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October 16, 2025 11:42 pm

“रायपुर में हवाई बंधक:लैंडिंग के बाद एअर इंडिया का विमान बना ‘उड़ता कैदखाना’, 160 यात्री एक घंटे तक फंसे रहे अंदर”

“रायपुर में हवाई बंधक:लैंडिंग के बाद एअर इंडिया का विमान बना ‘उड़ता कैदखाना’, 160 यात्री एक घंटे तक फंसे रहे अंदर”

Raipur/रविवार की रात रायपुर एयरपोर्ट पर एक ऐसा नजारा देखने को मिला, जिसने यात्रियों को झकझोर दिया और एयरलाइन के सिस्टम पर बड़े सवाल खड़े कर दिए। दिल्ली से रायपुर पहुंचा एअर इंडिया का विमान जैसे ही रनवे पर उतरा, यात्रियों ने राहत की सांस ली—पर ये राहत जल्द ही डर, बेचैनी और गुस्से में बदल गई। वजह? विमान का दरवाजा खुला ही नहीं!

करीब एक घंटे तक 160 यात्री उसी बंद मेटल के डिब्बे में बैठे रहे, जैसे किसी ‘हवाई जेल’ में फंसे हों। समय बीतता गया, हवा भारी होने लगी, और क्रू की चुप्पी ने माहौल को और तनावपूर्ण बना दिया।

तकनीकी खराबी या लापरवाही?
एअर इंडिया की उड़ान संख्या AI-2797 रविवार रात 8:15 बजे दिल्ली से रवाना हुई थी। उड़ान सामान्य रही और रात 10:05 बजे रायपुर के स्वामी विवेकानंद हवाई अड्डे पर विमान ने लैंडिंग की। लेकिन जैसे ही यात्रियों ने सीट बेल्ट खोली और दरवाजे की ओर नजर डाली—उम्मीद टूट गई।

दरवाजा ‘जाम’ था। क्रू मेंबर इधर-उधर भागे, सिस्टम चेक हुआ, लेकिन नतीजा—कुछ नहीं। एयरलाइन स्टाफ ने शुरुआत में चुप्पी साध ली। यात्रियों को सिर्फ इतना बताया गया कि “थोड़ी देर लगेगी”, लेकिन ‘थोड़ी देर’ एक घंटे में बदल गई।

अंदर का माहौल—भय, घुटन और गुस्सा!
करीब आधे घंटे बाद तकनीकी खराबी की बात बताई गई। गर्मी और बंद माहौल में बच्चों के रोने की आवाजें आने लगीं, बुजुर्ग परेशान हो उठे। कुछ यात्रियों को घुटन का अहसास होने लगा। मोबाइल नेटवर्क कमजोर था, पर जिसने जो कर सकता था, सोशल मीडिया पर वीडियो और पोस्ट डालने लगा।

इस बीच, यात्रियों में बिलासपुर जिले के कोटा से कांग्रेस विधायक अटल श्रीवास्तव भी मौजूद थे। उन्होंने घटना की गंभीरता को देखते हुए एयरलाइन प्रबंधन पर नाराजगी जताई और कहा, “यह किसी के साथ भी हो सकता है। यह महज तकनीकी खराबी नहीं, यात्रियों की सुरक्षा से खिलवाड़ है।”

एक घंटे बाद ‘मुक्ति’!
करीब रात 11 बजे के बाद, तमाम कोशिशों के बाद आखिरकार दरवाजे को खोला गया। यात्री बाहर निकले, लेकिन चेहरे पर थकान, निराशा और गुस्सा साफ झलक रहा था। कुछ ने तो साफ कहा कि अब वो एअर इंडिया से उड़ान भरने से पहले सौ बार सोचेंगे।

DGCA और एयरलाइन का मौन!
घटना के बाद से अब तक नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। वहीं एयर इंडिया ने भी घटना पर औपचारिक माफी या स्पष्टीकरण जारी नहीं किया।

यात्रियों का कहना है कि पिछले कुछ दिनों में देशभर में कई विमानन घटनाएं हो चुकी हैं—इंजन फेल, तकनीकी खराबी, आपातकालीन लैंडिंग। ऐसे में दरवाजे का न खुलना, भले ही मामूली लगे, लेकिन यह सुरक्षा के लिहाज से अत्यंत गंभीर संकेत है।

यात्रियों की प्रतिक्रियाएं
एक महिला यात्री ने कहा—
“दरवाजा खुलने का इंतजार करते-करते घबराहट होने लगी। क्रू से पूछो तो कहते हैं—‘बस अभी’। यह ‘अभी’ पूरे एक घंटे चला।”

दूसरे यात्री ने व्यंग्य में कहा—
“टिकट तो रायपुर तक का था, लेकिन सफर में बोनस के तौर पर एक घंटे का ‘विमान कारावास’ भी मिल गया।”

एयर इंडिया की छवि पर असर!
यह घटना ऐसे समय हुई है जब टाटा ग्रुप के अधिग्रहण के बाद एअर इंडिया अपनी ब्रांड इमेज सुधारने के बड़े-बड़े दावे कर रही है। नए विमान, बेहतर सेवा, विश्वस्तरीय अनुभव—ये सब वादों में अच्छा लगता है, लेकिन जमीनी (या यूं कहें—‘हवाई’) हकीकत यात्रियों को कुछ और ही बता रही है।

पिछले महीने ही एअर इंडिया की एक अंतरराष्ट्रीय उड़ान में तकनीकी खराबी के चलते घंटों देरी हुई थी। और अब दरवाजे का न खुलना—यह दर्शाता है कि तकनीकी निरीक्षण और रखरखाव में कहीं न कहीं बड़ी चूक है।

सवाल जो उठ रहे हैं!
• क्या विमान को उड़ान से पहले पूरी तरह जांचा गया था?

• यदि यह खराबी हवा में होती और आपात स्थिति में दरवाजा न खुलता, तो क्या होता?

• यात्रियों को समय रहते पूरी जानकारी क्यों नहीं दी गई?

• क्या यह घटना नियमों के उल्लंघन की श्रेणी में आती है?

रायपुर एयरपोर्ट पर हुई यह घटना सिर्फ एक तकनीकी खराबी का मामला नहीं, बल्कि एयरलाइन की जवाबदेही, यात्रियों की सुरक्षा और पारदर्शिता पर बड़ा सवाल है। उड़ान में बैठे हर यात्री का भरोसा ही विमानन उद्योग की रीढ़ है, और इस तरह की घटनाएं उस भरोसे को तोड़ देती हैं।

एअर इंडिया को अब सिर्फ माफी या सफाई देने से काम नहीं चलेगा—उसे अपनी प्रक्रियाओं और तकनीकी जांच को नया, सख्त और पारदर्शी बनाना होगा। क्योंकि आसमान में उड़ते यात्रियों को भरोसे के पंख चाहिए, न कि बंद दरवाजों का डर।

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