/kc edits /

September 10, 2025 4:46 pm

नेपाल संसद में inferno, पूर्व प्रधानमंत्री की पत्नी को ज़िंदा जलाया गया – आस्था, राजनीति और हिंसा का भयावह संगम!

नेपाल संसद में inferno, पूर्व प्रधानमंत्री की पत्नी को ज़िंदा जलाया गया – आस्था, राजनीति और हिंसा का भयावह संगम!

Kaathmandu/नेपाल इन दिनों ऐसी त्रासद घटनाओं से गुजर रहा है, जिसने लोकतंत्र, आस्था और मानवीय संवेदनाओं पर गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं। राजधानी के बीचों-बीच स्थित सिंह दरबार, जिसे एशिया का सबसे बड़ा महल कहा जाता है और जो नेपाल की संसद एवं प्रशासनिक गतिविधियों का केंद्र है, बीती रात भीषण आग की लपटों में घिर गया। यह आग देर रात तक बेकाबू रही और देखते-ही-देखते ऐतिहासिक धरोहर के कई हिस्से ध्वस्त हो गए।

लेकिन यह भयावहता यहीं थमी नहीं। उसी रात देश को और भी ज्यादा झकझोर देने वाली घटना घटित हुई। नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री झलनाथ खनाल की पत्नी को प्रदर्शनकारियों ने उनके घर से खींचकर ज़िंदा जला डाला। दो घंटे तक तड़पने के बाद उनकी मौत हो गई। यह दृश्य न केवल नेपाल बल्कि पूरे दक्षिण एशिया को हिला देने वाला है। सवाल उठ रहा है कि यह विरोध था या हिंसा का राक्षसी तांडव?

सिंह दरबार में आग – ध्वस्त होती धरोहर!
सिंह दरबार, जिसे वर्ष 1903 में तत्कालीन प्रधानमंत्री चन्द्र शम्शेर जंग बहादुर राणा ने बनवाया था, कभी राणा शासकों का निवास और शक्ति का प्रतीक हुआ करता था। आजादी के बाद इसे संसद और सरकारी कार्यालयों के लिए इस्तेमाल किया जाने लगा। यह महल सिर्फ ईंट-पत्थरों का ढांचा नहीं बल्कि नेपाल की राजनीतिक यात्रा का जीवंत इतिहास है।

नेपाल संसद में inferno,

कल रात इस ऐतिहासिक धरोहर में लगी आग ने सबको स्तब्ध कर दिया। घंटों तक अग्निशमन दल लपटों से जूझता रहा लेकिन लकड़ी से बने कई हिस्से राख में बदल गए। लोगों का मानना है कि यह आग महज हादसा नहीं बल्कि नेपाल की राजनीति में धधकते असंतोष का प्रतीक है।

पूर्व प्रधानमंत्री की पत्नी का दर्दनाक अंत!
आग की खबर से लोग अभी उबरे भी नहीं थे कि दूसरी ओर झलनाथ खनाल की पत्नी को प्रदर्शनकारियों ने निशाना बना डाला। गुस्साई भीड़ ने उन्हें घर से बाहर घसीटा और आग के हवाले कर दिया। आंखों देखा हाल बताने वालों के मुताबिक, चारों ओर सिर्फ चीख-पुकार गूंज रही थी। भीड़ बेकाबू थी और कानून-व्यवस्था नाम की चीज़ गायब।

राजनीति के गलियारों में हलचल मची हुई है। विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों सरकार से जवाब मांग रहे हैं। सवाल यह है कि सरकार के खिलाफ गुस्सा आखिर एक निर्दोष महिला पर क्यों उतारा गया?

Gen Z की भूमिका – गुस्सा और उम्मीद के बीच!
इन घटनाओं की पृष्ठभूमि में नेपाल की नई पीढ़ी, जिसे Gen Z कहा जाता है, का आक्रोश भी छिपा हुआ है। यह पीढ़ी, जो स्मार्टफोन, TikTok, Instagram और YouTube से गहराई से प्रभावित है, अपने भविष्य को लेकर असुरक्षित महसूस कर रही है।

•शहरी युवा वैश्विक ट्रेंड और आधुनिक जीवनशैली की ओर आकर्षित हैं।

•ग्रामीण युवा अब भी शिक्षा और रोज़गार की कमी से जूझ रहे हैं।

•बड़ी संख्या में Nepal का Gen Z विदेश पलायन कर रहा है क्योंकि देश में अवसर सीमित हैं।

•यह पीढ़ी राजनीति और समाज से ज्यादा खुलापन, समानता और रोजगार चाहती है।

कहा जा रहा है कि हालिया विरोध-प्रदर्शन में Gen Z युवाओं की बड़ी भागीदारी रही, जिनकी डिजिटल एक्टिविज़्म और सोशल मीडिया की ताक़त सड़कों पर गुस्से के रूप में फूट पड़ी।

आस्था पर हमला – पशुपतिनाथ मंदिर विवाद!
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि सरकार के खिलाफ गुस्से का निशाना पशुपतिनाथ मंदिर बना। विरोधी भीड़ ने मंदिर के दरवाज़े तोड़ने की कोशिश की। सवाल उठता है कि जब नाराजगी सरकार से है, तो मंदिर क्यों निशाने पर आया?

 

पशुपतिनाथ मंदिर सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं बल्कि विश्व हिंदू समाज की आस्था और पहचान का प्रतीक है। उस पर हमला न केवल धार्मिक भावनाओं को आहत करता है बल्कि यह संकेत देता है कि गुस्सा अब तर्कसंगत सीमा से बाहर निकल चुका है।

बालेन शाह – नया चेहरा, नई उम्मीद?
नेपाल की उथल-पुथल भरी राजनीति के बीच एक नया नाम तेजी से उभर रहा है – बालेंद्र शाह (बालेन शाह)। कहा जा रहा है कि मौजूदा हालात से निपटने के लिए उन्हें सत्ता सौंपी जा सकती है।

बालेन शाह युवा नेताओं की उस जमात से आते हैं जो सीधे जनता से जुड़कर राजनीति में बदलाव का दावा करते हैं। युवाओं के बीच उनकी लोकप्रियता सोशल मीडिया पर स्पष्ट दिखती है। सवाल यह है कि क्या बालेन शाह इस हिंसा और असंतोष के दौर में नेपाल को स्थिरता और दिशा दे पाएंगे?

असली सवाल!

• क्या सिंह दरबार की आग महज एक हादसा थी या भीतर ही भीतर जल रहे गुस्से का प्रतीक?

• पूर्व प्रधानमंत्री की पत्नी को जिंदा जलाना क्या लोकतंत्र की हार नहीं है?

• अगर गुस्सा सरकार से है, तो आस्था का केंद्र मंदिर क्यों निशाने पर आया?

क्या नेपाल का Gen Z, जो सबसे जागरूक और सक्रिय वर्ग है, बदलाव लाने के लिए हिंसा की राह चुनेगा या लोकतांत्रिक तरीके से अपनी ताक़त दिखाएगा?

नेपाल इस समय हिंसा, राजनीति और आस्था के त्रिकोणीय संकट से गुजर रहा है। एक ओर संसद में लगी आग ने लोकतंत्र के मंदिर को झुलसा दिया है, दूसरी ओर पूर्व प्रधानमंत्री की पत्नी की दर्दनाक मौत ने राजनीति को शर्मसार कर दिया है। मंदिर पर हमले ने आस्था को चोट पहुंचाई है।

ऐसे में नेपाल का भविष्य उस पीढ़ी – Gen Z – के हाथों में है, जो सोशल मीडिया से सशक्त है और बदलाव की चाह रखती है। सवाल यह है कि क्या यह बदलाव विनाश की आग में झुलसकर आएगा या लोकतंत्र की मशाल जलाकर?

नेपाल की धरती इन सवालों के जवाब तलाशने के लिए बेचैन है।

Leave a Comment

और पढ़ें

Cricket Live Score

Corona Virus

Rashifal

और पढ़ें

error: Content is protected !!