“तुमगांव से रायपुर तक इंसाफ की पुकार:नगर पंचायत अध्यक्ष बलरामकांत साहू की गिरफ्तारी पर गरजे परिजन और समर्थक – कांग्रेस कमेटी को सौंपा ज्ञापन”
Mahasamund/छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के शांत कस्बे तुमगांव में इन दिनों हलचल मची हुई है। नगर पंचायत अध्यक्ष बलरामकांत साहू की अचानक हुई गिरफ्तारी ने पूरे इलाके की राजनीति को गरमा दिया है। साहू की पत्नी, परिवार और समर्थकों ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज को ज्ञापन सौंपकर पूरे घटनाक्रम को “फर्जी प्रकरण और राजनीतिक षड्यंत्र” करार दिया है।
गिरफ्तारी ने मचाई सनसनी!
दिनांक 30 अगस्त 2025 को तड़के सुबह पुलिस ने नगर पंचायत अध्यक्ष बलरामकांत साहू को उनके निवास स्थान से उठाया और उन पर कथित मामले में एफआईआर दर्ज कर जेल भेज दिया। पुलिस की इस कार्रवाई ने नगरवासियों और समर्थकों को झकझोर दिया। आरोप है कि साहू को जिस मामले में जेल भेजा गया, वह न केवल बनावटी और साजिशन रचा गया है, बल्कि इसके पीछे अवैध कारोबार से जुड़ा बड़ा षड्यंत्र छिपा है।
परिवार और समर्थकों की गुहार!
साहू की पत्नी और परिजनों ने ज्ञापन में लिखा है कि जिस व्यक्ति ने नगर पंचायत और नागरिकों की आवाज बनकर अवैध देह व्यापार और अवैध शराब विक्रय के खिलाफ थाने में आवेदन दिया, उसी को गिरफ्तार कर लिया गया। यह कदम न्याय और कानून के साथ खिलवाड़ है। समर्थकों का कहना है कि बलरामकांत साहू पर लगाया गया आरोप सिरे से गलत है और यदि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए तो सच सामने आ जाएगा।
साजिश की बू!
ज्ञापन में साफ तौर पर कहा गया है कि साहू ने पुलिस प्रशासन को लिखित शिकायत दी थी कि कस्बे में लंबे समय से अवैध गतिविधियां चल रही हैं। परंतु उन पर लगाम लगाने के बजाय आवाज उठाने वाले को ही सलाखों के पीछे डाल दिया गया। परिजनों का दावा है कि यह सबकुछ कुछ प्रभावशाली लोगों और अवैध कारोबारियों के इशारे पर हुआ है।
समर्थकों का कहना है कि प्रकरण में जिस प्रार्थिया का नाम सामने लाया गया है, उसके पीछे सलाहकारों और साजिशकर्ताओं की लंबी फेहरिस्त है। यदि इसकी परतें खोली जाएं तो न केवल पुलिस की भूमिका संदेहास्पद साबित होगी, बल्कि कई बड़े चेहरों की सच्चाई भी सामने आ जाएगी।
कांग्रेस कमेटी के समक्ष न्याय की गुहार!
साहू के परिवार और समर्थक सीधे राजधानी रायपुर पहुंचे और प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष दीपक बैज से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में मांग की गई है कि बलरामकांत साहू के खिलाफ दर्ज फर्जी प्रकरण को तुरंत समाप्त किया जाए और पूरे मामले की निष्पक्ष जांच के लिए वरिष्ठ अधिकारी नियुक्त किए जाएं।
ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि यदि साहू जैसे जनप्रतिनिधि को ही आवाज उठाने पर जेल भेज दिया गया तो आम जनता की आवाज कौन सुनेगा? यह लोकतंत्र और न्याय व्यवस्था पर सीधा हमला है।
कस्बे में बढ़ा आक्रोश!
तुमगांव नगर पंचायत क्षेत्र में इस गिरफ्तारी ने जन आक्रोश को जन्म दिया है। समर्थक लगातार विरोध प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं। कस्बे के कई वार्डों में लोगों ने बैठक कर ऐलान किया कि यदि बलरामकांत साहू को जल्द रिहा नहीं किया गया तो सड़क पर उतरकर आंदोलन किया जाएगा।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि पुलिस की कार्रवाई सवालों के घेरे में है। जिस अवैध कारोबार को रोकने के लिए साहू ने कदम उठाए, वही कारोबार अब उनकी गिरफ्तारी की वजह बना दिया गया।
पुलिस की भूमिका पर सवाल!
पुलिस ने अभी तक पूरे मामले पर विस्तृत बयान नहीं दिया है। सूत्रों के मुताबिक, थाना प्रभारी पर पहले से ही संदेहास्पद कार्यप्रणाली को लेकर कई बार सवाल उठे हैं। साहू की गिरफ्तारी के बाद अब यह संदेह और गहरा हो गया है कि पुलिस कहीं न कहीं प्रभावशाली ताकतों के दबाव में काम कर रही है।
जनता की आवाज!
ज्ञापन देने पहुंचे समर्थकों ने कहा कि यदि कांग्रेस कमेटी और सरकार न्याय नहीं दिलाती, तो वे जन आंदोलन का बिगुल फूंकेंगे। “हमारे निर्वाचित अध्यक्ष निर्दोष हैं, उन्हें फर्जी केस में फंसाकर जेल भेजना लोकतंत्र की हत्या है। हम चुप नहीं बैठेंगे,” समर्थकों ने कहा।
राजनीतिक रंग भी गहराया!
इस पूरे घटनाक्रम ने राजनीतिक सरगर्मी भी तेज कर दी है। विपक्ष ने इसे “लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन” बताते हुए सरकार और पुलिस प्रशासन पर सवाल खड़े किए हैं। वहीं सत्ता पक्ष के कुछ नेताओं ने इसे “कानूनी प्रक्रिया” बताया, लेकिन जनता में पुलिस की कार्रवाई पर अविश्वास की लहर साफ झलक रही है।
बलरामकांत साहू की गिरफ्तारी केवल एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि जनता की आवाज को दबाने की कोशिश मानी जा रही है। ज्ञापन में की गई मांगें साफ दर्शाती हैं कि नगरवासियों का भरोसा अभी भी अपने अध्यक्ष पर कायम है। सवाल यह है कि क्या कांग्रेस कमेटी और सरकार इस मुद्दे पर न्याय दिलाएगी या फिर साहू और उनके समर्थकों को लंबी लड़ाई लड़नी पड़ेगी?
फिलहाल, तुमगांव की गलियों से लेकर राजधानी रायपुर तक एक ही आवाज गूंज रही है –
“निर्दोष अध्यक्ष को रिहा करो, फर्जी प्रकरण समाप्त करो… न्याय चाहिए, इंसाफ चाहिए!”