“शांति की ओट में वार – पाक के दोगले चेहरे ने फिर दिखाई असली सूरत”,,,,,,,,,,,
“सीजफायर की घोषणा शांति का संदेश नहीं, एक छलावा था।”
जम्मू/भारत-पाकिस्तान सीमा पर एक तरफा सीजफायर की घोषणा के ठीक 48 घंटे बाद, जब देश राहत की सांस ले रहा था, तब एक और कायराना हमला सब कुछ बदल गया। इस बार निशाना बना – माता वैष्णो देवी धाम, करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र।
धाम की ओर उठे नापाक इरादे:- शनिवार रात करीब 11:30 बजे त्रिकुटा पहाड़ियों में एक तेज धमाका सुनाई दिया। प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, यह हमला ड्रोन के ज़रिए किया गया – एक विस्फोटक उपकरण गेट नंबर 3 के पास गिराया गया। सौभाग्यवश किसी जानमाल की हानि नहीं हुई, लेकिन श्रद्धालुओं में भय और क्रोध दोनों फैल गया।
सीजफायर – एक मुखौटा या रणनीति?
पाकिस्तान ने दो दिन पहले शांति की पहल के नाम पर सीजफायर का एलान किया था। लेकिन अब सवाल यह है: क्या यह सिर्फ ध्यान भटकाने की रणनीति थी? क्या यह ‘दाएं हाथ से दोस्ती और बाएं से धोखा’ की घातक चाल थी?
नेता बोले – “भारत की चुप्पी को कमजोरी न समझे कोई” गृहमंत्री ने सख्त लहजे में कहा, “पाकिस्तान का यह दोगलापन अब बर्दाश्त से बाहर है। माता रानी की धरती पर हमला सिर्फ एक मंदिर पर नहीं, हमारी अस्मिता पर वार है।” उधर, सुरक्षाबलों ने त्रिकुटा की पहाड़ियों में व्यापक तलाशी अभियान शुरू कर दिया है।
जनता का आक्रोश – “अब बहुत हो चुका!”कटरा में जुटे हज़ारों श्रद्धालुओं ने नारे लगाए – “पाकिस्तान मुर्दाबाद!”, “हमले का जवाब दो!”। एक श्रद्धालु ने कहा, “जिन होंठों से पाक शांति की बात करता है, उन्हीं से ज़हर टपकता है। यह उनका असली चेहरा है।”
शांति की कोशिशों पर छाया साया:- जहाँ एक ओर दुनिया दोनों देशों के बीच बातचीत की उम्मीद कर रही थी, वहीं इस कायराना हरकत ने एक बार फिर साफ कर दिया – पाकिस्तान की नीयत पर भरोसा करना, खुद को धोखा देना है।