/kc edits /

September 10, 2025 12:59 pm

“सुप्रीम आदेश या सड़क का आतंक? दिल्ली-NCR में आवारा कुत्तों पर आया ऐतिहासिक फैसला”

“सुप्रीम आदेश या सड़क का आतंक? दिल्ली-NCR में आवारा कुत्तों पर आया ऐतिहासिक फैसला”!

Delhi NCR/दिल्ली-NCR की सड़कों पर हर दिन दिखने वाले आवारा कुत्तों के आतंक पर आखिरकार सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला सामने आया है। वर्षों से अदालतों में लंबित इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त के आदेश में संशोधन करते हुए साफ कर दिया है कि कुत्तों को पकड़कर कहीं और नहीं भेजा जाएगा, बल्कि नसबंदी और टीकाकरण के बाद उन्हें उसी इलाके में वापस छोड़ा जाएगा। यह आदेश उन सभी राज्यों पर लागू होगा, जहां कुत्तों से जुड़े मामले अदालतों में लंबित हैं।

“संतुलित आदेश” – वकील ननिता शर्मा!
इस पूरे मामले में याचिकाकर्ता और सुप्रीम कोर्ट की वकील ननिता शर्मा ने कहा, “यह आदेश संतुलित है। कोर्ट ने न तो केवल इंसानों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी है, न ही केवल कुत्तों की। बल्कि दोनों पक्षों के बीच संतुलन बनाने की कोशिश की है। आम कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण अनिवार्य किया गया है, जबकि आक्रामक और रेबीज से पीड़ित कुत्तों को अलग रखकर पशु आश्रयों में रखने का निर्देश दिया गया है।”

उनका कहना था कि सभी राज्यों की अदालतों में लंबित मामलों को अब एक ही अदालत में लाया जाएगा। इससे न केवल मामलों की सुनवाई तेज होगी, बल्कि देशभर में एक समान नीति लागू होगी।

MCD पर बड़ी जिम्मेदारी!
कोर्ट ने दिल्ली नगर निगम! (MCD) को भी सख्त निर्देश दिए हैं। आदेश में कहा गया है कि MCD को कुत्तों के लिए निर्धारित भोजन क्षेत्र (फीडिंग जोन) बनाना होगा। इससे दो फायदे होंगे—

•कुत्तों को इधर-उधर भटककर लोगों पर हमला करने की प्रवृत्ति कम होगी।

•पशु प्रेमियों को भी एक तय जगह पर उन्हें भोजन कराने की सुविधा मिलेगी।

कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर भोजन क्षेत्रों का सही प्रबंधन किया गया तो इंसानों और कुत्तों के बीच होने वाले टकराव को काफी हद तक रोका जा सकेगा।

दिल्ली-NCR के लोग क्यों चिंतित?
दिल्ली-NCR के कई हिस्सों में आवारा कुत्तों के काटने की घटनाएं लगातार सामने आती रही हैं। गाज़ियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद में बीते छह महीनों में सैकड़ों मामले दर्ज हुए, जिनमें छोटे बच्चों और बुजुर्गों पर हमले भी शामिल हैं। स्थानीय लोग लंबे समय से मांग कर रहे थे कि या तो कुत्तों को शेल्टर होम में रखा जाए या फिर उनके लिए कोई ठोस व्यवस्था की जाए।

हालांकि कोर्ट के आदेश के बाद अब कुत्तों को स्थायी रूप से किसी अन्य जगह ले जाने की अनुमति नहीं होगी। यानी जिस इलाके के कुत्ते हैं, नसबंदी और टीकाकरण के बाद उन्हें वहीं वापस छोड़ा जाएगा।

“इंसान और जानवर दोनों की सुरक्षा”!
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में साफ कहा है कि “इंसान और जानवर दोनों की सुरक्षा समान रूप से आवश्यक है।” रेबीज से संक्रमित कुत्तों को तुरंत आइसोलेशन में रखने और उनके इलाज की व्यवस्था करने का आदेश दिया गया है। वहीं आक्रामक कुत्तों को पकड़कर बाड़ों और पशु आश्रयों में रखा जाएगा ताकि उनकी वजह से आम जनता को नुकसान न हो।

आदेश का राजनीतिक और सामाजिक असर!
यह फैसला न केवल कानूनी दृष्टि से अहम है, बल्कि इसका सामाजिक असर भी गहरा होगा। जहां एक ओर पशु प्रेमी इसे बड़ी जीत मान रहे हैं, वहीं दूसरी ओर आम लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या यह आदेश जमीनी स्तर पर लागू हो पाएगा?

पशु प्रेमियों का कहना है कि यह फैसला पशु अधिकारों की रक्षा करता है और इंसान की जिम्मेदारी तय करता है कि वह उनके साथ सह-अस्तित्व में रहे।

वहीं स्थानीय निवासी इसे अधूरा समाधान बता रहे हैं। उनका तर्क है कि नसबंदी और टीकाकरण के बाद भी कुत्ते का आक्रामक व्यवहार पूरी तरह खत्म नहीं होता।

सड़क पर जंग का नया अध्याय?

दिल्ली की गलियों में यह आदेश अब नए विवाद का कारण भी बन सकता है।

अगर प्रशासन समय पर नसबंदी और टीकाकरण नहीं करता, तो लोगों को डर बना रहेगा।

• दूसरी तरफ, अगर कुत्तों को उनके इलाकों से हटाया गया तो पशु प्रेमी सड़कों पर उतर सकते हैं।

• यानी आने वाले दिनों में इस आदेश की असली परीक्षा जमीनी हकीकत में होगी।

विशेषज्ञों की राय!
पशु चिकित्सक और शहरी विकास विशेषज्ञों का कहना है कि यह आदेश तभी सफल होगा जब प्रशासन पूरी गंभीरता से काम करे। नसबंदी अभियान और टीकाकरण के लिए बड़े पैमाने पर फंड और जनशक्ति की जरूरत होगी। इसके बिना केवल आदेश जारी होने से हालात नहीं बदलेंगे।

नाटकीय मोड़!
दिल्ली की सड़कों पर आवारा कुत्तों  का मुद्दा हमेशा भावनात्मक और विवादित रहा है। एक तरफ कुत्तों के हमले से घायल होते बच्चे और डरते बुजुर्ग हैं, तो दूसरी तरफ उन पशु प्रेमियों की भावनाएं हैं जो उन्हें परिवार का हिस्सा मानते हैं। सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश मानो दोनों पक्षों को एक ही रस्सी पर संतुलन बनाने की चुनौती दे रहा है।

दिल्ली-NCR में अब हर मोहल्ला, हर गली और हर कॉलोनी इस आदेश के बाद नई व्यवस्था का गवाह बनेगा। नसबंदी, टीकाकरण, भोजन क्षेत्र और आक्रामक कुत्तों के लिए आश्रय—ये चार स्तंभ इस फैसले की नींव हैं। लेकिन क्या प्रशासन इन स्तंभों को मजबूत कर पाएगा, या फिर यह फैसला भी कागजों में दबकर रह जाएगा?

सुप्रीम कोर्ट ने तो आदेश दे दिया है, अब देखना होगा कि दिल्ली की सड़कों पर “इंसान और जानवर की जंग” का नाटकीय अंत होता है या फिर यह अध्याय और खतरनाक मोड़ लेता है।

Leave a Comment

और पढ़ें

Cricket Live Score

Corona Virus

Rashifal

और पढ़ें

error: Content is protected !!