“इंसाफ की आग में जलने को मजबूर! गरीब महिला की राजस्व विभाग को चेतावनी – ‘अगर नहीं सुनी गई फरियाद, तो करूंगी आत्मदाह'”
बिलासपुर। बेलतरा की रहने वाली बुजुर्ग महिला कौशल्या जायसवाल की चीख पुकार ने मंगलवार को कलेक्टर कार्यालय के बाहर सनसनी फैला दी। वर्षों से अपनी ज़मीन के लिए न्याय की गुहार लगाती इस महिला ने आखिरकार थक-हार कर सब्र का बांध टूटा जब वह तहसील और एसडीएम कार्यालय के चाकर लगाकर थक गई और दे डाली आत्मदाह की धमकी जिससे राजस्व विभाग में हड़कम मच गई!
कलेक्टर कार्यालय में मीडिया से रूबरू होते हुए रोती-बिलखती कौशल्या जायसवाल ने राजस्व विभाग के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए। पीड़िता ने बताया कि बेलतरा बाजार चौक में स्थित उसकी 12 डिसमिल ज़मीन को धोखे से विनोद जायसवाल के नाम चढ़ा दिया गया है। यही नहीं, उसमें से 7 डिसमिल जमीन को ऑनलाइन भी ट्रांसफर कर दिया गया, जिसके खिलाफ वो कई बार शिकायत कर चुकी है, लेकिन सुनवाई के नाम पर सिर्फ तारीखें मिलती रहीं।
कौशल्या देवी की पीड़ा यहीं खत्म नहीं होती—प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उसी जमीन पर उसने मकान बनाना शुरू किया, तो राजस्व विभाग के अधिकारियों ने काम रुकवा दिया और मकान तोड़ने का आदेश जारी कर दिया।
“अब जिंदा रहकर क्या करूंगी? मेरे पास न ज़मीन रही, न मकान… अब बस जान दे सकती हूं,”—कौशल्या की यह बात सुनकर वहां मौजूद लोग भी सन्न रह गए।
पीड़िता ने एसडीएम, तहसीलदार, आरआई और पटवारी पर मिलीभगत कर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया है। प्रशासन की अनदेखी और न्याय में देरी अब लोगों की ज़िंदगियों को निगलने लगी है।
इस पूरे मामले में प्रशासन की चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही है। अब देखना ये है कि कौशल्या जायसवाल की चीख कब तक व्यवस्था की दीवारें हिला पाती है, या फिर एक और आवाज़ हमेशा के लिए खामोश हो जाएगा!