राष्ट्रीय अस्मिता पर चोट से मचा भूचाल?अंबिकापुर कॉलेज के फेसबुक पेज पर विकृत भारत नक्शा PoK – अक्साई चिन गायब: कॉलेज के प्राचार्य पर मंडराया देशद्रोह का साया?”
Ambikapur/छत्तीसगढ़ के शांत और शिक्षा के लिए प्रसिद्ध अंबिकापुर शहर में स्थित Holy Cross Women’s College इन दिनों पूरे प्रदेश ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर चर्चाओं और विवादों के भंवर में फंस गया है। वजह है कॉलेज के आधिकारिक फेसबुक पेज पर प्रकाशित हुआ भारत का एक ऐसा नक्शा, जिसने हर देशभक्त के दिल को झकझोर दिया। इस नक्शे में न सिर्फ अक्साई चिन बल्कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) को भी भारत का हिस्सा ही नहीं दिखाया गया।
यह केवल एक चित्रात्मक भूल नहीं, बल्कि राष्ट्रीय अस्मिता पर गहरी चोट कही जा रही है। एक ओर जहां यह घटना कॉलेज प्रशासन की गंभीर लापरवाही को उजागर करती है, वहीं दूसरी ओर यह सवाल भी खड़ा करती है कि क्या सचमुच यह महज “गलती” थी या फिर “सोची–समझी साजिश”?
19 माह तक अनदेखा रहा विवादित नक्शा!
सूत्रों के अनुसार, यह विवादित नक्शा लगभग उन्नीस माह तक कॉलेज के फेसबुक पेज पर बिना किसी रोक-टोक के मौजूद रहा। हाल ही में कॉलेज द्वारा जब नई तस्वीरें अपलोड की गईं, तब पुराने एलबम के साथ यह नक्शा फिर सामने आ गया। जैसे ही जागरूक नागरिकों ने इसे देखा, मामला आग की तरह फैल गया और सोशल मीडिया पर जमकर हंगामा मच गया।
भाजपा नेता कैलाश मिश्रा का आक्रामक रुख!
जैसे ही यह विवाद प्रकाश में आया, भाजपा नेता कैलाश मिश्रा ने इसे राष्ट्रद्रोह की संज्ञा देते हुए अंबिकापुर के गांधीनगर थाने में एफआईआर दर्ज करने की मांग की। मिश्रा ने कहा—
“यह कोई साधारण प्रशासनिक गलती नहीं है, बल्कि भारत माता के मान-सम्मान पर चोट है। कॉलेज की प्राचार्य शांता जोसेफ़ को देशद्रोह का दोषी मानकर कठोर दंड दिया जाना चाहिए। अगर ऐसे मामलों में कार्रवाई नहीं हुई तो कल को हर संस्था भारत की अखंडता से खिलवाड़ करेगी।”
उनकी इस मांग ने मामले को और अधिक राजनीतिक रंग दे दिया है।
पुलिस और प्रशासन में हलचल!
जैसे ही शिकायत दर्ज हुई, पुलिस और प्रशासन हरकत में आ गए। सूत्रों का कहना है कि प्राचार्य शांता जोसेफ़ के खिलाफ देशद्रोह अधिनियम और आईटी एक्ट की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज करने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है।
प्रशासनिक सूत्र बताते हैं कि शासन भी इस मामले पर गंभीरता से नजर बनाए हुए है। यदि आरोप सिद्ध होते हैं, तो प्राचार्य के खिलाफ न केवल आपराधिक मामला दर्ज होगा बल्कि कॉलेज प्रबंधन की जवाबदेही भी तय की जाएगी।
अन्य राज्यों से जुड़े उदाहरण – जब नक्शे ने भड़काया विवाद!
यह पहला मौका नहीं है जब भारत का नक्शा विवादों में आया हो। पिछले कुछ वर्षों में कई बार ऐसी घटनाएं सामने आईं, जिन पर तत्काल कानूनी कार्रवाई हुई—
• महाराष्ट्र, ठाणे (जनवरी 2025): Garib Nawaz Moinuddin Chishti Committee द्वारा लगाए गए पोस्टर में PoK और अक्साई चिन गायब दिखाए गए। तत्काल एफआईआर दर्ज की गई।
• कर्नाटक, बेलगावी (दिसंबर 2024): कांग्रेस के शताब्दी समारोह के पोस्टरों में गलत नक्शा छपा। भाजपा और जेडी(एस) ने विरोध कर इसे राष्ट्रीय अपमान बताया। अंततः कांग्रेस नेताओं को झुकना पड़ा और पोस्टर हटाने पड़े।
• केरल कांग्रेस (जुलाई 2025): आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर साझा नक्शे में जम्मू–कश्मीर पाकिस्तान का हिस्सा दिखाया गया। भाजपा ने इसे सोची-समझी साजिश बताया। भारी दबाव में कांग्रेस को गलती स्वीकारनी पड़ी।
• ट्विटर विवाद (जून 2021): ट्विटर के करियर पेज पर भारत का नक्शा विकृत रूप में डाला गया। बजरंग दल और अन्य संगठनों ने देशद्रोह का केस दर्ज कराया। भारी विरोध के बाद ट्विटर को झुकना पड़ा और नक्शा हटाना पड़ा।
नक्शा: केवल भूगोल नहीं, अस्मिता का प्रतीक!
भारत का नक्शा मात्र सीमाओं का चित्र नहीं है। यह सवा सौ करोड़ भारतीयों की अस्मिता, संप्रभुता और स्वाभिमान का प्रतीक है। यही कारण है कि भारतीय दंड संहिता और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम में भारत की सीमाओं को गलत तरीके से दर्शाना गंभीर अपराध माना गया है।
भारत सरकार ने कई बार स्पष्ट किया है कि भारत का नक्शा किसी भी प्रकार से विकृत नहीं दिखाया जा सकता। चाहे वह अंतरराष्ट्रीय कंपनी हो या कोई स्थानीय संगठन, भारत की सीमाओं के साथ छेड़छाड़ अस्वीकार्य है।
जनता में गुस्सा – उठ रहे सवाल!
अंबिकापुर का यह विवाद अब केवल एक फेसबुक पोस्ट की गलती नहीं रहा, बल्कि यह राष्ट्र की अखंडता और कानून के अनुपालन का प्रश्न बन गया है। शहर से लेकर राजधानी तक इस मुद्दे पर लोगों में गुस्सा है।
लोग सवाल उठा रहे हैं—
• क्या कॉलेज प्राचार्य शांता जोसेफ़ के खिलाफ देशद्रोह की सख्त कार्रवाई होगी?
• या यह मामला भी पूर्ववर्ती उदाहरणों की तरह राजनीतिक समझौते और प्रशासनिक चुप्पी के बोझ तले दब जाएगा?
• आखिर इतने लंबे समय तक विवादित नक्शा सोशल मीडिया पर कैसे बना रहा, और किसी की नजर क्यों नहीं पड़ी?
अस्मिता से खिलवाड़ = देशद्रोह!
अंबिकापुर की यह घटना एक बार फिर पूरे देश को यह चेतावनी देती है कि—भारत का नक्शा केवल एक मानचित्र नहीं है, यह हमारी अस्मिता और अस्तित्व का आधार है। इसमें किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ “राष्ट्रद्रोह” से कम नहीं मानी जाएगी।
अब देखना यह है कि प्रशासन और न्यायालय इस मामले में कितनी सख्ती दिखाते हैं और क्या यह केस आने वाले समय में “नजीर” बनकर देश की अन्य संस्थाओं को भी सचेत करेगा।
लेखनी स्पष्ट करती है—
“भारत माता का मानचित्र न सिर्फ भूगोल है, यह हर भारतीय का हृदय है।जो इससे छेड़ेगा, वह देशद्रोही कहलाएगा।”