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September 10, 2025 6:34 pm

CG Breaking- रेत का साम्राज्य ढहाया :कलेक्टर लंगेह के निर्देश पर बरबसपुर में चला बुलडोजर, 2 करोड़ 18 लाख की अवैध रेत जब्त!

Mahasamund/ छत्तीसगढ़ के महासमुन्द जिला में रेत का साम्राज्य ढहाया महासमुन्द कलेक्टर विनय कुमार लंगेह के निर्देश पर ग्राम बरबसपुर में चला प्रशासन का बुलडोजर, 2 करोड़ 18 लाख की अवैध रेत जब्त महासमुन्द के बरबसपुर ग्राम की धरती पर उस वक्त सनसनी मच गई जब खनिज विभाग की संयुक्त टीम ने ग्रामीणों और सरपंच की मौजूदगी में अवैध रेत साम्राज्य पर कहर बरपाया। कलेक्टर विनय कुमार लंगेह के स्पष्ट निर्देशों के बाद यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। ग्राम बरबसपुर में 43 निजी भू-स्वामियों और 14 शासकीय भूमि पर अवैध रेत भंडारण पकड़े गए, जिनपर कुल 2 करोड़ 18 लाख 25 हजार 250 रुपये का भारी-भरकम अर्थदंड अधिरोपित किया गया।

महासमुन्द कलेक्टर लंगेह

महासमुन्द जिला में कानून की नहीं, अब चलेगी प्रशासन की:-  कलेक्टर लंगेह के नेतृत्व में ताबड़तोड़ छापामारी रेत माफियाओं पर लगाम कसने के लिए कलेक्टर लंगेह ने जिले में पहले ही अल्टीमेटम जारी कर दिया था — “अवैध उत्खनन और भंडारण किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा!” इसी के तहत 15 जून की सुबह, खनिज अधिकारी योगेन्द्र सिंह के नेतृत्व में टीम ने ग्राम बरबसपुर में छापा मारा। गांव के कोटवार, सरपंच और सैकड़ों ग्रामीणों की उपस्थिति में एक के बाद एक अवैध रेत के अड्डे बेनकाब होते चले गए।

कौन-कितना दोषी? — नामों की लंबी सूची, जुर्मानों की बारिश:-

महासमुन्द के बरबसपुर ग्राम में 43 भू-स्वामी, 13,050 घनमीटर अवैध रेत, और 54 लाख 1 हजार 250 रुपये का अर्थदंड — ये आंकड़े बताते हैं कि बरबसपुर में अवैध रेत कारोबार कितना फैला हुआ था।

बड़े नामों की बड़ी सजा:- 

• अशोक, अमित चंद्राकर, रामाधार, महेन्द्र प्रताप सोनवानी: 600 घनमीटर भंडारण, ₹2-2 लाख का अर्थदंड।

• बलीराम निषाद, धनेश चंद्राकर: 500 घनमीटर, ₹1.75-1.75 लाख जुर्माना।

• गणेशिया, राकेश निषाद, संतोष: 800 घनमीटर, ₹2.50-2.50 लाख।

मध्यम स्तर के दोषी:- 

• महेंद्र, लखन, मनोहर, दशरथ, गंगाबाई आदि: 100-300 घनमीटर पर ₹75 हजार से ₹1.25 लाख तक।

न्यूनतम पर भी नहीं छोड़ा:- 

•अरुण को 50 घनमीटर के लिए ₹51,250 का दंड मिला।

ये कार्रवाई साबित करती है कि कोई भी, चाहे छोटा हो या बड़ा, कानून के शिकंजे से नहीं बच सकता।

सरकारी ज़मीन पर भी था कब्ज़ा — एक और खुलासा:- सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि निजी ज़मीन तक ही सीमित नहीं था यह खेल। 14 शासकीय भू-खण्डों में 62 हजार घनमीटर रेत का अवैध भंडारण पाया गया, जिसके एवज में ₹1 करोड़ 64 लाख 25 हजार की जुर्माना राशि अधिरोपित की गई।

यह साफ दर्शाता है कि किस तरह शासकीय भूमि को भी रेत माफियाओं ने अपने कब्जे में लेकर राज्य की संपत्ति को लूटा।

जप्ती की कार्यवाही — अब कोई इधर से उधर नहीं कर सकेगा रेत:- 

जप्त की गई रेत को फिलहाल वैध दस्तावेजों के अभाव में आगामी आदेश तक पूर्णतः सील कर दिया गया है। इसका मतलब, अब न तो यह रेत उपयोग में लाई जा सकेगी और न ही इसकी ढुलाई की अनुमति होगी।

रेत का साम्राज्य ढहाया

खनिज विभाग का यह कदम न केवल अवैध कारोबार को धक्का देगा, बल्कि राजस्व नुकसान को भी रोकने में सहायक होगा।

प्रशासन का संदेश स्पष्ट — “रेत चोरों की अब खैर नहीं!”

महासमुन्द कलेक्टर लंगेह के नेतृत्व में यह कार्रवाई सिर्फ एक गांव में नहीं रुकेगी। खनिज अधिकारी योगेन्द्र सिंह ने स्पष्ट किया है कि यह तो शुरुआत है — जिलेभर में जहां भी अवैध रेत के अड्डे होंगे, उन पर इसी तरह कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि आमजन यदि किसी भी संदिग्ध रेत परिवहन या भंडारण की सूचना दें, तो गोपनीयता रखते हुए कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

 जनता की प्रतिक्रिया — “अब जाकर लगा कि सरकार जागी है”
महासमुन्द जिला के ग्राम बरबसपुर के ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है। गाड़ियों के आवागमन से बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता था और स्कूल जाने वाले बच्चों की जान का खतरा बना रहता था गांव के ही एक वरिष्ठ नागरिक ने कहा, “पहले हम डरते थे बोलने से, पर अब प्रशासन खुद आकर हमारे गांव की रक्षा कर रहा है।” सरपंच ने भी प्रशासन का आभार जताते हुए कहा कि यह कार्रवाई गांव के भविष्य को सुरक्षित रखने की दिशा में मील का पत्थर है।

क्या रुक पाएगा रेत का अवैध कारोबार? — यह तो शुरुआत है…

इस ऐतिहासिक कार्रवाई से निश्चित रूप से पूरे जिले में रेत माफियाओं की नींद हराम हो गई है। लेकिन सवाल यह भी है — क्या यह सिलसिला यहीं रुकेगा? या फिर अगले गांव, अगली तहसील, और जिले में इसी तरह के अभियान आगे भी चलेंगे?

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अगर प्रशासन की सख्ती इसी तरह जारी रही तो निश्चित रूप से महासमुंद जिले से रेत माफियाओं का नामोनिशान मिटाया जा सकता है।

न्याय की रेत अब फिसलने नहीं दी जाएगी!

महासमुन्द जिला के ग्राम बरबसपुर की यह कार्रवाई एक चेतावनी है — अब कोई भी रेत को लूट का जरिया नहीं बना सकेगा। शासन, प्रशासन और जनभागीदारी से जब धरती की कोख को लूटने वालों को सजा मिलेगी, तभी विकास और न्याय का मार्ग प्रशस्त होगा।

रेत का साम्राज्य ढहाया

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