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September 10, 2025 6:15 pm

ट्रंप का व्यापारिक ‘टाइफून’: 24 घंटे में भारत पर बरसेंगे टैरिफ बम!”

ट्रंप का व्यापारिक ‘टाइफून’: 24 घंटे में भारत पर बरसेंगे टैरिफ बम!”

Washington/अमेरिकी राजनीति के ‘तूफानी ट्रंप’ ने एक बार फिर भारत पर तीखा हमला बोलते हुए वैश्विक मंच पर एक नई व्यापारिक जंग की आग भड़काने का संकेत दे दिया है। अमेरिका के पूर्व और संभावित भावी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को सीएनबीसी को दिए साक्षात्कार में यह कहकर सनसनी फैला दी कि “भारत एक अच्छा व्यापारिक साझेदार नहीं है, और मैं 24 घंटों के भीतर भारत पर टैरिफ में भारी बढ़ोतरी करूंगा।”

ट्रंप का यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत-अमेरिका संबंधों में हाल ही में गर्मजोशी की कुछ झलकियां दिखाई दी थीं। लेकिन ट्रंप की जुबानी ‘गर्जना’ ने वाशिंगटन से दिल्ली तक कूटनीतिक गलियारों में चिंता की लहर दौड़ा दी है।

टैरिफ की तलवार लटक रही है!
अपने साक्षात्कार में ट्रंप ने भारत के व्यापारिक रवैये को “स्वार्थी” और “असंतुलित” करार देते हुए दावा किया कि अमेरिका वर्षों से व्यापार घाटा झेल रहा है और अब “और नहीं!”। उन्होंने कहा,

“भारत हमसे बहुत कुछ लेता है, लेकिन बदले में हमें कुछ खास नहीं देता। अब समय आ गया है कि हम उसे उसकी जगह दिखाएं। अगर वह खुद को नहीं बदलेगा, तो टैरिफ की मार झेलेगा।”

ट्रंप की यह धमकी मात्र शब्दों की आंधी नहीं है, बल्कि वह राष्ट्रपति पद की दौड़ में भी वापस जोर-शोर से सक्रिय हैं और यह बयान उनके ‘अमेरिका फर्स्ट’ एजेंडे की पुनरावृत्ति के रूप में देखा जा रहा है।

भारत की चुप्पी या रणनीति?
ट्रंप के तीखे बयानों पर अब तक भारत सरकार की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन विदेश मंत्रालय के उच्च सूत्रों ने बताया कि “स्थिति की गंभीरता को देखते हुए उच्च स्तरीय समीक्षा की जा रही है।” दिल्ली में अमेरिकी दूतावास को भी इस बयान के संदर्भ में स्पष्टीकरण मांगे जाने की संभावना जताई जा रही है।

ट्रंप की पुरानी आदत या नया मोर्चा?
यह पहली बार नहीं है जब ट्रंप ने भारत पर निशाना साधा हो। अपने पूर्व राष्ट्रपति कार्यकाल (2016-2020) के दौरान भी उन्होंने भारत की टैरिफ नीति को “भयानक” बताया था और भारतीय मोटरसाइकिलों पर टैक्स को लेकर भी सार्वजनिक रूप से गुस्सा जाहिर किया था।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप के यह बयान उनके पुराने “बुली डिप्लोमेसी” (धमकाने की कूटनीति) का हिस्सा हैं, जिसके जरिए वह घरेलू वोट बैंक को यह संदेश देना चाहते हैं कि वे अमेरिका के आर्थिक हितों को सर्वोपरि रखते हैं।

व्यापारिक मोर्चे पर क्या होगा असर?
अगर ट्रंप का यह धमकी सच में अमल में आती है, तो इसके दूरगामी प्रभाव पड़ सकते हैं:

• भारतीय निर्यातकों को तगड़ा झटका: टेक्सटाइल, फार्मा, जेम्स-ज्वेलरी जैसे क्षेत्र विशेष रूप से प्रभावित होंगे।

• आईटी क्षेत्र पर असर: भारतीय आईटी कंपनियों की अमेरिका पर निर्भरता जगजाहिर है।

• उपभोक्ताओं की जेब पर असर: अमेरिकी सामान पर भारत द्वारा जवाबी टैरिफ लगाए जाने की स्थिति में आम भारतीय उपभोक्ताओं को भी झटका लग सकता है।

राजनीतिक भूचाल या चुनावी स्टंट?
भारतीय राजनीतिक हलकों में ट्रंप के बयान को आगामी अमेरिकी चुनावों से भी जोड़कर देखा जा रहा है। भाजपा प्रवक्ता ने ट्रंप के बयान पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा,

“भारत किसी के दबाव में झुकने वाला नहीं है। विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को धमकाकर कोई दोस्ती नहीं निभाई जा सकती।”

वहीं कांग्रेस ने इसे केंद्र सरकार की विफल विदेश नीति बताया।

“मोदी सरकार ने ट्रंप से दोस्ती के नाम पर देश का व्यापारिक सम्मान गिरवी रख दिया। आज उसी ट्रंप ने भारत को धमकी दी है।”

कूटनीतिक चालें शुरू!
सूत्रों के मुताबिक भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार समिति (NSAC) और विदेश मंत्रालय की संयुक्त बैठक जल्द ही होने वाली है, जिसमें इस मामले पर अमेरिका से संपर्क साधने की रणनीति बनाई जाएगी। साथ ही, विश्व व्यापार संगठन (WTO) में भी इस विषय को उठाने के संकेत हैं।

भारत की जनता का गुस्सा भी उबाल पर!
सोशल मीडिया पर ट्रंप की टिप्पणी को लेकर भारतीयों का गुस्सा साफ दिख रहा है। ट्विटर पर #BoycottTrump और #IndiaStrong ट्रेंड कर रहे हैं। कई लोगों ने ट्रंप को भारत विरोधी करार दिया और अमेरिकी उत्पादों के बहिष्कार की मांग की।

डोनाल्ड ट्रंप का यह बयान केवल एक व्यापारिक चेतावनी नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय कूटनीति के पानी में डाले गए ऐसे पत्थर के समान है जिसकी लहरें दोनों देशों के संबंधों को हिला सकती हैं। भारत को अब रणनीति, संयम और दृढ़ता के साथ इस चुनौती का सामना करना होगा।
क्या यह व्यापारिक जंग आगे बढ़ेगी, या दोनों देश समझदारी से समाधान निकालेंगे? आने वाला 24 घंटा बेहद निर्णायक होगा।

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