सरकारी तिजोरी पर सीधा प्रहार:धान घोटाले में बड़ा खुलासा! धान घोटाले के 65 लाख रुपये के फर्जीवाड़े का मुख्य आरोपी गिरफ्तार!
मुंगेली पुलिस की दबिश में पकड़ा गया गबनखोर, अब सलाखों के पीछे!
Mungeli/धान खरीदी केंद्रों में पारदर्शिता की पोल खोलते हुए मुंगेली पुलिस ने 65 लाख रुपये के बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश किया है। तरवरपुर धान खरीदी केंद्र में अमानत में खयानत कर करोड़ों रुपये का घोटाला रचने वाले आरोपी सरजूराम बघेल को पुलिस ने नाटकीय अंदाज में दबोच लिया। आरोपी पुलिस को देखते ही भागने लगा, लेकिन चारों ओर से घेराबंदी कर उसे रंगे हाथों पकड़ लिया गया।
यह मामला उस वक्त उजागर हुआ जब जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित बिलासपुर शाखा सेतगंगा के शाखा प्रबंधक सुमरनदास मानिकपुरी ने गंभीर अनियमितताओं की लिखित शिकायत 7 अक्टूबर 2025 को फास्टरपुर थाने में दर्ज कराई। शिकायत में आरोप था कि तरवरपुर धान खरीदी केंद्र में धान की मात्रा में भारी गड़बड़ी की गई है। जांच के आदेश मिलते ही प्रशासन और पुलिस हरकत में आ गई।
जांच में खुला बड़ा राज — कागजों पर धान, गोदाम में सन्नाटा!
सहायक आयुक्त सहकारिता एवं सहायक पंजीयक मुंगेली की रिपोर्ट ने पूरे घोटाले की हकीकत उजागर कर दी। जांच में सामने आया कि वर्ष 2024-25 में तरवरपुर धान खरीदी केंद्र में कुल 39,767.20 क्विंटल धान खरीदा गया था, जिसमें से 36,404.36 क्विंटल धान का तो परिदान कर दिया गया। लेकिन 3,362.84 क्विंटल धान ऐसा था जो कागजों में तो दर्ज मिला, लेकिन गोदाम में उसका कोई अता-पता नहीं था।
जब भौतिक सत्यापन किया गया तो 2,094.64 क्विंटल धान कम पाया गया। इस कम धान की कीमत ₹3,100 प्रति क्विंटल के हिसाब से ₹65,02,684 रुपये आंकी गई। यह कोई छोटी रकम नहीं थी, बल्कि सरकारी तिजोरी पर सीधा प्रहार था।
एसपी के निर्देश पर हुई दबिश — आरोपी ने भागने की कोशिश की!
मामले की गंभीरता को देखते हुए मुंगेली पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल ने तत्काल कार्रवाई के आदेश दिए। अनुविभागीय अधिकारी पुलिस मयंक तिवारी के पर्यवेक्षण में विशेष टीम गठित की गई। टीम ने जब सरजूराम बघेल के ग्राम फंदवानीकापा स्थित घर पर दबिश दी तो आरोपी पुलिस को देखकर घबरा गया और भागने लगा। लेकिन पुलिस ने चारों ओर से घेराबंदी कर उसे धर दबोचा।
आरोपी के घर से धान खरीदी रजिस्टर और कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए गए। पूछताछ में 46 वर्षीय सरजूराम बघेल, पिता छोटकू राम बघेल ने अपराध स्वीकार कर लिया। इसके बाद उसे 8 अक्टूबर 2025 को विधिवत गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया।
फर्जीवाड़ा कैसे हुआ — ऑनलाइन रिकॉर्ड और हकीकत में जमीन-आसमान का फर्क!
पुलिस जांच में यह साफ हुआ कि आरोपी सरजूराम ने धान खरीदी केंद्र में धान की संख्या में हेराफेरी कर ऑनलाइन रिकॉर्ड में धान दिखा दिया, जबकि भौतिक रूप से वह धान मौजूद ही नहीं था। इस गड़बड़ी को महीनों तक छिपाकर रखा गया। लेकिन जब शिकायत और जांच रिपोर्ट सामने आई तो पूरा खेल उजागर हो गया।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार —
“यह मामला सिर्फ एक केंद्र का नहीं है। इस कार्रवाई से अन्य धान खरीदी केंद्रों में भी सतर्कता बढ़ेगी। आरोपी ने जानबूझकर सरकारी अमानत में गबन किया और इसका अंजाम उसे अब जेल में भुगतना होगा।”
किसानों में रोष — ‘हमारी मेहनत का मजाक उड़ाया गया’!
इस घोटाले की खबर जैसे ही गांव-गांव में फैली, स्थानीय किसानों में आक्रोश की लहर दौड़ गई। किसानों का कहना है कि उन्होंने पसीने की कमाई से जो धान खरीदा और बेचा, वही बीच में भ्रष्ट तंत्र की भेंट चढ़ गया। किसानों ने मांग की है कि सरकार और प्रशासन इस मामले में कठोरतम कार्रवाई करे ताकि कोई दूसरा सरजूराम बघेल दोबारा ऐसी हिम्मत न कर सके।
पुलिस की सख्त कार्रवाई — पारदर्शिता के लिए निगरानी बढ़ेगी! पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल ने स्पष्ट कहा —
“धान खरीदी केंद्रों में गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सभी केंद्रों पर निगरानी बढ़ाई जाएगी कोई भी कर्मचारी या अधिकारी गबन में पकड़ा गया तो जेल ही उसका ठिकाना होगा।”
मुंगेली पुलिस अब इस घोटाले से जुड़े अन्य पहलुओं की भी जांच कर रही है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि क्या आरोपी सरजूराम अकेले इस फर्जीवाड़े में शामिल था या इसके पीछे कोई बड़ा नेटवर्क काम कर रहा था।
सरकार की योजनाओं में सेंध लगाने वालों को सबक — गूंज रहा मुंगेली कांड!
धान खरीदी केंद्रों में गड़बड़ी के खिलाफ यह कार्रवाई पूरे प्रदेश के लिए एक बड़ा संदेश बनकर उभरी है। यह सिर्फ 65 लाख रुपये का मामला नहीं, बल्कि किसानों के भरोसे, सरकारी तंत्र की पारदर्शिता और जनविश्वास की रक्षा का मुद्दा है।
सरजूराम बघेल की गिरफ्तारी ने अन्य भ्रष्ट तत्वों की भी नींद उड़ा दी है। पुलिस सूत्रों की मानें तो आने वाले दिनों में कई और केंद्रों पर जांच तेज की जाएगी और एक के बाद एक कई फर्जीवाड़ों का खुलासा हो सकता है।
घोटाले की टाइमलाइन — कैसे खुली परत-दर-परत साजिश!
•2024-25 : तरवरपुर धान खरीदी केंद्र में धान की खरीदी में गड़बड़ी शुरू।
•7 अक्टूबर 2025 : शाखा प्रबंधक सुमरनदास मानिकपुरी ने फास्टरपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई।
•जांच रिपोर्ट : 2,094.64 क्विंटल धान कम मिला — 65 लाख रुपये का फर्जीवाड़ा उजागर।
•8 अक्टूबर 2025 : आरोपी सरजूराम बघेल गिरफ्तार।
•पुलिस कार्रवाई जारी : गबन के अन्य पहलुओं की जांच।
अब नहीं बचेगा कोई गबनखोर!
मुंगेली पुलिस की इस कार्रवाई से न केवल किसानों में राहत की भावना जगी है, बल्कि अन्य धान खरीदी केंद्रों के कर्मचारियों को भी स्पष्ट चेतावनी मिल गई है कि यदि किसी ने सरकारी धन में हेराफेरी की, तो अंजाम जेल की सलाखें होंगी।
सरजूराम बघेल की गिरफ्तारी धान खरीदी केंद्रों में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ी जीत के रूप में देखी जा रही है। यह मामला प्रदेश में सहकारी संस्थाओं और सरकारी योजनाओं में पारदर्शिता की दिशा में एक मजबूत कदम साबित होगा।
https://jantakitakat.com/सिरपुर-के-गंधेश्वर-श्री/
क्या मुंगेली जिला प्रशासन की इस कार्यवाही से दूसरे जिलों में हुएं धान घोटालों मामलों में कार्यवाही होगी या मामले कफ़न दफन कर दीजिएंगे?