राजधानी में दिनदहाड़े सनसनीखेज लूट: ‘BOSS’ बाइक वाले नकाबपोशों ने कारोबारी से 15 लाख उड़ाए!
Raipur/छत्तीसगढ़ के रायपुर की शांत दोपहर अचानक गोलियों की गूंज जैसी अफरातफरी में बदल गई, जब पंडरी थाना क्षेत्र के कांपा रेलवे फाटक के पास तीन नकाबपोश लुटेरों ने बोरवेल कारोबारी चिराग जैन से 15 लाख रुपए लूट लिए। घटना इतनी तेज़, सटीक और योजनाबद्ध थी कि पलक झपकते ही सब कुछ खत्म हो गया — और कारोबारी की गाड़ी से नकदी हवा हो गई।
शिकार पर बिछाया गया जाल!
सूत्रों के मुताबिक, चिराग जैन अपने रोज़मर्रा के काम के सिलसिले में शहर के अलग-अलग हिस्सों से होते हुए लौट रहे थे। उन्हें अंदाजा भी नहीं था कि कुछ दूरी पर तीन जोड़ी आंखें लगातार उनका पीछा कर रही हैं। बिना नंबर प्लेट वाली दो बाइकें — जिनमें से एक के पीछे अंग्रेजी में बड़े-बड़े अक्षरों में ‘BOSS’ लिखा था — कारोबारी के पीछे-पीछे चल रही थीं। करीब एक किलोमीटर तक पीछा करने के बाद लुटेरों ने अपनी चाल चली।
वारदात का पल — हथियार और खामोशी!
जैसे ही कारोबारी की कार सुनसान सड़क पर पहुंची, आगे चल रहे लुटेरों ने अचानक गाड़ी को रुकवा दिया। पलक झपकते ही तीनों नकाबपोश कार के दरवाजे खोलकर अंदर घुस गए। गले पर हथियार की नोक और आंखों में मौत की धमकी —
“चुपचाप बैठे रहो, वरना यहीं खत्म कर देंगे!”
कहते हुए उन्होंने झटके में बैग उठाया और सड़क पर उतरे बिना किसी हिचक के अपनी बाइकों पर सवार होकर गायब हो गए। पूरी घटना एक मिनट से भी कम समय में घटित हुई।
‘BOSS’ बाइक बना सुराग या गुमराह?
वारदात के बाद कारोबारी ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। चिराग जैन की बात सुनकर एक अहम सुराग सामने आया — लुटेरों की एक बाइक पर अंग्रेजी में ‘BOSS’ लिखा था। सवाल ये है कि क्या ये बाइक की पहचान थी या महज पुलिस को गुमराह करने की चाल?
शहर में नाकाबंदी, CCTV खंगालने की दौड़!
सूचना मिलते ही पंडरी थाना पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम मौके पर पहुंची। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर नाकाबंदी शुरू हुई। हर गुजरने वाले संदिग्ध बाइक सवार को रोका गया, लेकिन अब तक लुटेरों का कोई सुराग नहीं मिला।
पुलिस ने वारदात स्थल से लेकर 5 किलोमीटर के दायरे में लगे सभी सीसीटीवी कैमरों की फुटेज कब्जे में ली है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया —
“हमें शक है कि आरोपी वारदात के तुरंत बाद शहर की सीमा पार कर चुके हैं। उनका मूवमेंट तेज था और उन्होंने रूट पहले से तय कर रखा था।”
मास्टर प्लान और प्रोफेशनल अंदाज़!
• पुलिस जांच से शुरुआती संकेत मिल रहे हैं कि लुटेरे शौकिया अपराधी नहीं, बल्कि पेशेवर गैंग के सदस्य थे।
• पूर्व रेकी: कारोबारी की दिनचर्या और रूट पहले से पता था।
• लोकेशन का चुनाव: घटना सुनसान जगह पर की गई, जहां प्रत्यक्षदर्शियों की संभावना कम थी।
• तेज़ भागने की योजना: बिना नंबर की बाइकें और अलग-अलग रास्तों से भागना।
कारोबारी जगत में खौफ!
इस वारदात ने राजधानी के व्यापारियों में डर का माहौल पैदा कर दिया है। बोरवेल कारोबारी संघ के एक सदस्य ने कहा —
“अगर दिनदहाड़े इतनी बड़ी लूट हो सकती है, तो छोटे व्यापारी कैसे सुरक्षित रहेंगे? पुलिस को जल्द कार्रवाई करनी होगी, वरना यह गैंग हौसला बुलंद कर देगा।”
पुरानी वारदातों से मेल!
क्राइम ब्रांच की शुरुआती पड़ताल में सामने आया है कि पिछले साल रायपुर और दुर्ग में हुई दो बड़ी लूट की घटनाओं में भी ‘बिना नंबर’ की बाइक और नकाबपोश हमलावर शामिल थे। अब यह जांच हो रही है कि क्या यह वही गैंग है जिसने अपने ‘सिग्नेचर स्टाइल’ में वारदात को अंजाम दिया।
पुलिस की चुनौती — वक्त कम, दबाव ज़्यादा!
शहर में बढ़ते अपराधों को देखते हुए पुलिस पर भारी दबाव है। राज्य के गृहमंत्री ने भी वारदात का संज्ञान लेते हुए रिपोर्ट मांगी है। आदेश दिए गए हैं कि
• 48 घंटे में संदिग्धों की पहचान की जाए।
• हाईवे और रेलवे स्टेशन पर विशेष निगरानी रखी जाए।
• आस-पास के जिलों की पुलिस को भी अलर्ट किया जाए।
जनता के सवाल, सरकार के वादे!
लोग अब खुलेआम सवाल कर रहे हैं कि जब राजधानी की सड़कों पर पुलिस पेट्रोलिंग का दावा किया जाता है, तो ऐसे नकाबपोश लुटेरे कैसे बेरोकटोक घूमते हैं?
सरकार ने भरोसा दिलाया है कि अपराधियों को जल्द पकड़ा जाएगा और व्यापारी वर्ग को विशेष सुरक्षा उपाय दिए जाएंगे।
फिलहाल… ‘BOSS’ का साया मंडरा रहा है!
रायपुर की सड़कों पर फिलहाल डर का साया है। कारोबारी चिराग जैन का 15 लाख तो चला गया, लेकिन इस घटना ने शहर की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है। लोग अब अपने आस-पास चलने वाली हर ‘बिना नंबर’ की बाइक को शक की नजर से देख रहे हैं।
पुलिस का दावा है कि
“BOSS’ बाइक की पहचान और CCTV फुटेज से जल्द गैंग के करीब पहुंच जाएंगे”
लेकिन तब तक रायपुर में हर गली-मोहल्ला इस सवाल से गूंज रहा है —
“अगला शिकार कौन?”