ऐतिहासिक फैसला:‘सिंपल टैक्स युग’ की शुरुआत!नई दिल्ली में 56वीं जीएसटी परिषद की बैठकों ने लिखी कर-व्यवस्था सुधार की नई गाथा!
New Delhi/एक ओर आम आदमी की जेब को राहत, दूसरी ओर उद्योगों को सहूलियत और अर्थव्यवस्था को मजबूती, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “Next Gen GST” विज़न का रोडमैप हुआ साकार।
नाटकीय माहौल और ऐतिहासिक फैसलों की गूंज!
नई दिल्ली की हवाओं में बुधवार रात 10:39 बजे से ही एक नए कर-युग की दस्तक सुनाई दी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन की अध्यक्षता में जब जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक हुई तो हर किसी को इंतजार था कि आखिर इस बार क्या ऐलान होगा।और फिर, जैसे ही परिषद ने अपने नये फैसलों की घोषणा की, पूरा देश मानो राहत की सांस लेने लगा। 15 अगस्त 2025 को लालकिले से प्रधानमंत्री मोदी ने जिस “अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार” का खाका पेश किया था, उसे अब मूर्त रूप पकड़ता देखना किसी नाटकीय दृश्य से कम नहीं लगा।
‘सिंपल टैक्स’ का नया अध्याय : 4 दरों से घटकर अब केवल 2 !
अब तक का सबसे बड़ा बदलाव – जटिल कर ढांचे से मुक्ति। परिषद ने चार-स्तरीय टैक्स दरों को सरल बनाकर दो दरें तय कीं:-
• 18% स्टैंडर्ड रेट,
• 5% मेरिट रेट,
• विशेष विलासिता या हानिकारक वस्तुओं के लिए 40% डिमेरिट रेट,
यह फैसला न सिर्फ करदाताओं के जीवन को आसान करेगा बल्कि “ईज ऑफ डूइंग बिजनेस” को भी नई ऊँचाई देगा।
किसान और श्रमिकों के लिए वरदान:परिषद ने सीधे तौर पर कृषि और श्रम प्रधान क्षेत्रों को राहत दी है।
• ट्रैक्टर और कृषि मशीनरी पर जीएसटी 12% से घटकर 5%!
• हस्तशिल्प, चमड़े के सामान और पत्थर के ब्लॉक पर टैक्स सीधे 5%!
• सिंचाई व उर्वरक क्षेत्र के लिए सल्फ्यूरिक एसिड, नाइट्रिक एसिड, अमोनिया पर कर घटकर 5%!
अब किसान की जेब हल्की होगी और उत्पादकता पर पड़ने वाला कर का बोझ कम होगा।
स्वास्थ्य क्षेत्र: जीवन रक्षा को मिली शून्य कर की ढाल!
• जीएसटी परिषद ने जीवन रक्षक दवाओं पर से कर हटा दिया।
• 33 अत्यावश्यक जीवन रक्षक दवाओं पर अब शून्य कर!
• 3 गंभीर रोगों (कैंसर और दुर्लभ बीमारियों) के इलाज की दवाइयों पर 0% जीएसटी!
• अन्य सभी सामान्य दवाओं पर जीएसटी 12% से घटकर 5%!
• चिकित्सा उपकरण: 18%-5% और 12%-5%!
इसका सीधा असर – लोगों के इलाज का खर्च बहुत हद तक कम हो जाएगा।
छोटे व्यापारियों और आम नागरिक को राहत!
परिषद ने इस बार उन वस्तुओं पर ध्यान केंद्रित किया जिन्हें आम आदमी प्रतिदिन उपयोग करता है।
• साबुन, शैंपू, टूथपेस्ट, टूथब्रश, हेयर ऑयल, साइकिल – सब पर 18% से घटकर 5%!
• दूध, पनीर, ब्रेड पर अब शून्य कर!
• नमकीन, भुजिया, नूडल्स, चॉकलेट – सब अब केवल 5% टैक्स पर!
पहली बार “खाने-पीने और रोज़मर्रा की चीज़ों” को इतना बड़ा कर राहत पैकेज मिला।
वाहन और ऑटो सेक्टर को प्रोत्साहन!
• छोटी कारें, 350 सीसी से कम मोटरसाइकिल और 32 इंच टीवी, एसी, वॉशिंग मशीन – अब सिर्फ 18% जीएसटी!
• बस, ट्रक, एंबुलेंस पर भी 28% से घटाकर 18%!
• ऑटो पार्ट्स पर एक समान 18%!
इससे उद्योग को भी राहत और आम खरीदार के लिए चीजें सस्ती।
होटल और सेवाओं पर राहत!
• 7,500 रुपये प्रति दिन तक का होटल किराया – अब केवल 5% जीएसटी!
• सैलून, जिम, योग सेंटर जैसी सेवाओं पर कर घटकर 5%!
इन बदलावों से मध्यम वर्ग और सेवा उद्योग को सीधा फायदा मिलेगा।
संस्थागत सुधार: विवाद निपटारे का नया तंत्र
परिषद ने ऐलान किया कि:
• जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण (GSTAT) सितंबर से ही काम शुरू करेगा
• लंबित अपीलें 30 जून 2026 तक दाखिल की जा सकेंगी
• GSTAT की प्रधान पीठ “राष्ट्रीय अपीलीय प्राधिकरण” के रूप में भी कार्य करेगी
ये कदम पारदर्शिता और करदाताओं के भरोसे को बढ़ाएंगे।
तंबाकू, शराब और विलासी वस्तुएं कर जाल में ही रहेंगी
जहां आम आदमी को राहत मिली है वहीं पान मसाला, गुटखा, सिगरेट आदि पर परिषद ने कोई राहत देने से इनकार कर दिया। इन पर वही उच्च दरें बरकरार रहेंगी।
चरणबद्ध लागू होगा सुधार!
•सेवाओं पर नई दरें – 22 सितंबर 2025 से लागू
•अधिकांश वस्तुओं पर दर बदलाव – 22 सितंबर 2025 से लागू
तंबाकू-समूह की वस्तुओं पर बदलाव, लोन भुगतान पूरा होने तक स्थगित
नया भारत, नई कर यात्रा!
2025 का सितंबर भारतीय कर सुधार इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज होगा। जहां एक ओर व्यापार जगत को सरलता और स्थिरता का भरोसा मिलेगा, वहीं आम आदमी को रोजमर्रा के खर्च में बड़ी राहत।
प्रधानमंत्री मोदी का “Simple Tax, Strong Nation” का सपना अब जमीन पर उतर रहा है।
56वीं जीएसटी परिषद की यह बैठक केवल एक वित्तीय निर्णय नहीं थी, बल्कि यह भारत को “आसान कर, सरल जीवन और सशक्त अर्थव्यवस्था” की ओर बढ़ाने वाली ऐतिहासिक छलांग थी।