“रेत की लूट में इंसानियत शर्मसार: आरक्षक को कुचलने वाले दरिंदे दबोचे, मास्टरमाइंड नसीमुल हक समेत आठ गिरफ्तार”,,,,,,,,
छत्तीसगढ़/बलरामपुर जिले के थाना सनावल अंतर्गत लिबरा घाट क्षेत्र एक बार फिर अवैध रेत खनन के खूनी खेल का गवाह बना, जहाँ कर्तव्यनिष्ठ आरक्षक शिवबचन सिंह को अपनी जान की कीमत चुकानी पड़ी थी!12 मई की रात रेत माफियाओं के खिलाफ चल रही संयुक्त कार्रवाई के दौरान हुए हमले में आरक्षक की मौके पर ही कुचलकर हत्या कर दी गई थी। इस जघन्य वारदात ने पूरे जिले को झकझोर दिया था।
अब इस मामले में बलरामपुर जिला की पुलिस विभाग को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। बलरामपुर पुलिस ने हत्या के मुख्य आरोपी और मास्टरमाइंड नसीमुल हक सहित कुल 8 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। घटना में प्रयुक्त तीन ट्रैक्टर भी जब्त कर लिए गए हैं। वहीं अन्य फरार आरोपियों की तलाश में पुलिस की टीमें लगातार दबिश दे रही हैं।
मौत का मैदान बना लिबरा घाट:- घटना की रात लिबरा घाट कन्हर नदी क्षेत्र में अवैध रेत परिवहन की शिकायत पर पुलिस और वन विभाग की संयुक्त टीम कार्रवाई के लिए पहुँची थी। जैसे ही आरक्षक शिवबचन सिंह ने एक ट्रैक्टर को रुकवाने का प्रयास किया, आरोपी हमिदुल हक ने उन्हें कुचल दिया। वह जानबूझकर ट्रैक्टर उनके ऊपर चढ़ा कर भाग गया। आरक्षक की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई थी। इस दुस्साहसिक वारदात के समय दो अन्य ट्रैक्टर चालकों ने भी टीम को कुचलने की कोशिश की, लेकिन वे बाल-बाल बचे।
यह सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि एक सुनियोजित साजिश थी, जिसमें सरकारी अमले को निशाना बनाया गया। इस निर्ममता ने पूरे प्रशासन को झकझोर दिया और शासन स्तर पर भी सख्त कार्रवाई के निर्देश जारी हुए।
जांच में तेजी से गिरफ्तारी में सफलता हाथ लगी :- बलरामपुर पुलिस ने इस गंभीर मामले को चुनौती के रूप में लिया और तेजी से जांच करते हुए मास्टरमाइंड नसीमुल हक समेत कुल 8 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। इनमें से 3 आरोपियों को पूर्व में ही गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका था, जबकि 5 और को अब गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। आरोपियों पर भारतीय न्याय संहिता (BNS), खनिज अधिनियम और वन अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई की गई है।
बलरामपुर पुलिस अधीक्षक की सख्त चेतावनी:- पुलिस अधीक्षक वैभव बैंकर ने मीडिया से बातचीत में स्पष्ट किया कि ऐसे अपराधियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा, “हमने घटना के तुरंत बाद विशेष टीम गठित की थी। हर पहलू पर बारीकी से जांच की गई और तमाम सुरागों के आधार पर आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। फरार अभियुक्तों की तलाश जारी है और बहुत जल्द उन्हें भी सलाखों के पीछे पहुँचाया जाएगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि रेत माफियाओं की गतिविधियों को जड़ से खत्म करने के लिए ज़िला प्रशासन, पुलिस और वन विभाग मिलकर एक दीर्घकालिक रणनीति पर कार्य कर रहे हैं।
आम जनता में रोष, आरक्षक की शहादत पर श्रद्धांजलि:- आरक्षक शिवबचन सिंह की शहादत पर पूरे जिले में शोक की लहर है। आम नागरिकों और जनप्रतिनिधियों ने प्रशासन से मांग की है कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। कई सामाजिक संगठनों ने मृतक आरक्षक के परिजनों को समुचित मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की भी मांग की है।
यह घटना सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि कानून व्यवस्था को खुली चुनौती है। रेत माफियाओं के खिलाफ की गई यह कार्रवाई आने वाले समय में एक मिसाल बनेगी, यह तय है। आरक्षक शिवबचन सिंह की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी, बलरामपुर पुलिस का यह संदेश अब साफ है — कानून का डंडा हर उस माफिया पर चलेगा जो व्यवस्था को रौंदने की कोशिश करेगा।