रेलवे का बड़ा धमाका: अनलिमिटेड सामान लेकर यात्रा करने के दिन हुए खत्म, क्लासवार तय हुई सीमा – अब तय वजन से ज्यादा ले गए तो लगेगा जुर्माना!
New delhi/देशभर के यात्रियों के लिए रेलवे ने एक ऐतिहासिक और चौंकाने वाला फैसला लिया है। अब ट्रेन में सफर करते वक्त आप मनचाहा और अनलिमिटेड सामान लेकर नहीं चल पाएंगे। हवाई यात्रा की तरह अब रेल यात्रा में भी सख्त ‘बैगेज पॉलिसी’ लागू होने जा रही है। इसका सीधा मतलब है कि तय सीमा से अधिक सामान ले जाने वालों को न केवल अतिरिक्त चार्ज देना होगा, बल्कि मौके पर ही जुर्माना भरना पड़ सकता है।
यात्रियों की पुरानी आदतों पर लगाम!
अक्सर रेलवे स्टेशनों और ट्रेन के डिब्बों में आपने देखा होगा कि यात्री बड़े-बड़े बोरे, अटैची, ट्रंक, बिस्तर और थैले लेकर चढ़ जाते हैं। नतीजा यह होता है कि न केवल डिब्बे में अफरातफरी मच जाती है बल्कि यात्रियों को अपनी सीट पर बैठने तक की जगह नहीं मिलती। रेलवे के अनुसार यही स्थिति अब बदलने वाली है। प्रयागराज जोन से शुरू होने वाली यह पहल धीरे-धीरे पूरे देश में लागू होगी।
क्लासवार तय की गई बैगेज लिमिट- रेलवे ने अलग-अलग श्रेणियों के लिए सख्त लिमिट तय कर दी है—
जनरल क्लास: अधिकतम 35 किलो प्रति यात्री।
स्लीपर व थर्ड एसी: अधिकतम 40 किलो प्रति यात्री।
सेकंड एसी: अधिकतम 50 किलो प्रति यात्री।
फर्स्ट एसी: अधिकतम 70 किलो प्रति यात्री।
यानी, अगर आप स्लीपर क्लास में सफर कर रहे हैं तो सिर्फ 40 किलो तक ही सामान ले जा सकते हैं। दो लोग मिलकर यात्रा कर रहे हैं तो सीमा 80 किलो होगी। लेकिन अगर आपने 90 किलो का सामान ले लिया तो अतिरिक्त चार्ज सीधे टिकट की तरह वसूल किया जाएगा।
सामान की जांच होगी मशीनों से!
रेलवे ने स्पष्ट कर दिया है कि स्टेशनों पर हाई-टेक इलेक्ट्रॉनिक वेट मशीनें लगाई जाएंगी। इन मशीनों से गुजरते ही आपका सामान अपने-आप स्कैन और वेट हो जाएगा। अगर तय सीमा से अधिक वजन पाया गया तो वहीं तुरंत टिकट-जैसी रसीद काटकर अतिरिक्त शुल्क वसूला जाएगा। यही नहीं, अगर कोई यात्री जुर्माना देने से इंकार करेगा तो रेलवे सुरक्षा बल (RPF) द्वारा कार्रवाई की जाएगी।
यात्रियों की सुविधा बनाम अनुशासन!
रेलवे सूत्रों का कहना है कि यह कदम यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा दोनों को ध्यान में रखकर उठाया गया है। जनरल कोचों में भीड़ के बीच जब कोई यात्री भारी-भरकम बोरे और गठरी लेकर चढ़ता है, तो न केवल दुर्घटना का खतरा बढ़ता है बल्कि दूसरों का सफर भी दूभर हो जाता है। नए नियम से न केवल यात्रियों की परेशानी कम होगी बल्कि डिब्बों में स्पेस मैनेजमेंट भी बेहतर होगा।
स्टेशनों पर एयरपोर्ट जैसा अनुभव!
सिर्फ सामान की सीमा ही नहीं, रेलवे स्टेशनों का चेहरा भी बदलने जा रहा है। आने वाले दिनों में बड़े-बड़े ब्रांड्स की दुकानें रेलवे प्लेटफॉर्म पर नजर आएंगी। कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक्स, ट्रैवल गियर और खाने-पीने के आइटम अब स्टाइलिश शॉप्स में मिलेंगे। रेलवे का दावा है कि यात्रियों को यहां एयरपोर्ट जैसी सुविधा और अनुभव मिलेगा। दुकानों से मिलने वाला रेवेन्यू रेलवे की आमदनी बढ़ाने में मदद करेगा।
लिमिट क्यों अलग-अलग क्लास के लिए?
• रेलवे अधिकारियों के अनुसार, प्रत्येक श्रेणी में सीटों का पैटर्न और स्पेस अलग होता है।
• जनरल कोच में जगह सबसे कम होती है, इसलिए 35 किलो की सीमा रखी गई।
• स्लीपर और थर्ड एसी में स्पेस थोड़ा ज्यादा है, इसलिए 40 किलो।
• सेकंड एसी में दो सीटों की पंक्तियां होती हैं, इसलिए यात्री अधिकतम 50 किलो ले सकते हैं।
• वहीं फर्स्ट एसी, जो सबसे लक्जरी क्लास है, उसमें स्पेस काफी है, इसलिए सीमा 70 किलो तय की गई।
भारतीय रेलवे का लक्षित उद्देश्य!
रेलवे का यह कदम केवल राजस्व जुटाने का साधन नहीं है, बल्कि यात्रा को व्यवस्थित और सुरक्षित बनाने की बड़ी पहल है। रेलवे अधिकारियों का मानना है कि “जितना सुव्यवस्थित डिब्बा होगा, उतना ही आरामदायक सफर होगा।”
यात्रियों की मिली-जुली प्रतिक्रिया!
इस नियम की खबर फैलते ही यात्रियों में हलचल मच गई है। कई यात्रियों का कहना है कि यह नियम उचित है क्योंकि भीड़ और गंदगी का बड़ा कारण भारी-भरकम सामान ही होता है। वहीं कुछ यात्रियों का गुस्सा भी फूट पड़ा—“रेलवे पहले समय पर ट्रेन चलाना सीखे, फिर सामान की पाबंदी लगाए।” खासकर छोटे व्यापारी और ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले लोग इसे कठिन मान रहे हैं क्योंकि वे अक्सर व्यापारिक सामग्री भी ट्रेन से ढोते हैं।
भविष्य की तस्वीर!
आने वाले दिनों में जब यह नियम पूरे देश में लागू होगा, तब रेलवे यात्रा का चेहरा बदल सकता है। डिब्बे साफ-सुथरे, भीड़ कम और अनुशासित नजर आएंगे। स्टेशन पर लगने वाली नई दुकानें यात्रियों को एयरपोर्ट जैसी झलक देंगी। हालांकि, यह देखने वाली बात होगी कि अतिरिक्त शुल्क से यात्रियों का बोझ कितना बढ़ेगा और क्या लोग धीरे-धीरे इसके आदी हो पाएंगे।
कुल मिलाकर, रेलवे ने साफ कर दिया है कि “अनलिमिटेड सामान लेकर यात्रा करने का जमाना खत्म हुआ”। अब हर यात्री को अपनी क्लास के अनुसार ही सामान पैक करना होगा। नियम तोड़ने वालों पर सख्त कार्रवाई और जुर्माना तय है। यह फैसला आने वाले महीनों में रेल यात्रा के अनुभव को बदलने वाला है – या तो अनुशासित सफर या फिर महंगा जुर्माना!