महासमुंद,/महासमुन्द जिला के तुमगांव में धड़ाधड़ छापेमारी की गई है, कृषि आदान विक्रेताओं पर कलेक्टर का सख्त प्रहार किया गया।कृषि क्षेत्र में पारदर्शिता और ईमानदारी की नई इबारत लिखने निकल पड़ा महासमुंद प्रशासन कलेक्टर विनय कुमार लंगेह की सख्त निगरानी और स्पष्ट निर्देशों के तहत जिले में कृषि आदान विक्रेताओं पर नकेल कसने की मुहिम ने रफ्तार पकड़ ली है। किसानों को गुणवत्तायुक्त बीज, खाद और कीटनाशक उपलब्ध कराने के उद्देश्य से अब मनमानी और नियमों की अनदेखी करने वालों की खैर नहीं है।
नियमों से समझौता नहीं खाद-बीज घोटाले पर एक्शन मोड में प्रशासन!
इसी कड़ी में तुमगांव क्षेत्र में हुई बड़ी छापेमारी ने तहलका मचा दिया। उप संचालक कृषि एफ.आर. कश्यप के मार्गदर्शन में अनुविभागीय कृषि अधिकारी भीमराव घोड़ेसवार और उर्वरक निरीक्षक श्री उमेश चंद्राकर के नेतृत्व में गठित विशेष निरीक्षण दल ने तुमगांव के कई कृषि आदान विक्रेताओं की दुकानों पर औचक निरीक्षण किया।
नियमों की खुलेआम उड़ाई जा रही थी धज्जियां!
तुमगांव में छापेमारी के दौरान सामने आया कि कई प्रतिष्ठानों में खाद, बीज एवं कीटनाशक के पैकेट तो मौजूद थे, लेकिन न तो मूल्य सूची प्रदर्शित की गई थी, न ही स्कंध सूची। किसानों को पारदर्शिता से जानकारी देना तो जैसे दुकानदारों के एजेंडे में ही नहीं था। कई दुकानों में विक्रय रसीद और स्टॉक रजिस्टर तक अदृश्य थे।
यह केवल लापरवाही नहीं, किसानों के अधिकारों का हनन है!
महासमुन्द जिला प्रशासन ने बिना समय गंवाए इन प्रतिष्ठानों को कारण बताओ नोटिस थमा दिया है। जवाब देने के लिए निर्धारित समय सीमा दी गई है, जिसके बाद संतोषजनक उत्तर नहीं मिलने पर सख्त कार्रवाई तय मानी जा रही है।
कलेक्टर का साफ संदेश — ‘किसान को ठगना नहीं चलेगा!’
कलेक्टर विनय कुमार लंगेह ने स्पष्ट कहा है कि—
“जिले के किसान हमारी प्राथमिकता हैं। यदि कोई भी विक्रेता उन्हें भ्रमित करने या घटिया माल बेचने की कोशिश करता है तो उसके खिलाफ लाइसेंस निरस्तीकरण सहित कठोर कार्रवाई की जाएगी।”
उन्होंने निरीक्षण टीमों को भी निर्देश दिए हैं कि निगरानी में कोई कोताही न हो। यह केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि कृषि व्यवस्था को मजबूत करने का निर्णायक कदम है।
‘भ्रष्टाचार मुक्त कृषि बाजार’ की ओर बढ़ता महासमुंद
इस कार्रवाई से यह स्पष्ट हो गया है कि प्रशासन अब भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के प्रति ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ की नीति अपनाए हुए है। किसान हितों के साथ खिलवाड़ अब भारी पड़ेगा।
क्या थे निरीक्षण के मुख्य बिंदु:
•खाद/बीज/कीटनाशकों की गुणवत्ता और वैधता की जांच
• मूल्य सूची एवं स्कंध सूची का स्पष्ट प्रदर्शन
• स्टॉक रजिस्टर एवं विक्रय रसीदों की जांच
• विक्रय स्थल पर लाइसेंस की वैधता
• अनुचित लाभ कमाने की किसी भी कोशिश की पड़ताल
दुकानदारों की घबराहट साफ नजर आई:- तुमगांव में कार्रवाई के दौरान कई दुकानदारों के चेहरे पर हड़बड़ाहट देखी गई। कुछ तो दस्तावेज तुरंत प्रस्तुत भी नहीं कर सके। कई प्रतिष्ठानों के कर्मचारी जांच टीम के सवालों का संतोषजनक उत्तर देने में असमर्थ नजर आए। इससे यह साफ हुआ कि अनियमितता कोई संयोग नहीं, बल्कि सुनियोजित ढांचे का हिस्सा रही है।
कृषि विभाग की सक्रियता बनी चर्चा का विषय
ग्रामीण अंचलों में इस कार्रवाई के बाद से ही कृषि विभाग की सक्रियता और सजगता को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। किसान वर्ग इस पहल को ‘कृषक हितों की सुरक्षा का मजबूत कदम’ मान रहा है।
आगे क्या? प्रशासन का अगला कदम क्या होगा?
कृषि विभाग ने संकेत दिए हैं कि यह निरीक्षण महज शुरुआत है। आने वाले दिनों में अन्य विकासखंडों जैसे बागबाहरा, पिथौरा, बसना और सरायपाली में भी इसी तरह की जांच अभियान चलाए जाएंगे। जिन प्रतिष्ठानों में लगातार अनियमितताएं मिलेंगी, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई के अलावा एफआईआर और लाइसेंस निरस्तीकरण तक की सिफारिश की जाएगी।
महासमुंद अब किसानों के विश्वास की राजधानी बनता जा रहा है।
कलेक्टर लंगेह की प्रशासनिक दृढ़ता और कृषि विभाग की तत्परता से यह साबित हो चुका है कि शासन अब कृषि क्षेत्र में भी पारदर्शिता और जवाबदेही का नया अध्याय लिख रहा है।
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कृषि आदान विक्रेताओं को अब चेत जाना चाहिए —
“यह नया छत्तीसगढ़ है, जहां नियम ही राज है!”