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October 17, 2025 8:26 am

“घर वापसी का महासंगम” – आरंग ब्लॉक के सभी सेक्टर सुपरवाइजर मूल संगठन में लौटे, रायपुर जिला स्वास्थ्य संघ में मचा उत्साह!

घर वापसी का महासंगम” – आरंग ब्लॉक के सभी सेक्टर सुपरवाइजर मूल संगठन में लौटे, रायपुर जिला स्वास्थ्य संघ में मचा उत्साह!

Raipiur/छत्तीसगढ़ की स्वास्थ्य सेवा व्यवस्था में आज का दिन ऐतिहासिक और बेहद नाटकीय रहा। रायपुर जिले के आरंग विकासखंड के समस्त सेक्टर सुपरवाइजरों ने सामूहिक रूप से छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ का दामन थाम लिया। इस बड़े घटनाक्रम को संगठन के भीतर “घर वापसी का महासंगम” कहा जा रहा है।

आरंग ब्लॉक के ये सभी सुपरवाइजर कुछ वर्षों पूर्व संगठन की नीतियों और आंतरिक मतभेदों से आहत होकर किसी अन्य संगठन में चले गए थे। लेकिन समय ने करवट बदली और जब वहां कर्मचारी हितों की अनदेखी और अपेक्षित संघर्ष का अभाव महसूस हुआ, तो ये सभी एकजुट होकर अपने मूल संगठन में वापस लौट आए।

स्वागत में बिछे पुष्प, गूंजे नारे!
आज रायपुर स्थित प्रांतीय कार्यालय का माहौल किसी उत्सव से कम नहीं था। जिला अध्यक्ष सालिक नौरंगे के नेतृत्व में आयोजित स्वागत समारोह में सेक्टर सुपरवाइजरों का जोरदार अभिनंदन हुआ।
संघ के संरक्षक सलाहकार ओ.पी. शर्मा, प्रांतीय महामंत्री एस.पी.देवांगन, जिला संरक्षक एस.एस. सोनी और जिला संरक्षक एस.एस. सोनी ने सभी पर्यवेक्षकों का पुष्पहार पहनाकर स्वागत किया और संघ की प्राथमिक सदस्यता दिलाई।

हॉल में लगातार गूंजते रहे नारे –“स्वास्थ्य कर्मियों की एक ही पहचान, छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य कर्मचारी संघ महान!”

सालिक नौरंगे का बड़ा बयान:जिला अध्यक्ष सालिक नौरंगे ने सभा को संबोधित करते हुए कहा –
“आज आरंग ब्लॉक के सभी सेक्टर सुपरवाइजर अपने घर लौट आए हैं। यह केवल संगठन की मजबूती नहीं बल्कि कर्मचारियों की एकता का प्रतीक है। हमें गर्व है कि जिन्होंने कभी हमारे साथ संघर्ष की बुनियाद रखी थी, वे फिर से हमारे परिवार का हिस्सा बने हैं।”

उन्होंने आगे कहा कि आने वाले समय में संघ कर्मचारियों के हित में और अधिक आक्रामक व संघर्षशील भूमिका निभाएगा।

क्यों हुई घर वापसी?
आरंग ब्लॉक के सुपरवाइजरों का कहना है कि जिस अन्य संगठन से वे जुड़े थे, वहां कर्मचारियों की आवाज को गंभीरता से नहीं सुना गया। उनकी समस्याएं बार-बार उठाने के बावजूद ठोस कदम नहीं उठाए गए।
“हमने सोचा था कि नया संगठन हमारी समस्याओं का समाधान करेगा, पर वहां केवल वादे और कागजी घोषणाएं ही मिलती रहीं। निराशा और हताशा के बाद हमें लगा कि हमारा असली घर यहीं है। इसलिए हम वापस लौट आए।” – यही भावना अधिकतर सुपरवाइजरों के चेहरों पर साफ झलक रही थी।

शामिल हुए सुपरवाइजरों की सूची!

आज जो सुपरवाइजर मूल संगठन से जुड़कर घर वापसी किए, उनमें प्रमुख नाम हैं –

हरीशचंद ध्रुव,

•एम.एल. गायकवाड़,

•सुमन साहू,

•रामकुमार साहू,

•बसंत चंद्राकर,

•पारस राम साहू,

•प्रभाती कर्मकार,

•धनिराम निषाद,

•एम.बी. बेडकर,

•देवसिंग मरकाम,

•उर्मिला देवांगन,

इनके जुड़ने से संघ का आधार न केवल आरंग ब्लॉक बल्कि पूरे रायपुर जिले में और भी मजबूत हो गया है।

कार्यक्रम में उपस्थित दिग्गज!
इस अवसर पर मंच पर स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के कई वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद रहे।

वरिष्ठ उप प्रांताध्यक्ष – सतीश पसेरिया,

•संभागीय संरक्षक – प्रदीप बोगी,

•प्रांतीय सह सचिव – रुनू दत्ता,

•प्रांतीय पदाधिकारी – अरविंद चंद्राकर, बेदराम चतुर्वेदी, हेमंत देवांगन, गौतम रात्रे, कमल चंद्राकर, रोशन साहू,

इन सभी ने एक स्वर में कहा कि यह घर वापसी आंदोलन की दिशा को नया मोड़ देने वाली है।

विश्लेषण – बड़ा संदेश!
इस सामूहिक जुड़ाव से साफ संदेश गया है कि कर्मचारी वर्ग अब विभाजन की राजनीति से ऊपर उठकर अपने अधिकारों और हितों के लिए संगठित हो रहा है।आरंग ब्लॉक के सुपरवाइजरों का मूल संगठन में लौटना अन्य जिलों के कर्मचारियों के लिए भी प्रेरणा है। अब यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या आने वाले दिनों में अन्य ब्लॉकों और जिलों के बिछड़े साथी भी इसी तरह वापसी करेंगे?

आने वाले संघर्ष की तैयारी!
कार्यक्रम के अंत में सभी सुपरवाइजरों और पदाधिकारियों ने संकल्प लिया कि आने वाले दिनों में चाहे मानदेय वृद्धि का मुद्दा हो, कार्यस्थल की सुरक्षा की बात हो या सेवा शर्तों का प्रश्न, संघ बिना पीछे हटे सरकार से टकराने को तैयार रहेगा।

जिला अध्यक्ष सालिक नौरंगे ने स्पष्ट शब्दों में कहा –
“हमारा संघर्ष अब और तेज होगा। आरंग ब्लॉक की घर वापसी ने हमें नई ऊर्जा दी है। यह केवल शुरुआत है, मंज़िल अभी दूर है।”

आज रायपुर में जो दृश्य देखने को मिला, वह स्वास्थ्य कर्मचारी आंदोलन के इतिहास में लंबे समय तक याद रखा जाएगा। आरंग ब्लॉक के सेक्टर सुपरवाइजरों की घर वापसी ने संघ को नई ताकत और नई दिशा दी है।
यह महज़ एक औपचारिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि कर्मचारियों की आवाज़ को और बुलंद करने का संकल्प है।

अब निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि आने वाले दिनों में यह नई एकजुटता छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए किस तरह के अधिकार और सुविधाएँ लेकर आती है।

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