कामचोर सचिवों पर गरजे कलेक्टर,,,,,,,,,,,,11ग्राम पंचायतों के सचिवों पर टूटा नोटिसों का कहर,,,,,,,,
गरियाबंद/गरियाबंद ज़िले में सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही अब भारी पड़ने लगी है। प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी जनकल्याणकारी योजना को हल्के में लेने वालों को कलेक्टर बी.एस. उइके ने सख्त संदेश दे डाला है। ज़िला पंचायत सभाकक्ष में हुई समीक्षा बैठक उस वक्त गरम हो गई जब कलेक्टर ने आवास योजना की प्रगति पर असंतोष जताते हुए 11 ग्राम पंचायत सचिवों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया।
कलेक्टर उइके की स्पष्ट चेतावनी—“हितग्राहियों को छत देना सर्वोच्च प्राथमिकता है, इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही या मनमानी बर्दाश्त नहीं की जाएगी!”—ने पूरे प्रशासनिक अमले को झकझोर कर रख दिया।
बैठक में ग्राम पंचायत दांतबाय कला, कोसमबुड़ा, गुजरा, खरता, हाथबाय, बरबाहरा, मौहाभांठा, बेगरपाला, लोहारी, मरदाकला और खरहरी में योजनाओं के क्रियान्वयन की सुस्त रफ्तार पर सवाल खड़े हुए। कलेक्टर ने इन पंचायतों के सचिवों से जवाब-तलब करते हुए कहा कि “अब काम चलेगा तय समयसीमा में, वरना होगी कठोर कार्रवाई!”
सिर्फ इतना ही नहीं, उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि अप्रारंभ आवासों का कार्य तुरंत शुरू हो, प्रगतिरत निर्माण समय पर पूरा कर जिओ टैगिंग हो, और राशि वितरण में पूरी पारदर्शिता बरती जाए।
बैठक में प्रधानमंत्री जनमन योजना की भी समीक्षा हुई, जहाँ कमार जनजाति के लिए स्वीकृत 911 आवासों में से केवल 295 पूर्ण पाए गए। कलेक्टर ने शेष आवास कार्यों को जल्द पूरा करने के लिए समन्वित कार्ययोजना का आदेश दिया।
कलेक्टर उइके का यह कदम अब अन्य जिम्मेदार अधिकारियों के लिए भी चेतावनी बन चुका है:- “योजनाएं सिर्फ कागज़ों पर नहीं, ज़मीन पर दिखनी चाहिएं!””लापरवाही नहीं चलेगी! कलेक्टर उइके का गरजता तेवर, 11 सचिवों पर गिरी गाज”
गरियाबंद ज़िले में सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही अब भारी पड़ने लगी है। प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी जनकल्याणकारी योजना को हल्के में लेने वालों को कलेक्टर बी.एस. उइके ने सख्त संदेश दे डाला है। ज़िला पंचायत सभाकक्ष में हुई समीक्षा बैठक उस वक्त गरम हो गई जब कलेक्टर ने आवास योजना की प्रगति पर असंतोष जताते हुए 11 ग्राम पंचायत सचिवों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया।
कलेक्टर उइके की स्पष्ट चेतावनी—“हितग्राहियों को छत देना सर्वोच्च प्राथमिकता है, इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही या मनमानी बर्दाश्त नहीं की जाएगी!”—ने पूरे प्रशासनिक अमले को झकझोर कर रख दिया।
बैठक में ग्राम पंचायत दांतबाय कला, कोसमबुड़ा, गुजरा, खरता, हाथबाय, बरबाहरा, मौहाभांठा, बेगरपाला, लोहारी, मरदाकला और खरहरी में योजनाओं के क्रियान्वयन की सुस्त रफ्तार पर सवाल खड़े हुए। कलेक्टर ने इन पंचायतों के सचिवों से जवाब-तलब करते हुए कहा कि “अब काम चलेगा तय समयसीमा में, वरना होगी कठोर कार्रवाई!”
सिर्फ इतना ही नहीं, उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि अप्रारंभ आवासों का कार्य तुरंत शुरू हो, प्रगतिरत निर्माण समय पर पूरा कर जिओ टैगिंग हो, और राशि वितरण में पूरी पारदर्शिता बरती जाए।
बैठक में प्रधानमंत्री जनमन योजना की भी समीक्षा हुई, जहाँ कमार जनजाति के लिए स्वीकृत 911 आवासों में से केवल 295 पूर्ण पाए गए। कलेक्टर ने शेष आवास कार्यों को जल्द पूरा करने के लिए समन्वित कार्ययोजना का आदेश दिया।
कलेक्टर उइके का यह कदम अब अन्य जिम्मेदार अधिकारियों के लिए भी चेतावनी बन चुका है:-“योजनाएं सिर्फ कागज़ों पर नहीं, ज़मीन पर दिखनी चाहिएं!”