लालच की दुकान डोंगरगढ़ वन परिक्षेत्र के बोरतलाव के परिक्षेत्र अधिकारी फर्जी भुगतान निकाल कर पचा गये,,,,
वर्ष 2021 में डोंगरगढ़ वन परिक्षेत्र के बोरतलाव और खैरागढ़ जिले के कटेमा गांव में बांस-भिर्रा कटाई, मिट्टी चढ़ाई और फेंसिंग जैसे कार्यों के लिए स्वीकृत करोड़ों रुपये की राशि से संबंधित है। शिकायतकर्ता विलास जांभुलकर के अनुसार, इन कार्यों के लिए ग्रामीणों के बैंक खातों में मजदूरी के पैसे जमा किए गए, लेकिन वास्तव में कोई काम नहीं हुआ। वन विभाग के कर्मचारियों ने ग्रामीणों को लालच देकर बैंक से पैसे निकलवाए और वापस ले लिए, बदले में उन्हें मात्र 1000 रुपये दिए गए।
इस घोटाले में गर्भवती महिला और स्कूली छात्र के नाम पर भी फर्जी भुगतान किया गया। बछेराभाठा की एक गर्भवती महिला के नाम पर मजदूरी का भुगतान दिखाया गया, जबकि वह उस समय मजदूरी करने में असमर्थ थी। इसी तरह, ग्राम भंडारपुर के एक स्कूली छात्र हेमंत कुमार के नाम पर भी फर्जी भुगतान हुआ, जबकि वह नियमित रूप से स्कूल में उपस्थित रहता था।
शिकायतकर्ता विलास जांभुलकर पिछले तीन साल से इस घोटाले के खिलाफ शिकायतें दर्ज करा रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गई है, जिसमें डोंगरगढ़ तहसीलदार मुकेश ठाकुर, उप वनमंडलाधिकारी पूर्णिमा राजपूत और मनरेगा अधिकारी विजय प्रताप सिंह शामिल हैं, लेकिन तीन साल बीत जाने के बाद भी जांच की प्रगति स्पष्ट नहीं है।
यह मामला वन विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार और शासकीय योजनाओं के दुरुपयोग का गंभीर उदाहरण है, जिससे वास्तविक मजदूरों को उनके हक से वंचित किया जा रहा है।