सुशासन तिहार में बिगड़ी “शिक्षा की लय” बदला गया “शिक्षा की बगिया का माली”,,,,,,,,,
महासमुंद के डीईओ सावंत पर प्रदेश के मुखिया द्वारा गिरी स्थानांतरण की गाज!
महासमुन्द। सुशासन तिहार के मंच पर जब पूरे प्रदेश में विकास और पारदर्शिता की बयार बह रही थी, तभी एक झटका महासमुंद जिले के शिक्षा महकमे को लगा। प्रदेश के मुखिया ने जनसमूह के सामने जैसे ही जिला शिक्षा अधिकारी (D.E.O) सावंत पर कार्रवाई की घोषणा की, पूरा पंडाल सन्न रह गया।
मुख्यमंत्री के तीखे तेवर और सख्त लहजे ने यह साफ कर दिया कि अब ‘कामचोरी’ और ‘लापरवाही’ की गुंजाइश नहीं! मंच पर बैठे अधिकारी भी एक-दूसरे की ओर देखने लगे — किसी को नहीं था अंदेशा कि सुशासन के इस उत्सव में इस तरह किसी अफसर पर सार्वजनिक कार्रवाई हो जाएगी।
बताया जा रहा है कि डीईओ सावंत के खिलाफ कई दिनों से शिकायतें मिल रही थीं — जिले के स्कूलो के बिगड़ते परीक्षा परिणाम शिक्षकों की अनदेखी, समय पर कार्यवाही में ढिलाई और विभागीय अनियमितताओं की फेहरिस्त लंबी होती जा रही थी।
मुख्यमंत्री ने मंच से स्पष्ट कहा, “सुशासन तिहार सिर्फ दिखावे के लिए नहीं है, यह एक वचन है – जवाबदेही का। और जहां चूक होगी, वहां कार्रवाई भी होगी।”
इस अप्रत्याशित फैसले के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। कुछ अधिकारियों ने इसे ‘चेतावनी की घंटी’ बताया, तो कुछ ने इसे ‘साफ-सुथरे प्रशासन’ की ओर बढ़ता हुआ एक अहम कदम करार दिया।
कहानी अभी खत्म नहीं हुई — सुशासन की यह लहर किसे बहा ले जाएगी और कौन इसकी नैया का पतवार बनेगा, यह वक्त ही बताएगा।
सुशासन तिहार, अब सिर्फ एक पर्व नहीं रहा, यह प्रदेश में जवाबदेही और ईमानदारी की पुनर्प्रतिष्ठा का प्रतीक बन गया है।