशन नक्सल विरोधी अभियान में महत्वपूर्ण उपलब्धि है। बूस्की नुप्पो लंबे समय से सक्रिय थी और कई घटनाओं की मास्टरमाइंड रही है। उसकी मौत से संगठन को गहरा झटका लगेगा।”
वहीं बस्तर रेंज के आईजी सुंदरराज पी. ने माओवादियों को कड़ी चेतावनी दी –
“अब नक्सलवाद अपनी अंतिम सांसें गिन रहा है। बंदूक की राह कहीं नहीं ले जाती। जो कैडर अभी भी जंगलों में हैं, वे हिंसा छोड़ें और सरकार की पुनर्वास नीति से जुड़कर मुख्यधारा में आएं।”
लगातार कमजोर हो रहा नक्सलवाद!
बीते कुछ सालों में बस्तर में नक्सल विरोधी अभियान ने नई गति पकड़ी है। सुकमा, दंतेवाड़ा और बीजापुर जिलों में सुरक्षा बलों ने कई बड़े नक्सली नेताओं को ढेर किया है। बड़ी संख्या में कैडर आत्मसमर्पण कर चुके हैं। अब नक्सली केवल छोटे-छोटे समूहों में सीमित इलाकों में रह गए हैं।
स्थानीय जनता में खुशी की लहर!
बूस्की नुप्पो की मौत की खबर मिलते ही स्थानीय ग्रामीणों में राहत और खुशी देखी गई। कई लोगों ने कहा कि अब वे बिना डर के खेती-किसानी और अपने दैनिक काम कर पाएंगे।
सुकमा का यह ऑपरेशन साबित करता है कि सरकार और सुरक्षा बलों की रणनीति नक्सलवाद की जड़ों को हिलाने में कारगर साबित हो रही है। बूस्की नुप्पो जैसी ईनामी महिला नक्सली का ढेर होना न केवल सुरक्षाबलों की जीत है, बल्कि बस्तर के भविष्य को हिंसा से मुक्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम भी है।
•अब सवाल यह है कि क्या बाकी माओवादी समझेंगे कि खून-खराबे की इस राह से सिर्फ मौत और बर्बादी मिलती है? या फिर वे भी बूस्की की तरह जंगलों में गोलियों की आवाज में अपनी जिंदगी खत्म करेंगे?