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October 16, 2025 4:08 pm

बीजापुर का जंगल दहला IED धमाके से – नक्सली हमले में एक वीर जवान शहीद, तीन घायल”

बीजापुर का जंगल दहला IED धमाके से – नक्सली हमले में एक वीर जवान शहीद, तीन घायल”

Bijapur/छत्तीसगढ़ का बीजापुर एक बार फिर से नक्सली हिंसा की लपटों में झुलस उठा। सोमवार की सुबह जब जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) की टुकड़ी माओवादी विरोधी अभियान पर थी, तभी घात लगाए बैठे नक्सलियों ने कायराना ढंग से आईईडी विस्फोट कर जवानों को निशाना बनाया। इस विस्फोट ने बीजापुर के नेशनल पार्क इलाके को हिला डाला। धमाका इतना तेज था कि आसपास के पेड़ों की डालियां टूटकर गिर गईं और धूल का गुबार आसमान में छा गया।

इस घटना में डीआरजी का जवान दिनेश नाग शौर्य के साथ शहीद हो गया, जबकि तीन अन्य जवान गंभीर रूप से घायल हो गए। घायल जवानों को तत्काल बचाव दल की मदद से भोपालपटनम के स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, जहां उनका प्राथमिक उपचार किया गया। जिला पुलिस प्रशासन ने राहत की सांस लेते हुए बताया कि घायलों की हालत फिलहाल स्थिर और खतरे से बाहर है।

“ऑपरेशन पर निकली थी टीम, घात लगाकर बैठे थे नक्सली”!
सूत्रों के अनुसार, डीआरजी की टीम जंगल में नक्सली विरोधी सर्च ऑपरेशन पर निकली थी। सुरक्षाबलों को इलाके में नक्सलियों की गतिविधियों की खुफिया जानकारी मिली थी। जैसे ही जवान जंगल की पगडंडी से गुजर रहे थे, पहले से बिछाए गए प्रेशर बम/IED को नक्सलियों ने ब्लास्ट कर दिया। अचानक हुए धमाके ने जवानों को संभलने का मौका ही नहीं दिया।

गंभीर रूप से घायल जवानों को साथियों ने फौरन स्ट्रेचर और कंधों पर उठाकर सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया। हैलीकॉप्टर से रेस्क्यू के इंतजाम भी किए गए।

शौर्य की शहादत – गांव में पसरा मातम”!
जवान दिनेश नाग की शहादत की खबर मिलते ही उनके पैतृक गांव और पूरे बीजापुर जिले में शोक की लहर दौड़ गई। परिजनों की आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे। बुजुर्ग पिता की आंखें गर्व और गम से नम हैं, तो मां का कलेजा बिलख रहा है। गांव की महिलाओं ने आंसूओं से भरे स्वर में कहा – “दिनेश ने देश के लिए प्राण न्यौछावर किए हैं, अब उसकी शहादत को व्यर्थ नहीं जाने दिया जाए।”

 “नक्सली मंशा पर सवाल – विकास की राह में रोड़ा“!

यह हमला केवल सुरक्षाबलों पर ही नहीं, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ की शांति और विकास की प्रक्रिया पर सीधा हमला माना जा रहा है। सरकार और प्रशासन लगातार इस क्षेत्र में सड़क, स्कूल और अस्पताल जैसे बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहा है, लेकिन नक्सली बार-बार खून और बारूद से विकास की राह को रोकने की कोशिश कर रहे हैं।

पुलिस का बयान – अभियान जारी रहेगा”!
बीजापुर पुलिस प्रशासन ने इस हमले की पुष्टि करते हुए कहा कि “नक्सली चाहे जितनी साजिश रच लें, जवानों का हौसला कमजोर नहीं होगा। ऑपरेशन तेज किया जाएगा और अपराधियों को उनके अंजाम तक पहुंचाया जाएगा।”

पुलिस का दावा है कि इलाके में अतिरिक्त बल तैनात कर दिया गया है और सर्च ऑपरेशन अब और भी कड़ा और आक्रामक होगा।

 “नक्सलियों की कायराना हरकत से गुस्सा – जनप्रतिनिधियों ने दी श्रद्धांजलि”!
घटना के बाद स्थानीय नेताओं और जनप्रतिनिधियों ने शहीद जवान को सोशल मीडिया में श्रद्धांजलि देते हुए इसे “नक्सलियों की कायराना हरकत” करार दिया। उन्होंने कहा कि “अब समय आ गया है कि इनकी जड़ें पूरी तरह उखाड़ फेंकी जाएं।”
जनप्रतिनिधियों ने यह भी मांग की कि शहीद के परिजनों को आर्थिक सहायता और एक परिजन को सरकारी नौकरी दी जाए।

 “शहादत से उठी नई चुनौती”!
दिनेश नाग की शहादत एक बार फिर यह संदेश दे गई कि माओवाद के खिलाफ यह लड़ाई लंबी और कठिन है। यह केवल बंदूक की लड़ाई नहीं, बल्कि विकास बनाम विनाश की जंग है। जवानों के खून से लथपथ यह धरती एक सवाल पूछ रही है – आखिर कब तक निर्दोषों और वीरों का लहू बहता रहेगा?

बीजापुर का यह आईईडी विस्फोट एक बार फिर चेतावनी है कि नक्सली समस्या अभी खत्म नहीं हुई है। यह युद्ध केवल पुलिस और नक्सलियों के बीच नहीं, बल्कि पूरे समाज और हिंसा की विचारधारा के बीच है। दिनेश नाग की शहादत इस बात की गवाही है कि राष्ट्र की सुरक्षा के लिए जवान अपनी जान की बाजी लगाने से पीछे नहीं हटते।
अब जिम्मेदारी सरकार और प्रशासन की है कि ऐसे हमलों का जवाब और अधिक दृढ़ता और रणनीति के साथ दिया जाए, ताकि आने वाली पीढ़ियां शांति और विकास की राह पर आगे बढ़ सकें।

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