“सड़कें बनीं मौत का मैदान, चंदला में आवारा पशुओं ने फैलाई दहशत: विधायक के वादों पर पसरा सन्नाटा, जनआंदोलन की दी चेतावनी!”
मध्यप्रदेश/भोपाल में एक ओर जहां सरकारें ‘गोधन’ और ‘गौसंवर्धन’ की बात कर रही हैं, वहीं दूसरी ओर छातापुर जिला के चंदला विधानसभा की जनता अपनी जान बचाकर सड़क पार कर रही है। सड़कें अब आवागमन का माध्यम नहीं, बल्कि मौत का जाल बन गई हैं। चंदला से लवकुशनगर, सरबई, गौरीहर तक हर चौराहे, हर मोड़ पर आवारा मवेशियों का कब्जा है — मानो स्टेट हाइवे इन जानवरों की स्थायी गौशाला बन चुका हो।
हर दिन हादसे, हर मोड़ पर मातम…
चंदला विधानसभा क्षेत्र में आए दिन सड़क दुर्घटनाओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। गायों और बैलों से टकराकर लोग अपनी हड्डियाँ तुड़वा रहे हैं, कोई अपने परिवार का सदस्य खो चुका है तो कोई जीवन भर के लिए विकलांगता झेल रहा है। लेकिन प्रशासन और नेताओं के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही।
चंदला विधायक विधायक दिलीप अहिरवार के चुनावी वादे हुए गायब!
चुनाव से पहले चंदला विधानसभा के विधायक व वर्तमान वन मंत्री दिलीप अहिरवार ने गौशाला निर्माण की घोषणा की थी। जनसभा में मंच से दहाड़े थे — “हर गाँव में होगी गौशाला, और हर मवेशी को मिलेगा घर।”
लेकिन चुनाव जीते दो साल बीत चुके हैं — न ज़मीन चिन्हित हुई, न नक्शा बना, न एक ईंट रखी गई। जनता कह रही है — “वादे थे गूंजते नगाड़े, निकले खोखले और कागज़ी हवाले!”
युवाओं और पशुसेवकों ने दी चेतावनी — अब होगा संघर्ष!
चंदला के युवाओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने चंदला में एक सामान्य बैठक में नगर परिषद् उपाध्यक्ष अंशु शुक्ला ,मुन्ना मिश्रा ,बबलू सोनी, अमित जैन, बाला वर्मा,संतोष कुशवाहा, साकेत गुप्ता, शानू मिश्रा,अमन मिश्रा, पप्पू कुशवाहा,संजय जैन,राम नरेश गुप्ता एवं अन्य पशु सेवको की उपस्थिति में चर्चा का विषय बना जिसमें अगर अगर आवारा पशुओं की समुचित व्यवस्था नहीं किया गया तो हम अब आर-पार की लड़ाई किया जाएगा है। उनका कहना है कि यदि एक महीने के भीतर आवारा पशुओं की समुचित व्यवस्था नहीं हुई, तो वे सड़क से लेकर भोपाल तक हल्ला बोल करेंगे। युवा प्रतिनिधियों ने कहा:
“हम गायों से प्रेम करते हैं, पर नेताओं की लापरवाही से नफरत। अगर प्रशासन और मंत्रीजी नहीं जागे, तो जनता अब सड़कों पर उतरकर जवाब देगी। मुख्यमंत्री निवास का घेराव होगा।”
जनता का दर्द: “बच्चे स्कूल नहीं जा पाता, क्योंकि रास्ते में खड़ी हैं मौतें!”
पशु सेवकों का कहना हैं कि चंडल नगर के बच्चे रोज स्कूल जाने से डरता है क्योंकि रास्ते में मवेशियों का झुंड होता है। “कहीं सींग मार दे तो? रोज़ कोई न कोई घायल होता है… सरकार क्या सिर्फ गाय को देखकर वोट लेती है, उसकी देखभाल से मुंह मोड़ लेती है?”
प्रशासन बना तमाशबीन, व्यवस्था नदारद!
नगर पंचायत, तहसील, राजस्व विभाग सभी की जिम्मेदारी तय है, लेकिन सबकी आंखों पर पट्टी बंधी है। एसडीएम और तहसीलदार कार्यालय तक में ज्ञापन पहुंचाया गया, लेकिन समाधान की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
बढ़ती दुर्घटनाएं — आंकड़े चौंकाने वाले!
सूत्रों की माने तो स्थानीय स्वास्थ्य केंद्रों के अनुसार पिछले छह महीनों में चंदला क्षेत्र में पशु टकराव की वजह से लगभग सैकड़ों दुर्घटनाएं हुई हैं। इनमें मौतें और कई गंभीर घायल शामिल हैं। यह आँकड़ा किसी महामारी जैसा ही भयावह है।
“यदि तत्काल गौशाला निर्माण, पशुओं की पहचान, टेगिंग और उनके पुनर्वास की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई, तो जनता सड़कों पर उतरेगी। और इसका सम्पूर्ण दायित्व विधायक व वन मंत्री दिलीप अहिरवार का होगा । ” क्योंकि की विधायक जी ने वादे करे लेकिन अपने वादों से मुकरते दिख रहे है?
क्या फिर जागेगी सरकार? या फिर कोई बड़ा हादसा होगा ज़रूरी?
अब सवाल यह नहीं कि गौशाला बनेगी या नहीं, सवाल यह है कि कितनी और लाशें बिछेंगी तब तक? क्या कोई मंत्री या अधिकारी तब जागेगा जब उसका काफिला खुद इन मवेशियों से टकराएगा?
जनता की हुंकार — अब नहीं सहेंगे अपमान, गौ माता की दुर्दशा और अपनी जान का नुकसान!
चंदला की सड़कों पर अब गूंजने लगा है नारा —
“गौशाला नहीं तो वोट नहीं!”
“गाय की रक्षा करो, जनता की रक्षा करो!”
“घोषणाओं की नहीं, कार्रवाई की ज़रूरत है!”
अब देखना यह है कि शासन-प्रशासन इस चेतावनी को कितनी गंभीरता से लेता है, या फिर चंदला की आग भोपाल तक जाएगी।