“लूट की पटकथा, हीरो -खलनायक एक ही निकला …रायपुर में 15 लाख की फर्जी डकैती का फुल -ऑन ड्रामा।
Raipur/ रायपुर की पंडरी पुलिस ने एक ऐसी लूट की गुत्थी सुलझाई है, जिसमें अपराधी और पीड़ित एक ही शख्स निकला। 27 वर्षीय चिराग जैन, जिसने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कर खुद को दिनदहाड़े हथियारबंद बदमाशों का शिकार बताया था, असल में पूरी वारदात का मास्टरमाइंड निकला। वजह? एमसीएक्स(MCX) में भारी नुकसान और उड़ीसा के एक व्यापारी के कर्ज से बचने की साजिश!
झूठ का ताना-बाना:12 अगस्त 2025 को थाना पंडरी पहुंचकर चिराग जैन ने थरथराती आवाज़ में रिपोर्ट लिखवाई—
“मैं अपने पिता के नाम की श्री रॉकड्रिल्स और अपने नाम की श्री इंटरप्राइजेस फर्म चलाता हूं। 5 से 8 अगस्त के बीच हुए लेन-देन से 15 लाख रुपये इकट्ठा हुए थे, जिन्हें बैंक में जमा करने जा रहा था।”
उसने बताया कि जैसे ही वह कांपा रेलवे फाटक के पास पहुंचा, तीन नकाबपोश बदमाश काले रंग की बाइक पर आए। दो लोग कार में घुस गए, धारदार हथियार गर्दन पर रख दिया, मोबाइल फेंक दिया और उंगलियों की अंगूठियां तथा 15 लाख रुपए कैश से भरा बैग छीनकर फरार हो गए। “उनकी बाइक के नंबर प्लेट पर बड़े अक्षरों में BOSS लिखा था,” उसने पुलिस को बताया।
पुलिस ने तुरंत अज्ञात बदमाशों के खिलाफ बीएनएस की 309(4), 3(5) धाराओं में मामला दर्ज कर लिया।
पुलिस की जांच — कैमरे झूठ नहीं बोलते!
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. लाल उमेद सिंह ने इस मामले को गंभीरता से लिया। एएसपी (ग्रामीण) कीर्तन राठौर, एएसपी (क्राइम) संदीप मित्तल, सीएसपी नरेश पटेल, डीएसपी (क्राइम) संजय सिंह और थाना प्रभारी पंडरी के नेतृत्व में एंटी क्राइम एवं साइबर यूनिट की विशेष टीम बनाई गई।टीम ने घटनास्थल और आस- पास के सीसीटीवी खंगाले। आश्चर्यजनक रूप से, कहीं भी लूट की घटना कैद नहीं हुई। न आस-पास के लोगों ने वारदात देखी, न कोई संदिग्ध बाइक नजर आई।
बयान में उलझन — पुलिस को लगा शंका!
जब पुलिस ने चिराग से दोबारा पूछताछ की, उसके बयान बार-बार बदलने लगे। घटना के समय, दिशा, बदमाशों के कपड़े — सब में अंतर।
पुलिस ने घटनास्थल का रिक्रिएशन कराया और तकनीकी साक्ष्यों से तुलना की। झूठ की परतें खुलने लगीं। दबाव बढ़ा, तो चिराग ने आखिरकार सच कबूल कर लिया।
सच —अपराधी खुद पीड़ित बना चिराग ने बताया!
“एमसीएक्स में भारी नुकसान हो गया था। उड़ीसा के व्यापारी का भी कर्ज चुकाना था। 15 लाख रुपये मेरे पास थे, सोचा पुलिस को लूट की कहानी सुना दूं, ताकि रकम बच जाए।”उसने रकम, तीन अंगूठियां और एक मोबाइल अपने ही पास छिपा रखे थे।
बरामदगी और गिरफ्तारी!
चिराग की निशानदेही पर पुलिस ने उसके कब्जे से पूरे 15 लाख रुपये नकद, तीन अंगूठियां और मोबाइल फोन बरामद कर लिया।
गिरफ्तार आरोपी — चिराग जैन, पिता चंद्रसिंह चंडालिया, उम्र 27 वर्ष, निवासी वालफोर्ट वुड्स, थाना विधानसभा, रायपुर।उसके खिलाफ झूठी रिपोर्ट दर्ज कराने पर वैधानिक कार्रवाई शुरू हो गई है।
पुलिस की सतर्कता — झूठ की दीवार गिर गई!
इस खुलासे में एंटी क्राइम एवं साइबर यूनिट और पंडरी थाना पुलिस की भूमिका अहम रही। तकनीकी साक्ष्यों का विश्लेषण, सीसीटीवी की बारीकी से जांच और रिक्रिएशन ने आरोपी की 15 लाख लूट की झूठी कहानी की पोल खोल दी।
एसएसपी डॉ. लाल उमेद सिंह ने टीम की सराहना करते हुए कहा —
“यह मामला सबक है कि पुलिस की जांच से बचना आसान नहीं। फर्जी शिकायत दर्ज कराने वालों को अब सोचना चाहिए।”
जनता के लिए चेतावनी!
ऐसी घटनाएं पुलिस संसाधनों और समय की बर्बादी के साथ-साथ असली अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई में भी बाधा डालती हैं। पुलिस ने अपील की है कि कोई भी व्यक्ति झूठा मामला दर्ज न कराए, वरना कानूनी नतीजे भुगतने होंगे।