“लापता नहीं, नेतृत्व की नई परिभाषा हैं हमारे विधायक: विजयलक्ष्मी जांगड़े की हुंकार – गंदी पोस्टरबाज़ी से नहीं रुकेगा विकास का रथ!”
महासमुंद/छत्तीसगढ़ राजनीति की साजिशें जब नीचता की सीमा लांघने लगें और जनसेवकों को बदनाम करने के लिए “गुमशुदगी के पोस्टर” चिपकाए जाने लगें, तो समझ लीजिए कि सच्चाई की रोशनी ने अंधेरों में खलबली मचा दी है। महासमुंद विधानसभा क्षेत्र में कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है, जहां लोकप्रिय विधायक के खिलाफ विपक्ष द्वारा चलाई जा रही ओछी मुहिम ने एक नई बहस को जन्म दिया है।
इस सियासी तूफान के बीच भारतीय जनता पार्टी से जनपद सदस्य क्षेत्र क्रमांक 07 नांदगांव-घोड़ारी की तेजतर्रार नेता विजयलक्ष्मी जांगड़े (बबली) खुलकर सामने आई हैं। उन्होंने विपक्ष की इस हरकत को “निंदनीय, शर्मनाक और जनता का अपमान” बताया।
“गंभीर चोट में भी जनसेवा, फिर भी ‘गुमशुदा’ बताना पाप से कम नहीं”
विजयलक्ष्मी जांगड़े ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा—
“हमारे विधायक जी स्वास्थ्यगत कारणों से बेड रेस्ट में हैं, उन्हें गंभीर चोट आई है। लेकिन फिर भी वे हर दिन क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों से संपर्क कर रहे हैं, ज़िलाधिकारी और अधिकारियों से बात कर जनता की समस्याओं का समाधान करवा रहे हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि विधायक की कर्मठता इस बात से साबित होती है कि उन्होंने अपनी अस्वस्थता के बावजूद भी जनहित से जुड़े मुद्दे लेकर जनता को पूरा समय दे रहे है अपने निवास पर जहां क्षेत्र के मूलभूत विकास कार्यों की समीक्षा की गई और सभी पंचायतों के सरपंच सचिव से अपने निवास में बैठक करते हुए शासन की योजनाओं को ज़मीनी स्तर तक पहुंचाने के स्पष्ट निर्देश दिए गए।
सोशल मीडिया गवाह है – विधायक हर दिन सक्रिय!
विजयलक्ष्मी ने बताया कि सोशल मीडिया पर हर दिन ऐसी तस्वीरें और वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिनमें विधायक जी जनता से मिलते हुए, समस्याएं सुनते हुए और अफसरों को निर्देश देते हुए दिखते हैं।
“जब एक बीमार व्यक्ति भी जनसेवा में डटा हुआ है, तो उसे ‘गुमशुदा’ बताने वाले खुद राजनीति से गायब हो जाने चाहिए।”
” लाखो की विकास सौगात और माफिया राज पर चोट – यही है विपक्ष की जलन की असली वजह”
विजयलक्ष्मी जांगड़े ने खुलासा किया कि हमारे विधायक द्वारा सिरपुर पर्यटन नगरी समेत विधानसभा क्षेत्र के अनेक स्थानों में लाखों रुपये से अधिक के विकास कार्यों की सौगात दी गई है। इसमें—
•नई सड़कों का निर्माण,
•पेयजल व्यवस्था,
•सामुदायिक भवन,
•पर्यटन स्थलों का विकास,
•जैसे काम प्रमुख हैं। उन्होंने कहा,
“जिनके शासन में माफियाओं की चांदी थी, अब वे तिलमिला रहे हैं क्योंकि अब हर दिन रेत माफियाओं और शराब के अवैध धंधों पर कार्रवाई हो रही है।”
“माफियाओं की रीढ़ टूटी, विपक्ष की नींद उड़ गई!”
विजयलक्ष्मी ने कहा कि पहले यह क्षेत्र रेत और शराब माफियाओं का अड्डा बन गया था। विधायक जी के नेतृत्व में प्रशासन ने पहली बार इन पर सख्ती से कार्रवाई शुरू की है, और हर दिन अवैध धंधेबाजों पर FIR हो रही है। यही कारण है कि माफिया अब राजनीति की आड़ लेकर विधायक को बदनाम करने में जुट गए हैं।
“जनता सब जानती है – झूठे पोस्टर का जवाब सच्चे वोट से देगी!”
विजयलक्ष्मी जांगड़े ने स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा:
“2028 के चुनाव में जनता उन लोगों को सबक! सिखाएगी, जो झूठ और गंदे प्रचार से सियासत करना चाहते हैं। यह क्षेत्र अब समझदार हो चुका है, विकास और सच्चाई को वोट देगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि जनता अब भावनाओं में नहीं बहती, वह देख रही है कि कौन मैदान में है और कौन सिर्फ पोस्टर चिपका रहा है।
“विधायक नहीं जननायक हैं – समर्पण और संकल्प की मिसाल हैं हमारे नेता”!
विजयलक्ष्मी जांगड़े ने कहा कि विधायक जी का राजनीतिक जीवन केवल कुर्सी तक सीमित नहीं है, बल्कि वे जनसेवा को धर्म मानते हैं। बीमारी की हालत में भी वे सैंकड़ों लोगों से मिलते हैं, उनकी बात सुनते हैं और अधिकारियों को कार्रवाई के निर्देश देते हैं।
“ऐसे नेताओं को बदनाम करना विपक्ष की गिरी हुई सोच का परिणाम है। लेकिन जनता सब जानती है – और सही समय पर सही फैसला भी करेगी।”
“यह सिर्फ बदनामी नहीं, विकास के खिलाफ साजिश है”
विजयलक्ष्मी ने कहा कि जो पोस्टर चिपकाए जा रहे हैं, वे केवल किसी व्यक्ति की नहीं बल्कि पूरे विधानसभा क्षेत्र की गरिमा पर हमला हैं।
“यदि हम अपने जनसेवक के साथ नहीं खड़े होंगे, तो फिर सच्चाई की लड़ाई कौन लड़ेगा? अब समय आ गया है कि जनता ऐसे साजिशकर्ताओं को पहचानकर सामाजिक रूप से बहिष्कृत करे।”
विजयलक्ष्मी जांगड़े (बबली) ने जिस आक्रामकता और स्पष्टता से विपक्ष को ललकारा है, उसने न सिर्फ सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है, बल्कि आम जनता को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है।
•क्या वाकई गुमशुदा है वह विधायक जो हर दिन सौ लोगों से मिल रहा है?
•क्या विकास का नेतृत्व इतना खलने लगा है विपक्ष को कि वह झूठे पोस्टर छपवाकर साजिशें रचने लगे?
इन सवालों का जवाब अब जनता ही देगी – और वह जवाब पोस्टर पर नहीं, चुनाव की मतपेटियों में पड़ेगा।