परीविक्षाधीन चिकित्सा अधिकारी की लापरवाही से जिले मे मातृ-शिशु की लगातार हो रही मृत्यु!
सीएमएचओ कार्यालय मे चर्चा डाॅ0 मिथलेश चैधरी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी का खुला संरक्षण
कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला रायपुर में कई विशषेज्ञ ,वरिष्ठ अनुभवी चिकित्सको के रहते हुए भी परीविक्षा अवधि मे कार्यरत एफ.एम.बी.बी.एस. कनिष्ठ चिकित्सक डाॅ. प्रीती नारायण को जिला रायपुर का मातृत्व शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रम का नोडल अधिकारी जानबुझकर बनाया गया है, इस वजह से मातृ शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रम की संचालन शासन के मंशानुरूप नही हो पा रहा है । कि डाॅ. नारायणी के कार्यकाल मे कई अस्पतालो ( गुढियारी, उरला, अभनपुर,) मे मातृ- शिशु की मौत हो चुकी है जो विभीन्न समाचार पत्रो मे प्रकाशित हुआ था। यह घटनाए डाॅ0 नारायण की कनिष्ठता के कारण अनुभवहीनता एवं कार्य के प्रति असंवेदनशीलता को प्रर्दशित करता है। लेकिन उक्त घटनाओ के बाद भी डाॅं नारायण का डाॅ0 मिथलेश चौधरी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से सांठ-गांठ होने के कारण आज दिनंाक तक किसी भी प्रकार की कार्यवाही नही किया गया है। जबकि इन्ही प्रकरणो के समाचार प्रकाशित होने पर संस्था के डाक्टर एवं स्टाफ नर्स की उपर एकतरफा कार्यवाही किया गया था। लेकिन इन सब मौतो मे डाॅ. प्रीती नारायण का भी समान रूप से जिम्मेदार थी।
समान्य प्रशासन विभाग का स्पष्ट आदेश है कि चालू प्रभार वरिष्ठ चिकित्सको को बाईपास करके कनिष्ठ चिकित्सको को कार्यभार न सौपा जाये।
अब देखना है कि डाॅ0 मिथलेश चैधरी मुख्य चिकित्सा अधिकारी जिला रायपुर जिला के मातृ शिशु स्वास्थ्य नोडल अधिकारी डाॅ नारायणी को पद से हटाते हुए कार्यवाही करते है की पूर्व के तरह संरक्षण देते हुए सतत् रूप से कार्य लेते रहते है।