/kc edits /

September 10, 2025 3:11 pm

“पेशी पर पेशी नहीं चलेगी अब छत्तीसगढ़ में: CM विष्णुदेव साय का सख्त फरमान – समयबद्ध न्याय होगा अनिवार्य, लापरवाह अफसरों पर गिरेगी गाज!”

“पेशी पर पेशी नहीं चलेगी अब छत्तीसगढ़ में: CM विष्णुदेव साय का सख्त फरमान – समयबद्ध न्याय होगा अनिवार्य, लापरवाह अफसरों पर गिरेगी गाज!”

Raipur/छत्तीसगढ़ की जनता के लिए राहत की बड़ी खबर आई है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने राजस्व प्रशासन की ढिलाई और जनता को बार-बार चक्कर कटवाने वाली पुरानी परंपरा पर कड़ा प्रहार किया है। मुख्यमंत्री ने साफ शब्दों में कहा – “अब पेशी पर पेशी का दौर खत्म होगा। जनता को समय पर न्याय और समाधान मिलना ही चाहिए।”

नया रायपुर स्थित महानदी भवन मंत्रालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजित समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री साय ने सभी जिलों के कलेक्टर्स और संभाग आयुक्तों को सीधे चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि अब राज्य सरकार की प्राथमिकता जनता की परेशानी दूर करना और राजस्व तंत्र को पारदर्शी बनाना है।

लंबित मामलों पर मुख्यमंत्री का सख्त रुख!
मुख्यमंत्री ने बढ़ते लंबित राजस्व प्रकरणों पर असंतोष जाहिर किया और स्पष्ट कहा कि नामांतरण, अविवादित एवं विवादित बंटवारे, सीमांकन, अभिलेख दुरूस्ती, त्रुटि सुधार, भू-अर्जन और डायवर्सन जैसे मामलों को अब समयसीमा में निपटाना अनिवार्य होगा।

साय ने चेतावनी दी – “लोगों को बार-बार पेशी पर बुलाना न केवल उनकी जेब पर बोझ डालता है, बल्कि उनका समय और श्रम भी बर्बाद करता है। यह जनता के विश्वास से खिलवाड़ है। अब किसी भी नागरिक को न्याय के लिए महीनों नहीं भटकना पड़ेगा।”

ई-कोर्ट सिस्टम से होगी निगरानी!
बैठक में मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह ने निर्देश दिए कि सभी राजस्व मामलों को ई-कोर्ट में दर्ज किया जाए। इससे न केवल मॉनिटरिंग आसान होगी बल्कि हर प्रकरण की ट्रैकिंग ऑनलाइन हो सकेगी। तहसील स्तर पर विशेष अभियान चलाकर पटवारियों को रिकॉर्ड दुरुस्त करने की जिम्मेदारी दी गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा – “टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए करें। हर प्रकरण की स्थिति जनता को ऑनलाइन दिखनी चाहिए।”

भू-अर्जन और राष्ट्रीय परियोजनाओं पर फोकस
राज्य में चल रही राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं और भारतमाला योजना की प्रगति पर भी मुख्यमंत्री ने सख्ती दिखाई। उन्होंने कहा कि भू-अर्जन और मुआवजा वितरण की प्रक्रिया में तेजी लाना जरूरी है, ताकि सड़कों और अधोसंरचना परियोजनाओं में कोई बाधा न आए।

विशेषकर बस्तर संभाग के जिलों – नारायणपुर, दंतेवाड़ा, सुकमा और बीजापुर – में चल रही सड़क, रेल और मोबाइल टॉवर परियोजनाओं को सुरक्षा के साथ प्राथमिकता देने के निर्देश दिए गए।

किसान पंजीयन और डिजिटल फसल सर्वे!
बैठक में किसानों से जुड़े मामलों को भी गंभीरता से लिया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पात्र किसानों का पंजीयन शीघ्र पूर्ण हो और डिजिटल फसल सर्वे को समय पर निपटाया जाए। उन्होंने कहा – “किसानों को योजनाओं का सीधा लाभ समय पर मिलना चाहिए, इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”

पारदर्शिता और जवाबदेही पर जोर!
साय ने अधिकारियों को दो टूक कहा कि अब राजस्व प्रशासन में पारदर्शिता और जवाबदेही सर्वोच्च प्राथमिकता है। जनता का विश्वास तभी बहाल होगा जब उसे समय पर न्याय मिले। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर किसी प्रकरण में जानबूझकर देरी हुई, तो संबंधित अधिकारी-कर्मचारी जिम्मेदार होंगे।

रजत महोत्सव की भव्य तैयारियां!
मुख्यमंत्री ने बैठक में राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने पर चल रहे रजत महोत्सव की तैयारियों की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि 15 अगस्त से शुरू हुआ यह उत्सव 25 सप्ताह तक चलेगा और इसमें राज्य की विकास यात्रा प्रदर्शित की जाएगी।

सभी कलेक्टरों को निर्देश दिया गया कि वे अपने जिलों में रजत महोत्सव को जनभागीदारी का उत्सव बनाएं। कार्यक्रमों का विवरण पोर्टल पर अपलोड किया जाए और प्रचार-प्रसार को गति दी जाए।

सेवा पखवाड़ा भी होगा शामिल!
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक पूरे राज्य में ‘सेवा पखवाड़ा’ मनाया जाएगा। इसमें रक्तदान शिविर, स्वास्थ्य शिविर, राजस्व कैम्प और अन्य जनसेवा कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह महोत्सव जनता के बीच सरकार की संवेदनशील छवि को और मजबूत करेगा।

बैठक में रहे वरिष्ठ अधिकारी!
समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, वित्त सचिव मुकेश बंसल, लोक निर्माण विभाग के सचिव कमलप्रीत सिंह, राजस्व विभाग की सचिव रीना बाबासाहेब कंगाले, पीसीसीएफ सुनील मिश्रा, संस्कृति विभाग के प्रबंध संचालक विवेक आचार्य सहित विभिन्न विभागों के सचिव, आयुक्त एवं संचालक उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का यह सख्त और निर्णायक रुख जनता को बड़ी राहत देने वाला कदम माना जा रहा है। छत्तीसगढ़ में अब राजस्व मामलों में “पेशी पर पेशी” का सिलसिला थमेगा और समयबद्ध न्याय व्यवस्था लागू होगी।

यह कदम न केवल शासन की कार्यशैली में क्रांतिकारी सुधार लाएगा, बल्कि आम जनता का सरकार पर विश्वास भी और गहरा करेगा। छत्तीसगढ़ की 25 साल की विकास यात्रा का यह नया अध्याय पारदर्शिता, जवाबदेही और जनसरोकारों को केंद्र में रखकर लिखा जा रहा है।

Leave a Comment

और पढ़ें

Cricket Live Score

Corona Virus

Rashifal

और पढ़ें

error: Content is protected !!