“ऑपरेशन बाज़” की करारी चोट: दिल्ली तक उड़ा था चोरों का परिंदा, मुंगेली पुलिस ने जाल बिछाकर उतारी उड़ान!
Mungeli/छत्तीसगढ़ के शांत समझे जाने वाले जिले मुंगेली में उस वक्त सनसनी मच गई जब पृथ्वीग्रीन कॉलोनी के एक के बाद एक चार मकानों के ताले टूटे और लाखों की नगदी एवं जेवरात हवा हो गए। पुलिस को खबर मिली कि चोर गैंग घटनास्थल से निकलकर सीधे हवाई जहाज पकड़ दिल्ली रवाना हो चुका है। लेकिन इस बार चोरों की किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया। मुंगेली पुलिस की ‘ऑपरेशन बाज’ नामक कार्रवाई में चोरों का पूरा नेटवर्क ध्वस्त हो गया और लाखों की संपत्ति बरामद कर ली गई।
मुख्यमंत्री ने जिस ‘इंटिग्रेटेड कंट्रोल रूम’ का उद्घाटन किया था, वहीं से आया पहला अलर्ट!
घटना के ठीक तीन दिन पहले ही मुंगेली जिले में मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री द्वारा उद्घाटित इंटिग्रेटेड मॉडर्न कंट्रोल रूम ने इस केस में पहली सफलता दिलाई। कॉलोनी में लगे सीसीटीवी कैमरों और तकनीकी विश्लेषण की मदद से पुलिस ने शातिर चोरों के मूवमेंट को ट्रैक किया और पूरे प्रदेश में अलर्ट जारी कर दिया।
पॉश कॉलोनी में सुनसान घर बने शिकार, दिल्ली में उड़ा रहे थे रकम!
घटना की शुरुआत हुई 27 जुलाई की रात जब पृथ्वीग्रीन कॉलोनी में रह रहे आयुष राम अपने परिवार के साथ अस्पताल गए हुए थे। लौटने पर घर की आलमारी टूटी हुई मिली, और करीब 29 लाख 80 हजार रुपए की नगदी और गहने गायब थे। इससे पहले कि पुलिस कुछ करती, त्रिभुवन यादव के घर से भी 1000 रुपए और बिछिया चोरी हो गई।
शुरुआती जांच में यह साफ हो गया कि एक पेशेवर गैंग पूरे कॉलोनी को निशाना बनाकर भाग निकला था।
हवाई उड़ान से फरारी, मगर बाज की नज़र से नहीं बच सके चोर!
जैसे ही सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए, पुलिस को एक सफेद वैगनआर कार (CG-04 KY-8365) पर शक हुआ। तकनीकी टीम ने ट्रैकिंग शुरू की, तो यह सामने आया कि चोर रायपुर एयरपोर्ट से फ्लाइट पकड़कर दिल्ली रवाना हो चुके थे।
यहाँ से शुरू हुआ ऑपरेशन बाज।
• गांव-गांव में घेराबंदी, MP से दिल्ली तक फैला पुलिस का शिकंजा।
• पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल और एसडीओपी मयंक तिवारी के नेतृत्व में चार टीमें बनाई गईं, जो अलग-अलग राज्यों में रवाना हुईं।
• पहली गिरफ्तारी हुई ग्वालियर से, जहाँ से सूरज कुर्रे को पकड़ा गया।
• उसके साथ आया दूसरा आरोपी संदीप सतनामी अंधेरे का फायदा उठाकर भाग निकला, जिसकी तलाश अब भी जारी है।
• पुलिस ने बरामद किए 30 लाख से ज्यादा के माल
पूछताछ के बाद पुलिस ने एक-एक कर आरोपियों के ठिकानों पर दबिश दी।
• गुलशन साहू के फोटो स्टूडियो से बरामद हुए ₹5,11,000 नकद।
• वेदप्रकाश साहू के घर से ₹14,62,740 नगद एवं चोरी में प्रयुक्त लोहे का सब्बल।
• सूरज कुर्रे की पेंट की जेब से ₹41,000 और सोने की अंगूठी।
• टिकेश्वर साहू के घर से सोने-चांदी के जेवरात जिनकी कुल कीमत ₹6,65,000 आँकी गई।
• साथ ही जप्त की गई चार लाख कीमत की वैगनआर कार और ₹48,000 कीमत के तीन मोबाइल।
• कुल जब्ती: ₹30,67,740/-
चोरी नहीं, संगठित अपराध था यह – इतिहास में दर्ज थे दर्जनों केस!
जिन आरोपियों को पकड़ा गया है, उन पर पहले से बलौदाबाजार, सिमगा, रायपुर जैसे कई जिलों में चोरी, मारपीट और हत्या के प्रयास जैसे गंभीर अपराध दर्ज हैं। यह कोई साधारण चोरी नहीं बल्कि पूर्व नियोजित संगठित अपराध था।
बाल संप्रेक्षण गृह भेजे गए दो नाबालिग साथी!
इस पूरे गैंग में दो विधि से संघर्षरत बालक भी शामिल थे, जिन्होंने चोरी की योजना में भाग लिया और चोरी का माल भी अपने घर में रखा। उन्हें बाल संप्रेक्षण गृह भेज दिया गया है।
ऑपरेशन में लगी चक्रव्यूह सी टीम: हर दिशा से कसा शिकंजा!
पुलिस की इस बड़ी कार्रवाई में फास्टरपुर थाना प्रभारी निरीक्षक कार्तिकेश्वर जांगड़े, सिटी कोतवाली प्रभारी गिरिजा शंकर यादव, सायबर सेल प्रभारी सुशील बंछोर, सहायक उपनिरीक्षक अजय चौरसिया और आरक्षक यशवंत डाहिरे, रवि जांगड़े, हेमसिंह, विकास सिंह सहित 20 से अधिक जवानों ने दिन-रात एक कर ऑपरेशन को अंजाम तक पहुँचाया।
अपराधियों के खिलाफ बीएनएस की धारा 331(4), 305(ए), 317(2), 3(5) के तहत मामला दर्ज
थाना मुंगेली में 339/25 और 340/25 क्रमांक पर अपराध पंजीबद्ध किया गया है।
एसपी भोजराम पटेल का बयान: “भागे हुए बाज़ को भी पकड़ लेंगे”
इस पूरे प्रकरण पर पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल ने बयान जारी करते हुए कहा:
“मुंगेली पुलिस के लिए यह बहुत बड़ी सफलता है। इस केस में तकनीक और मानवबल दोनों का श्रेष्ठतम उपयोग किया गया। जो आरोपी फरार हैं, उनकी गिरफ्तारी भी बहुत जल्द सुनिश्चित की जाएगी।”
चेतावनी और सबक: जब चोर भी टेक्नोलॉजी से हार जाएं…
‘ऑपरेशन बाज़’ की यह कहानी सिर्फ एक पुलिस कार्रवाई नहीं, बल्कि एक संदेश है – अब हर शहर, हर कॉलोनी की निगरानी आंखों से नहीं, तकनीक की शक्ति से की जा रही है।मुंगेली पुलिस ने दिखा दिया कि जुर्म कितना भी हाई-टेक क्यों न हो, कानून का बाज़ उस पर झपट्टा मारने को तैयार बैठा है।
मुंगेली जैसी शांत जगहों में ऐसी बड़ी आपराधिक गतिविधि यह संकेत देती है कि अपराध अब सीमाओं से परे जाकर संचालित हो रहे हैं। ऐसे में टेक्नोलॉजी, संसाधनों और त्वरित प्रतिक्रिया वाली पुलिस ही भविष्य की गारंटी है। ‘ऑपरेशन बाज़’ इसका आदर्श उदाहरण बनकर उभरा है।