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September 10, 2025 6:18 pm

हर्बल लाईफ का झांसा या बेवफाई का जाल? – शिक्षक दिनेश साहू की मौत का मोबाईल चैटिंग से उठाए चौंकाने वाले सवाल”!

“हर्बल लाईफ का झांसा या बेवफाई का जाल? – शिक्षक दिनेश साहू की मौत का मोबाईल चैटिंग से उठाए चौंकाने वाले सवाल”!

Mahasamund/जिंदगी की गाड़ी जब खुशियों की पटरी पर दौड़ रही थी, तभी अचानक एक दर्दनाक हादसे ने पूरे परिवार को उजाड़ दिया। शिक्षक दिनेश साहू, जो कभी बच्चों के सपनों को रोशनी देते थे और खुद एक चमकदार लाइफ स्टाइल की तलाश में हर्बल लाईफ से जुड़े, अब दुनिया छोड़ चुके हैं। उनकी मौत की वजह बनी उनकी पत्नी चंदेश्वरी साहू की बेवफाई और उसी प्लेटफॉर्म से जुड़े सीनियर कोच गिरीश साहू के साथ उनका रिश्ता।

यह कोई आम मौत नहीं, बल्कि सवालों और साजिशों का ऐसा जाल है जिसने न केवल परिवार, बल्कि पूरे जिले को हिला कर रख दिया है।

खुशहाल जिंदगी, बढ़ता कारोबार और सपनों की उड़ान!

दिनेश साहू न सिर्फ शिक्षक थे, बल्कि मेहनती इंसान भी। उन्होंने स्कूल की नौकरी के साथ-साथ हर्बल लाईफ से जुड़कर अपनी आमदनी को दोगुना-तिगुना किया। पहले किराए के घर और साधारण कार से जिंदगी चलाने वाला यह परिवार धीरे-धीरे आलीशान मकान,पुरानी मारुति सुजुकी कंपनी की स्विफ्ट कार को एक्सचेंज कर टाटा कंपनी की लग्जरी कार रेड कलर कर्व भी खरीदे जिसकी कीमत लगभग 20 लाख रूपये है। विश्वसनीय सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार शिक्षक दिनेश साहू फांसी लगाने के एक सप्ताह पहले अपनी धर्मपत्नी को लगभग 2 से ढाई लाख कीमत की मोबाईल भी गिफ्ट किया। साथ ही रक्षाबंधन के पूर्व दिनेश साहू ने अपने परिवार के लिए हजारों रूपये का वस्त्र भी खरीदे और ये सब वो इस लिए कर पा रहे थे कि, अब हर्बल लाईफ परिवार से महिनों के 2 से ढाई लाख रुपए की आमदनी मिलना शुरू हो गया था। 20 लाख की टाटा कर्व कार और महंगे मोबाइल तक पहुँच गया।

दिनेश साहू एक आदर्श पति, आदर्श बेटा और जिम्मेदार पिता… लेकिन किसे पता था कि उसके ही घर की दीवारें उसके खिलाफ खड़ी हो जाएंगी।

बेवफाई’ ने छीनी खुशियाँ!

हर्बल लाईफ के सीनियर कोच गिरीश साहू, जो बालोद में शिक्षक पद पर कार्यरत हैं और मूल रूप से महासमुंद के इमलीभाठा के रहने वाले हैं, से चंदेश्वरी साहू का रिश्ता बढ़ने लगा।सेमिनारों, वर्कआउट क्लासों और कार्यक्रमों के बीच दोस्ती धीरे-धीरे नजदीकियों में बदल गई। दिनेश को कुछ भी समझ नहीं आया, लेकिन धीरे-धीरे शक की परतें गहरी होती गईं।

13-14 अगस्त की दरम्यानी रात दिनेश ने जब लैपटॉप खोला तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। उसमें उनकी पत्नी और गिरीश साहू के बीच अश्लील चैटिंग के कई संदेश मौजूद थे। वह दर्द, वह धोखा, जिसने उनकी आत्मा को झकझोर कर रख दिया।

वीडियो कॉल पर मौत!
उस रात दिनेश ने अपनी पत्नी को वीडियो कॉल किया। सवालों की बौछार की, रोए, गिड़गिड़ाए, जवाब मांगे। लेकिन रिश्ते की डोर टूट चुकी थी। विवाद बढ़ा, बात बिगड़ी और आखिरकार दिनेश ने वही रास्ता चुना जिसे शायद कोई पति चुनना नहीं चाहता।अपने ही घर में, दोनों मासूम बच्चियों की मौजूदगी में, वीडियो कॉल पर पत्नी को देखते हुए उन्होंने फांसी का फंदा लगा लिया।

सोचिए, वह आखिरी लम्हा कितना दर्दनाक होगा, जब एक पति अपनी बेवफा पत्नी की आंखों में झांकते हुए मौत को गले लगा ले।

मां का बयान और नए खुलासे!
मृतक दिनेश की मां खेमें साहू ने मीडिया को बताया कि उनके बेटे को पहले भी शक था। उन्होंने दावा किया कि केवल गिरीश ही नहीं, बल्कि किसी शिरीष अग्रवाल नामक युवक से भी चंदेश्वरी की बातचीत होती थी।
मां के मुताबिक, “मेरा बेटा अपनी पत्नी और बच्चों को हमेशा खुश रखता था। लेकिन बहू दिनेश के स्कूल जाते ही घंटों मोबाइल में चैट करती थी और बिना बताए कहीं भी चली जाती थी। आखिरकार वही इस मौत की जिम्मेदार है।”

मासूम बच्चियों पर टूटा कहर!
10 साल की रितिका और 8 साल की संस्कृति अब पिता के बिना हैं। दिनेश के चले जाने से मासूम आंखों से बचपन की मुस्कान छिन गई। मां की कथित बेवफाई और पिता की दर्दनाक मौत ने इन बच्चियों का भविष्य अंधकारमय कर दिया है।

समाज और प्रशासन के सामने सवाल!
दिनेश की मौत सिर्फ एक आत्महत्या नहीं, बल्कि सामाजिक व्यवस्था, वैवाहिक रिश्तों की निष्ठा और हर्बल लाईफ जैसे प्लेटफॉर्म की आड़ में पनप रहे रिश्तों पर भी गंभीर सवाल उठाती है।

•क्या गिरीश साहू और चंदेश्वरी के रिश्ते की सच्चाई सामने आएगी?

•क्या पुलिस प्रशासन निष्पक्ष जांच कर परिवार को इंसाफ दिला पाएगा?

•या यह मामला भी फाइलों और दबावों में दबकर रह जाएगा?

मौत के बाद पत्नी का बर्ताव और शक गहराता गया
मृतक दिनेश की मौत के बाद पत्नी चंदेश्वरी साहू का फोन घंटों स्विच ऑफ रहा। न उसने पति का अंतिम दर्शन किया और न ही दशगात्र में शामिल हुई। इससे परिजनों का गुस्सा और समाज का शक और भी गहरा गया है।

मृतक दिनेश साहू शिक्षाकर्मी वर्ग 2 की नियुक्ति वर्ष 28 जुलाई 2008 को पटेवा के पास स्थित ग्राम खट्टा के स्कूल में हुआ था। तत्पश्चात वर्ष 2016 को मृतक की पदोन्नति के साथ पिथौरा ब्लॉक के पूर्व माध्यमिक शाला छिंदौली में पदस्थ थे। मेहनत और लगन से जीवन संवार रहे इस शिक्षक का सफर 2019-20 में हर्बल लाईफ से जुड़ने के बाद और भी रफ्तार पकड़ चुका था। लेकिन अफसोस, यही प्लेटफॉर्म उनकी जिंदगी का सबसे बड़ा दुश्मन बन गया।

बेवफाई ने छीनी जिंदगी!
शिक्षक दिनेश साहू की आत्महत्या सिर्फ एक पारिवारिक घटना नहीं, बल्कि समाज के लिए चेतावनी है।
जब रिश्तों में भरोसा टूटता है, तो इंसान चाहे कितना भी मजबूत क्यों न हो, अंदर से बिखर जाता है।

अब देखने वाली बात होगी कि प्रशासन गिरीश और चंदेश्वरी पर क्या कार्रवाई करता है और मासूम बच्चियों को न्याय दिलाने के लिए समाज कैसे खड़ा होता है।

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