CG News”सेल्फी का जुनून या मौत से खेल? — अमृतधारा में गिरफ्तारी के बाद प्रशासन ने कसी नकेल, अब जलप्रपातों पर लापरवाही पड़ी महंगी!”
एम.सी.बी./छत्तीसगढ़ के एमसीबी जिला के बहुचर्चित पर्यटक स्थल में पर्यटकों को उसमें बहती धारा के पानी के सौंदर्य ने खींचा, लेकिन कानून ने पकड़ा! एमसीबी जिले के बहुप्रसिद्ध प्राकृतिक पर्यटन स्थलों पर अब ‘सेल्फी का खुमार’ और ‘नहाने का रोमांच’ सीधे जेल की सैर करा सकता है। अमृतधारा जलप्रपात पर हाल ही में घटित एक घटना ने प्रशासन को सख्त कदम उठाने पर मजबूर कर दिया है।लगातार हो रही घटनाएं प्रशासन के लिए चिंता का विषय बनती जा रही है बोला जाता है सौंदर्य हमेशा से आकर्षण का केंद्र रहा है!
एमसीबी बहुचर्चित सौंदर्य जलप्रपात का क्या है मामला?
एमसीबी जिले के चर्चित अमृतधारा जलप्रपात पर दो युवक — कृष गुप्ता (उम्र 19) और मोहम्मद अरशद (उम्र 20) — शुक्रवार को नहाते पकड़े गए। घटना को हल्के में लेने की भूल वे कर चुके थे, लेकिन प्रशासन ने नहीं। तहसीलदार समीर शर्मा के नेतृत्व में नागपुर पुलिस ने दोनों युवकों को गिरफ्तार किया और थाना ले जाया गया। हालांकि परिजनों के निवेदन पर उन्हें सख्त चेतावनी देकर रिहा कर दिया गया।जलप्रपात में पर्यटकों की लापरवाही जान का खतरा बन सकती है!
लेकिन मामला यहीं खत्म नहीं हुआ।
एमसीबी जिला प्रशासन ने अब तय कर लिया है कि जलप्रपातों के आसपास होने वाली लापरवाहियों को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। चाहे वह सेल्फी लेने का शौक हो या बहते पानी में नहाने का मोह — अब यह हरकतें सीधे जेल की राह दिखा सकती हैं।इससे जिले में हलचल मच गई है प्रशासन की सकती पर्यटकों की सुरक्षा यही एमसीबी जिला प्रशासन का उद्देश्य है!
प्रशासन की कड़ी चेतावनी:
एमसीबी जिला के बहुचर्चित जलप्रपात में “यदि कोई भी व्यक्ति जलप्रपात के जलधारा के समीप नहाता, उछलता-कूदता या मोबाइल से वीडियो/सेल्फी लेते हुए पाया गया — तो उसके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी। जुर्माना, एफआईआर और जेल तक का प्रावधान है।”
— मनेंद्रगढ़ जिला प्रशासन का आधिकारिक वक्तव्य
क्यों उठाने पड़े सख्त कदम?
एमसीबी जिले में पिछले कुछ वर्षों में रमदहा, कर्मघोंघा और अमृतधारा जलप्रपातों पर दुर्घटनाओं की संख्या चिंताजनक रही है। कई बार तेज बहाव में बहने से युवाओं की जानें गईं, तो कभी चट्टानों से फिसलकर गंभीर चोटें आईं। बावजूद इसके, लोग सबक नहीं ले रहे थे। सोशल मीडिया पर “खतरनाक स्टंट” “पानी के बीच रोमांच” जैसे वीडियो की होड़ ने स्थिति को और गंभीर बना दिया।
“सेल्फी विद डेथ” — लाइक के चक्कर में जान का खतरा!
“जलप्रपात के किनारे एक पाँव फिसला और जिंदगी भर की शांति…!”
यह कोई शायरी नहीं, बल्कि उन सैकड़ों परिवारों की सच्चाई है जिन्होंने एक तस्वीर के चक्कर में अपनों को खो दिया। लेकिन अब प्रशासन की नजर में यह केवल ‘दुर्घटना’ नहीं, ‘उपेक्षा और उल्लंघन’ का मामला है।
अब क्या होगा नया नियम?
• रेड ज़ोन मार्किंग: जलप्रपातों के आसपास खतरनाक क्षेत्रों को चिन्हित कर वहाँ बैरिकेडिंग की जाएगी।
• पुलिस गश्त: सप्ताहांत और अवकाश के दिनों में पुलिस तैनाती अनिवार्य।
• सीसीटीवी निगरानी: प्रमुख जलप्रपातों पर निगरानी कैमरे लगाए जाएंगे।
• दंडात्मक कार्रवाई: उल्लंघन करने वाले पर आपदा प्रबंधन अधिनियम व आईपीसी की धाराओं के तहत कार्रवाई।
• स्थानीय गाइड अनिवार्य: बिना अधिकृत गाइड के गहराई वाले क्षेत्रों में जाना प्रतिबंधित रहेगा।
स्थानीय जनों की राय:
कुसुम यादव (स्थानीय दुकानदार):
“हर साल कोई न कोई बह जाता है, लेकिन लोग नहीं मानते। ये नियम तो पहले ही लागू होना चाहिए था।”
प्रदीप शर्मा (युवा पर्यटक):
“सेल्फी लेने गए थे, लेकिन अब डर लगता है। प्रशासन ने सही किया, जान बची तो लाखों पाए।”
एमसीबी जिला प्रशासन की ओर से पर्यटकों को अपील:
“हम चाहते हैं कि लोग आएं, प्रकृति का आनंद लें, लेकिन जिम्मेदारी से। प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद तभी सार्थक है जब आप सुरक्षित लौटें।”क्योंकि आपकी सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है।
“खूबसूरत जलप्रपात अब लापरवाहियों का गवाह नहीं बनेगा!”
एमसीबी जिला के प्राकृतिक स्थलों की सुंदरता तभी तक टिकेगी जब हम उसकी गरिमा बनाए रखेंगे। प्रशासन का यह निर्णय कठोर जरूर लग सकता है, लेकिन इसके पीछे वर्षों की दुर्घटनाओं का कड़वा अनुभव है। सेल्फी और स्नान की ये क्षणिक लापरवाहियाँ अब भारी पड़ सकती हैं।
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तो अगली बार जब आप अमृतधारा या रमदहा जलप्रपात जाएँ, तो मोबाइल से पहले सावधानी का घूंघट डालें — वरना पुलिस की नजर पड़ने पर अगला फोटो थाने के रिकॉर्ड में हो सकता है