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September 11, 2025 12:07 pm

स्वास्थ्य संयोजकों का ‘डिजिटल बायकॉट’ और आंदोलन का ऐलान:दुर्ग से उठी तेज़ आवाज़ – अब नहीं सहेंगे अनदेखी!

स्वास्थ्य संयोजकों का ‘डिजिटल बायकॉट’ और आंदोलन का ऐलान:दुर्ग से उठी तेज़ आवाज़ – अब नहीं सहेंगे अनदेखी!

Durg/”अब नहीं झुकेंगे, अब नहीं रुकेंगे!” – यही उद्घोष था रविवार 27/7/2025 को आयोजित स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारी संघ, जिला दुर्ग की बैठक का, जिसमें संघ ने एक सुर में आवाज़ बुलंद की कि जब तक न्याय नहीं, तब तक संघर्ष जारी रहेगा। एकजुटता, रणनीति और आंदोलन की तैयारियों से भरी इस बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जिनकी गूंज अब प्रदेश स्तर तक पहुँचने वाली है।

डिजिटल बहिष्कार बना ‘संघर्ष का प्रतीक!
बैठक की शुरुआत में संघ के सदस्यों ने यह स्पष्ट किया कि ऑनलाइन डेटा एंट्री का बहिष्कार पूर्ववत जारी रहेगा। सदस्यों ने कहा कि यह केवल बहिष्कार नहीं, बल्कि शासन की उपेक्षा के खिलाफ एक मौन विद्रोह है। जब तक हमारी मांगें नहीं मानी जातीं, हम डिजिटल कार्यों से दूरी बनाए रखेंगे।

RHO के खिलाफ भेदभाव पर उभरा आक्रोश!
बैठक में सर्वाधिक तीखी प्रतिक्रिया उस निर्णय को लेकर रही, जिसमें जारी TOR अनुसार केवल RHO को नोटिस भेजे गए, जबकि अन्य कैडर पर चुप्पी साधी गई। इसे संघ ने स्पष्ट भेदभाव बताते हुए चेतावनी दी कि यदि यह अन्यायपूर्ण रवैया जारी रहा, तो कार्यालय घेराव तक की कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, प्रांतीय स्तर से सचिव एवं संचालक को पत्राचार कर विरोध जताने की भी रणनीति बनी।

आर्थिक पारदर्शिता और संगठन विस्तार!
संघ की आय-व्यय विवरण रिपोर्ट वर्ष 2024-25 के लिए प्रस्तुत की गई, जिससे संगठन की पारदर्शिता को मजबूती मिली। इसके साथ ही जिला कार्यकारिणी का विस्तार कर संगठनात्मक मजबूती की दिशा में एक ठोस कदम बढ़ाया गया।

RHO-F की अनुपस्थिति बनी आक्रोश का कारण:- बैठक में मौजूद पदाधिकारियों और सदस्यों ने RHO-F (महिला स्वास्थ्य संयोजक) की नगण्य उपस्थिति पर तीव्र नाराज़गी व्यक्त की। इस विषय पर संगठन ने एक स्वर में कहा कि संघ की मजबूती हर वर्ग की भागीदारी से ही संभव है, और इस प्रकार की निष्क्रियता संगठन के हित में नहीं।

सेक्टर भ्रमण से संगठन में नई ऊर्जा भरने की योजना
संघ ने यह भी तय किया कि जिले भर के सेक्टरों में प्रतिनिधियों का भ्रमण कर संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत किया जाएगा। यह पहल, एकजुटता और संगठन की गहराई बढ़ाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकती है।

आंदोलन की गूंज अब शासन-प्रशासन तक!
ऑनलाइन बहिष्कार और अन्य मुद्दों पर शासन-प्रशासन का ध्यान आकर्षित करने हेतु आंदोलन की योजना भी बनाई गई। दुर्ग जिले से प्रांतीय टीम को इस बाबत संदेश भेजने पर भी सर्वसम्मति बनी, जिससे पूरे राज्य में एक सशक्त संदेश जाएगा।

वेतन विसंगति के लिए कानूनी और सामूहिक संघर्ष की तैयारी!
संघ ने वेतन विसंगति के मुद्दे को लेकर दो मोर्चों पर लड़ने की रणनीति बनाई – एक ओर माननीय उच्च न्यायालय में केस और दूसरी ओर सम्मेलन एवं संभावित हड़ताल। इसके लिए प्रांतीय टीम को ठोस सुझाव भेजने की भी सहमति बनी, जिससे न्याय के लिए संगठित आवाज़ और भी बुलंद हो सके।

लैंगिक भेदभाव के खिलाफ एक नई लड़ाई!
RHO पदनाम में “महिला” और “पुरुष” जैसे शब्दों को हटाकर समानता की भावना स्थापित करने की भी मांग रखी गई। इस संबंध में शासन-प्रशासन को पत्राचार करने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित हुआ।

नेतृत्व और भागीदारी!
बैठक की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष प्रवीण रात्रे ने की। इस महत्वपूर्ण बैठक में ब्लॉक अध्यक्ष मुकेश साहू (निकुम), राकेश सार्वा (पाटन), उत्तरा साहू (धमधा) समेत अनेक पदाधिकारी और सदस्यगण उपस्थित रहे। सभी ने एक स्वर में कहा – “अब समय आ गया है कि संगठन की ताकत को केवल शब्दों में नहीं, बल्कि कदमों में दिखाया जाए।”

एकजुटता से क्रांति की ओर:-

इस ऐतिहासिक बैठक ने यह स्पष्ट कर दिया कि दुर्ग जिले के स्वास्थ्य संयोजक अब चुप नहीं बैठेंगे। चाहे वह ऑनलाइन कार्य बहिष्कार हो, कार्यालय घेराव की चेतावनी, कानूनी लड़ाई या सामाजिक समरसता की मांग – संगठन हर दिशा में सक्रिय हो चुका है।

आंदोलन की यह आग अब केवल दुर्ग जिले तक सीमित नहीं रहेगी। जैसे-जैसे यह संदेश प्रदेश भर में फैलेगा, स्वास्थ्य संयोजकों का यह विद्रोह एक राज्यव्यापी आंदोलन का रूप ले सकता है।

संघ की हुंकार अब हवा में नहीं, जमीन पर गूंज रही है – और यह संघर्ष तब तक जारी रहेगा, जब तक न्याय नहीं मिलता!

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